Hill Station Munsiyari : अक्सर लोग गर्मी के मौसम के हिल स्टेशन घूमने जाते हैं। अगर आप शिमला, मनाली, नैनीताल के भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहते तो मुनस्यारी (Munsiyari) उत्तराखंड के पिथौरा जिले में स्थित एक छोटा-सा हिल स्टेशन है, इसे एक्सप्लोर करें, बाकी जगहों को भूल जाएंगे।
यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, ऊंची-ऊंची चोटियाँ, वाटरफॉल और मंदिर काफी खूबसूरत हैं। प्रकृति प्रेमी और फोटोग्राफी के शौकीन लोगों को एक बार मुनस्यारी ज़रूर जाना चाहिए। हम आपको यहाँ घूमने वाली कई जगहों के बारे में बता रहे हैं:-
मुनस्यारी का प्रमुख पर्यटन स्थल बिर्थी वाटरफॉल (Birthi Water Falls)
Birthi Water Falls : यह एक नेचुरल वाटरफॉल है। यह पिथौरागढ़ का फेमस टूरिस्ट प्लेस है, जो पिथौरागढ़ मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर मुनस्यारी जाने वाले रास्ते में पड़ता है। यहाँ 126 मीटर की ऊंचाई से गिरते हुए पानी को देखना एक अद्भुत नज़ारा होता है। बारिश के दिनों में यह ऊंचाई 140 मीटर तक हो जाती जो सड़क तक पर्यटकों को भींगा देती है।
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मुनस्यारी का महेश्वरी कुंड (Maheshwari Kund)
Maheshwari Kund Munsiyari Pithoragarh : माहेश्वरी कुंड, इसे स्थानीय लोग मेहसर कुंड / मेसर कुंड या मेशर कुंड कहते हैं। मुनस्यारी शहर से यहाँ आप पैदल आ सकते है। इस जगह की एक-एक प्रसिद्ध हिंदू किंवदंती है। यहाँ अर्ध देवता यक्ष प्राचीन झील में रहते थे, जिन्हें गाँव के सरपंच की लड़की से प्यार था। गाँव वालों को यह बात पता चली तो लोगों ने झील को सुखा दिया। यक्ष ने क्रोधित होकर गाँव को सूखा का श्राप दे दिया। कई सालों बाद जब गाँव वालों ने शादी न कराने के लिए यक्ष से माफी मांगी तब सूखे का अंत हुआ।
मुनस्यारी का धार्मिक स्थल नंदा देवी मंदिर (Nanda Devi Temple)
Nanda Devi Temple Munsiyari Pithoragarh : नंदा देवी भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है। यह मुनस्यारी से लगभग 2.5 किमी दूर है। यहाँ से पंचाचूली और हिमालय पर्वत का नज़ारा स्पष्ट दिखाई देता है। यह एक धार्मिक स्थल है। स्थानीय लोककथाओं में नंदा देवी को हिमालय की पुत्री कहा गया है, अर्थात वे माता पार्वती हैं। मंदिर, 1000 साल पुराना है पर आज भी अच्छी तरह संरक्षित है।
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मुनस्यारी की पंचाचूली
जौहर घाटी में स्थित पांच चोटियों के कारण इसे पंचाचूली कहा जाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ये चोटियाँ सोने की तरह चमकती हैं। ऐसा माना जाता कि यह पर्वत शिखर पांचों पांडवों युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव के प्रतीक हैं।
मुनस्यारी का दर्शनीय स्थल बेटुली धार
9000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह दर्शनीय स्थल मुनस्यारी से केवल 7 किमी दूर है। यह स्थान पूरी तरह से खिले हुए लाल रोडोडेंड्रोन से ढका हुआ है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहाँ पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है।
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मुनस्यारी का लोकल मार्केट दरकोट
मुनस्यारी से मात्र 6 किमी दूर एक छोटा-सा गाँव जो खरीदारी के लिए मशहूर है। यहाँ के पश्मीना शॉल और कंबल पूरे भारत में लोकप्रिय हैं। अगर आप प्रकृति प्रेमी, घुमक्कड या कला प्रेमी हैं, तो आपको यहाँ एक बार जरूर जाना चाहिए।