Indian Railway Baby Berth : भारत में लगभग हर वर्ग का व्यक्ति ट्रेन में यात्रा करता है, जिसकी वजह से कई बार लोगों को वेटिंग में सफर तय करना पड़ता है। ऐसे में उन महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है, जिनके साथ छोटे बच्चे होते हैं।
ट्रेन में सीट मिलने के बावजूद भी बच्चे के साथ लंबा सफर तय कर पाना और आराम से लेटना बहुत ही मुश्किल हो जाता है, जिसकी वजह से रेलवे ने सामान्य बर्थ के साथ बेबी सीट को अटैच कर दिया है। इस सीट की वजह से नवजात या छोटे बच्चों के साथ सफर कर रही महिलाओं को सुविधा होगी और उन्हें दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
उत्तरी रेलवे ने दिया महिलाओं को तोहफा | Indian Railway Baby Berth
मदर्स डे (Mothers Day) के मौके पर उत्तरी रेलवे ने महिलाओं को तोहफा देते हुए लखनऊ मेल ट्रेन के थर्ड एसी कोच में सामान्य सीटों के साथ बेबी सीट को अटैच किया है, ताकि नवजात और छोटे बच्चों के साथ सफर करने वाली महिलाओं को ट्रेन में परेशानी का सामना न करना पड़े। इसे भी पढ़ें – Indian Railways में रात के 10 बजे के बाद क्यों बदल जाते हैं यात्रियों के लिए नियम?
आपको बता दें कि लखनऊ से नई दिल्ली के बीच चलने वाली इस ट्रेन में फिलहाल ट्रायल बेस पर बेबी सीट्स को लगाया गया है, जिसकी वजह से यह सुविधा सिर्फ एक कोच में ही दी गई है। अगर यात्रियों का फीडबैक अच्छा रहता है, तो ट्रेन के सभी कोचों में बेबी सीट्स को अटैच किया जाएगा।
नवजात या छोटे बच्चों के साथ सफर करने वाली महिलाओं को ट्रेन में सीट रिजर्व करते समय एक रिजर्वेशन फॉर्म पर बेबी सीट की सुविधा को मेंशन करना होगा, जिसके लिए फॉर्म में बेबी सीट का ऑप्शन दिया जाएगा। ऐसे में महिलाओं के लिए बच्चों के साथ ट्रेन में सफर करना सुविधाजनक हो जाएगा, जबकि बच्चे को सोने के लिए पर्याप्त जगह भी मिल पाएगी।
बेबी सीट को किया जा सकता है फोल्ड
लखनऊ मेल ट्रेन में लगाए गए बेबी सीट्स को जरूर के हिसाब से इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि इनकी आवश्यकता न होने पर उसे आसानी से फोल्ड कर सकते हैं। इस तरह बेबी सीट वाली सीट नॉर्मल सीट में बदल जाएगी, जिससे यात्रियों को सफर तय करने में परेशानी नहीं होगी।
इस बेबी सीट में बच्चे की सुरक्षा के लिए एक स्लाइडर लॉक दिया गया है, जिसकी वजह से बेबी सीट मैन सीट से मजबूती से जुड़ी रहेगी। इसके अलावा बेबी सीट को इस्तेमाल करने के लिए महिलाओं को टीटी की मदद लेनी होगी, क्योंकि अभी इसका सॉफ्टवेयर अपलोड नहीं किया गया है।
अगर बेबी सीट का ट्रायल सही रहा, तो उसके बाद इस सुविधा से जुड़े सॉफ्टवेयर को अपलोड किया जाएगा और ट्रेन के सभी कोचों में बेबी सीट्स को अटैच करने का काम पूरा किया जाएगा। यहां तक कि रिजर्वेशन करते वक्त भी बेबी सीट्स की संख्या यात्रियों को दिखाई नहीं देगी, लेकिन वह फॉर्म भरकर अपनी जरूरत मेंशन कर सकता है और बेबी सीट्स उपलब्ध होगी तो उस यात्री को दे दी जाएगी। इसे भी पढ़ें – Train Ticket Booking कैसे करें? अगर ये सवाल आपका भी है तो घर बैठे करें बुकिंग, एजेंट का पैसा भी बचेगा