History of JCB Bulldozer : भारत में खुदाई के काम या किसी इमारत की नींव तैयार करने के लिए जेसीबी का इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने आप में एक बहुत ही आधुनिक मशीन है। ऐसे में जब भी गली मोहल्ले में जेसीबी मशीन अपना काम शुरू करती है, उसके अनोखे करतब देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है।
लेकिन क्या आपने कभी जेसीबी मशीन के इतिहास (History of JCB Bulldozer) के बारे में सोचा है, आखिर इस अद्भुत मशीन को बनाने का ख्याल किसके मन में आया होगा। इतना ही नहीं इस मशीन का असल नाम जेसीबी है ही नहीं, तो आइए जानते हैं इस पीले रंग की अनोखी मशीन से जुड़ी अहम बातें।
इस मशीन का नाम है बैकहो लोडर
आप में से बहुत से लोग पीले रंग की इस मशीन को जेसीबी (JCB) के नाम से जानते होंगे, जो मशीन के ऊपर बड़े बड़े अक्षरों में लिखा हुआ होता है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मिट्टी की खुदाई करने वाली इस मशीन का असल नाम बैकहो लोडर है। इसे भी पढ़ें – एक वकील ने रखी थी गोदरेज कंपनी की नींव, अंग्रेजों से भिड़कर शुरू किया था मेड इन इंडिया ब्रांड
दरअसल बैकहो लोडर को बनाने वाली कंपनी का नाम जेसीबी (JCB) है, जिसे मशीन के ऊपर अंकित किया जाता है। ऐसे में जब लोग मशीन को देखते हैं, उन्हें लगता है कि उसका असल नाम जेसीबी है। लेकिन अब आप जान चुके होंगे कि इस मशीन को बैकहो लोडर के नाम से जाना जाता है, जबकि इसे बनाने वाली कंपनी का नाम जेसीबी है।
जेसीबी कंपनी की शुरुआत
जेसीबी कंपनी की शुरुआत साल 1945 में ब्रिटेन में हुई थी, जिसने साल 1953 में बैकहो लोडर जैसी ताकतवर मशीन बनाकर तैयार की थी। शुरुआत में बैकहो लोडर मशीन का रंग नीला और लाल हुआ करता था, लेकिन बीतते समय के साथ इस मशीन के फीचर्स और रंग में खास तरह के बदलाव किए गए थे।
साल 1964 में बैकहो लोडर मशीन का रंग नीले और लाल से बदल कर पीला कर दिया गया था, क्योंकि उस वक्त कंट्रक्शन का काम करने वाली ज्यादातर मशीनों का रंग पीला ही होता था। इतना ही नहीं शुरुआत में बैकहो लोडर के साथ ट्रैक्टर ट्रोली जुड़ी हुई थी, जिसे बाद में मशीन से अलग कर दिया गया था।
जेसीबी कंपनी का मुख्यालय ब्रिटेन के रोसेस्टर स्टाफोर्डशायर में स्थित है, जबकि इस कंपनी के मालिक और फाउंडर ब्रिटिश अरबपति जोसेफ सायरिल बम्फोर्ड थे। जोसेफ ने अपने नाम के ऊपर ही कंपनी का नाम जेसीबी रखा था, जिनकी साल 2001 में मौत हो गई थी। हालांकि जोसेफ की मृत्यु के बाद भी कंपनी का नाम नहीं बदला गया और वह दिन ब दिन तरक्की करती चली गई। इसे भी पढ़ें – भारत के विकास के लिए पीढ़ियों से काम कर रहा है टाटा समूह, जानें इस परिवार का इतिहास
भारत में भी बनती है बैकहो लोडर
ऐसा नहीं है कि बैकहो लोडर को बनाने का काम सिर्फ ब्रिटेन में ही होता है, बल्कि जेसीबी कंपनी ने भारत में ही अपनी फैक्ट्रियां, डिजाइनिंग सेंटर और प्लांट स्थापित किए हैं। भारत में जेसीबी कंपनी की कुल 5 फैक्ट्रियां और 1 डिजाइन सेंटर मौजूद है, जबकि कंपनी जल्द ही छठी फैक्ट्री गुजरात के वडोदरा शहर में खोलने जा रही है।
भारत में बनी बैकहो लोडर मशीनों का निर्यात 110 से ज्यादा देशों में किया जाता है, जिससे जेसीबी कंपनी के साथ भारतीय सरकार को भी काफी फायदा होता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जेसीबी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मशीन निर्माता कंपनी है, जो 300 से ज्यादा अलग अलग प्रकार की बड़ी मशीनें बनाने के लिए जानी जाती है।
इस कंपनी में सबसे ज्यादा खेती, कंस्ट्रक्शन वर्क, भार उठाने और जमीन की खुदाई करने के लिए भारी भरकम मशीनें बनाई जाती हैं, जिन्हें चलाना और हैंडल करना बहुत ही आसान होता है। बैकहो लोडर मशीन की शुरुआत कीमत 10 लाख रुपए है, जिसकी कीमत आधुनिक फीचर्स के साथ 40 से 50 लाख रुपए तक पहुंच जाती है।
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