यह तो हम सभी जानते हैं कि अंग्रेजों ने भारत पर कई सालों तक राज किया था, जिसके वजह से भारतीयों को अपने ही देश में गुलामी भरी जिंदगी जीने पर मजबूर होना पड़ा था। अंग्रेज न सिर्फ भारतीयों से दिन भर मेहनत मजदूरी करवाते थे, बल्कि उन्हें प्रताड़ित भी करते थे जिसके बारे में सोच कर आज भी कई लोगों का खून खौल जाता है।
लेकिन अंग्रेजों के भारत आगमन से सिर्फ बुरी चीजें ही नहीं हुई थी, बल्कि उनके आने से हमारे देश में ट्रेन से लेकर हिल स्टेशन में छुट्टियां बिताने तक कई तरह के चलन शुरू हुए थे। ऐसे में शायद बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि भारत के कुछ मशहूर हिल स्टेशनों को बसाने में अंग्रेजों की अहम भूमिका रही है, तो आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में।
अंग्रेजों ने कौन से हिल स्टेशन बनाए और क्यों? British time hill station
इससे पहले कि आप उन जगहों के बारे में जानें, जिन्हें अंग्रेजों द्वारा बसाया है उससे पहले आपको यह जानना होगा कि आखिर ब्रिटिश अफसरों को पहाड़ों पर बस्ती बसाने का ख्याल क्यों आया था। दरअसल भारत के शहरी इलाकों में गर्मी के मौसम में तापमान कई डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुंच जाता था और इतनी गर्मी को झेल पाना अंग्रेजों के बस की बात नहीं थी। इसे भी पढ़ें – ये है भारत के सबसे ठंडे हिल स्टेशन, जहां गर्मी के मौसम में भी दिख जाती है बर्फ
ऐसे में उन लोगों ने गर्मी के सीजन में पहाड़ों का रूख करना शुरू कर दिया था, जहां तापमान ठंडा रहता था और आसपास के पहाड़ी इलाके और हरियाली को देखना सुखद लगता था। इसके अलावा पहाड़ी इलाकों में चाय के बागान शुरू करके बिजनेस में अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता था। इस तरह भारत में विभिन्न हिल स्टेशनों की नींव रखी गई, जिन्हें मनोरंजन के साथ साथ गर्मियों की छुट्टियां बिताने के मकसद से बनाया गया था।
शिमला (Shimla)
आप में से बहुत से लोगों को हिमाचल प्रदेश में स्थित शिमला शहर बहुत ज्यादा पसंद होगा, जहां गर्मी के मौसम में भी ठंडी जलवायु रहती है। यही वजह है कि गर्मी का सीजन शुरू होते ही शहरों के लोग शिमला का रूख करना शुरू कर देते हैं, जहां प्रकृति के खूबसूरत नजारे भी मौजूद हैं।
लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शिमला की नींव अंग्रेजों द्वारा रखी गई है, जो ब्रिटिश शासन काल के दौरान उनकी ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी। यही वजह है कि शिमला में वायसराय हाउस और विभिन्न प्रकार के ऐतिहासिक महल व वास्तुकलाएं, चर्च और स्टेट लाइब्रेरी देखने को मिलती है, जिनका उपयोग किसी जमाने में अंग्रेज किया करते थे।
मसूरी और लंढौर (Mussoorie And Landour)
उत्तराखंड में स्थित मसूरी और लंढौर दो जुड़वां शहर हैं, जो पर्यटकों के बीच घूमने फिरने के लिहाज से काफी ज्यादा फेमस हैं। इन हिल स्टेशनों पर ऊंचे ऊंचे पहाड़ से लेकर हरियाली, झरने और नदियां मौजूद हैं, जिन्हें देखना अपने आप में बेहद सुखद अनुभव देता है। इसे भी पढ़ें – दिल्ली के पास स्थित खूबसूरत ‘मोरनी हिल्स’ हैं घूमने का शानदार डेस्टिनेशन, भूल जायेंगे उत्तराखंड और हिमाचल के पहाड़
