Lasoda Fruit Benefits : भारत में विभिन्न प्रकार के फलों की खेती की जाती है, जिनमें से कुछ फल जंगलों में उगते हैं तो वहीं कई फलों को किसानों द्वारा उगाया जाता है। ऐसे में किसानों द्वारा उगाए जाने वाले फलों के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं, क्योंकि यह फल बाज़ार में आसानी से उपलब्ध होते हैं।
वहीं पहाड़ों पर उगने वाले कुछ जंगली फलों को परिचय की जरूरत होती है, जिनमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है। ऐसा ही एक पहाड़ी फल है लसोड़ा, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जाते हैं। इस फल का साइटिफिक नाम Cordia myxa है, जबकि इसे गोंद और निसोरी जैसे स्थानीय नामों से भी जाना जाता है।
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सेहत के लिए लाभदायक होता है लसोड़ा | Lasoda Health Benefits
लसोड़ा फल को कच्चा और पक्का दोनों तरह से खाया जा सकता है, जो आकार और रंग के मामले में कच्चे अंगूर की तरह दिखाई देता है। यह फल सिर्फ मई और जून महीने के बीच ही खाने के लिए उपलब्ध होता है, जिसका आमतौर पर अचार डाला जाता है या फिर इसे सूखाकर पाउडर बना लिया जाता है।
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दरअसल लसोड़ा में पोषक तत्वों की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जिसके पाउडर को बेसन या गोंद जैसी चीजों में मिलाकर लड्डू बनाए जाते हैं। वहीं इस फल का अचार भी बहुत स्वादिष्ट होता है, जिसका सेवन करने से पेट सम्बंधी बीमारियाँ नहीं होती हैं और इंसान का ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
लसोड़ा के पेड़ की टहानियाँ भी काफी मजबूत और चिकनी होती हैं, जिनका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है। यह फल गर्मी में शरीर को ठंडक प्रदान करता है, जिसकी वजह से देश के गर्म स्थानों में लसोड़ा की मांग काफी ज्यादा होती है।
राजस्थान जैसे राज्य में एक किलोग्राम लसोड़ा 150 से 200 रुपए की कीमत पर बिकता है, जबकि गुजरात में भी इस फल की मांग काफी ज्यादा होती है। लसोड़ा की पत्तियों को बकरी और ऊंट को खिलाया जाता है, जो उनके शरीर में दवाई की तरह काम करती है और उन्हें बीमार होने से बचाती है।
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