Indian Railways Women Protect Law: हमारे देश में रोजाना सैकड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं, जिसमें हर वर्ग, उम्र और लिंग के यात्री शामिल होते हैं। ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे की तरफ से साल 1989 में कुछ विशेष नियम बनाए गए थे, ताकि ट्रेन में अकेले सफर करने वाली महिला यात्री को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बिना टिकट ट्रेन से न उतारने का नियम
ऐसे में अगर किसी महिला के पास ट्रेन की टिकट नहीं है और उसके साथ छोटा बच्चा मौजूद है, तो भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 139 के तहत टीटी महिला यात्री को ट्रेन से नहीं उतार सकता है। इस कानून के तहत एकल महिला यात्री को बिना टिकट के ट्रेन में यात्रा करने से सभी रोका जा सकता है, जब अधिकारियों के साथ महिला कांस्टेबल मौजूद होगी।
महिलाओं के निर्धारित अलग कोच
भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 311 के तहत ट्रेन में महिलाओं के लिए अलग से कोच निर्धारित होता है, जिसमें पुरुष यात्रियों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती है। यहाँ तक कि अगर कोई सैन्य कर्मी भी महिलाओं के लिए आरक्षित कोच में चढ़ता है, तो उसके प्रवेश पर रोक लगाई जा सकती है।
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भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 162 के अनुसार महिलाओं के लिए आरक्षित कोच में सिर्फ 12 साल से छोटी उम्र के लड़के को सफर करने की इजाजत होती है, जिसके साथ उसकी माँ या बहन होती है। वहीं 12 साल से ज्यादा उम्र के लड़के अगर महिला कोच में सफर करते हैं, तो उनके ऊपर कानूनी कार्यवाही हो सकती है।
महिला कर्मचारी संभाल रही हैं रेलवे स्टेशन
भारतीय रेलवे द्वारा महिलाओं के हित के लिए बनाए कानून के जरिए ट्रेन में एकल महिला यात्री को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता है, जबकि रेलवे में महिला कर्मचारियों की संख्या में इजाफा किया जा रहा है। मुंबई के माटुंगा और राजस्थान के जयपुर रेलवे स्टेशन को महिला कर्मचारी संभालती हैं, जिससे एकल महिला यात्रियों सुरक्षित महसूस होता है।
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