ब्रिटिश राज के दौरान अंग्रेज मसूरी और लंढौर में छुट्टियां बिताने के लिए जाया करते थे, इसलिए यहां क्राइस्ट चर्च, रिब्ड वाल्ट और जॉर्ज एवरेस्ट हाउस जैसे ऐतिहासिक इमारतों की झलक देखने को मिलती है। अंग्रेजों ने लंबे समय तक मसूरी और लंढौर में वक्त बिताया था, जिसकी वजह से यह शहर आज भी ऐतिहासिक माना जाता है।
देहरादून (Dehradun)
देहरादून उत्तराखंड के प्रसिद्ध हिल स्टेशनों में से एक है, जहां साल भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस खूबसूरत से शहर को अंग्रेजों द्वारा बसाया गया है, जहां से आपको हिमालय पर्वत की खूबसूरत श्रृंखला देखने को मिलती है।
यही वजह है कि देहरादून में ऐसी बहुत ही प्राचीन इमारतें मौजूद हैं, जिन्हें ग्रीको-रोमन जैसी औपनिवेशिक शैली में अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया था। इतना ही नहीं देहरादून का पलटन बाजार और कनॉट प्लेस अंग्रेजों के जमाने का शॉपिंग कंप्लेक्स हुआ करते थे, जहां आज भी रौनक देखने को मिलती है।
नैनीताल (Nainital)
गर्मी का सीजन शुरू होते ही नैनीताल में पर्यटकों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है, जो ठंडी जलवायु का लुफ्त उठाने का साथ साथ नैनी झील में बोटिंग का मजा भी लेते हैं। इस हिल स्टेशन को भी अंग्रेजों ने ही बसाया था, जो उस दौर में ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी। इसे भी पढ़ें – 3 दिन के ट्रिप में घूमे पूरा ऋषिकेश, पहाड़ों और झरनों का अद्भुत नजारा जीत लेगा आपका दिल
नैनीताल में स्थित राजभवन यानि गवर्नर हाउस भी अंग्रेज शासकों द्वारा ही बनवाया गया है, जिसमें आपको औपनिवेशिक संरचनाओं और विक्टोरियन गोथिक शैली की झलक देखने को मिलेगी। इसके अलावा नैनीताल में वाइल्डरनेस चर्च, मेथोडिस्ट चर्च, शेवरॉन फेयरहैवन्स और गुर्नी हाउस अंग्रेजों द्वारा बनवाई गई इमारते हैं, जो आज पर्यटकों के लिए घूमने फिरने की जगह बन चुकी हैं।
ऊटी (Ooty)
तमिलनाडु में स्थित ऊटी एक बहुत ही खूबसूरत और हरा-भरा हिल स्टेशन है, जहां आपको चाय के बागान देखने को भी मिल जाएंगे। इस हिल स्टेशन की नींव अंग्रेजों द्वारा रखी गई थी, जो ब्रिटिश शासन काल के दौरान उनकी ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी। ऊटी में अंग्रेजों द्वारा निर्मित कई ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं, जिनमें औपनिवेशिक काल की झलकियां देखने को मिलती है।
ऊटी में मौजूद सेंट स्टीफंस चर्च को अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया था, जो गोथिक शैली में बनाया गया है। इसके अलावा यहां स्थित फर्न हिल पैलेस भी अंग्रेजों की देन है, जो 50 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और आसपास के खूबसूरत व हरे भरे नजारे दिखाने के लिए मशहूर है। ऊटी में लॉरेंस स्कूल से लेकर एडम्स स्टैच्यू, लॉली इंस्टीट्यूट, ब्रीक्स स्कूल और नीलगिरी लाइब्रेरी भी अंग्रेजों द्वारा बनाई गई थी, जहां इटालियन गॉथिक शैली की झलक देखने को मिलती है।
इस तरह अंग्रेजों ने ब्रिटिश शासन काल के दौरान भारत के कई पहाड़ी राज्यों में हिल स्टेशन बसाए थे, जहां न सिर्फ वह गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए जाते थे बल्कि यह जगहें उनके लिए बिजनेस के लिहाज से भी काफी फायदेमंद साबित होती थी। अब इन हिस स्टेशन की नींव रखने के लिए अंग्रेजों का शुक्रिया कहना है या नहीं, यह फैसला हम आपके ऊपर छोड़ते हैं। इसे भी पढ़ें – इन हिल स्टेशनों में मिलेगी पर्यटकों की भारी भीड़, गलती से भी न करें ट्रिप प्लान