अपने शौक को जब जूनून में बदल दिया जाए तब उसका मज़ा ही कुछ और होता है। कानपुर शहर में रहने वाली एक बुद्धिमान और पेड़ पौधे उगाने का शौक रखने वाली महिला दीपाली शाहलोत (Deepali Shahlot) ने अपने इस शौक को कुछ अद्भुत तरीके से पूरा किया। दीपाली की बहुत इच्छा थी की उसका अपना एक गार्डन हो लेकिन उनके पास उसके लिए ज़मीन नहीं थी, लेकिन इस समस्या का समाधान भी उन्होंने निकाल ही लिया।
ये भी पढ़ें – लेक्चरर की नौकरी छोड़ किए खेती, बिना मिट्टी के सिर्फ़ पानी में उगाते हैं सब्जियाँ, कमाई सैलरी से कई गुना ज़्यादा
अपार्टमेंट के छत पर बनाया गार्डन
दीपाली शाहलोत (Deepali Shahlot) एक शिक्षिका और करियर काउंसलर हैं। कुछ वर्षों पूर्व दीपाली शाहलोत उनके पूरे परिवार के साथ छठी मंज़िल पर शिफ्ट हो गया था। दीपाली जब 7 वीं मंज़िल पर अपने अपार्टमेंट की छत पर गईं तो उन्होंने देखा कि वह छत बहुत बड़ी थी, करीब 2200 स्क्वेयर फीट की। जिसे देखकर दीपाली को विचार आया कि वे इस छत पर बागवानी कर के अपने शौक को पूरा कर सकती हैं और बस उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया।
दीपाली ने अपनी टेरेस पर अलग-अलग तरह की फल और सब्जियाँ उगाकर उसे खूबसूरत बाग़ बना दिया। उन्होंने अपने इस बाग़ में बहुत तरीके के पौधे जैसे टमाटर, पत्तागोभी, शिमला मिर्च, अमरूद, भिंडी, लौकी, ककड़ी, बैंगन, धनिया, मिर्ची, नींबू, मटर, ब्रोकली, पालक, प्याज इत्यादि उगाए।
घर पर ही ऑर्गेनिक खाद बनाकर उपयोग की
दीपाली ने अपने बाग़ के पौधों को पोषक तत्व देने के लिए या उन्हें जल्दी बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद का कभी प्रयोग नहीं किया। वे हमेशा रसोई में से बचे फल और सब्जियों के छिलके और दूसरे पदार्थों से ही खाद बनाकर पौधों में डालती हैं। वे इस कचरे से कम्पोस्ट भी बनाती हैं। इस प्रकार से सभी पौधों को अच्छा पोषण मिलता है और फल, सब्जियों में कोई रासायनिक पदार्थ ना होने की वज़ह से वे नुक़सान भी नहीं करती।
25 से भी ज़्यादा तरह की ऑर्गेनिक सब्जियाँ और फल उगाती हैं अपने बाग़ में
वे अपने गार्डन में बहुत मेहनत करती हैं और लगभग 25 से भी ज़्यादा प्रकार के फल सब्जियाँ उगाती हैं, जबकि वे जिस अपार्टमेंट में रहती हैं वह कंक्रीट के जंगल के मध्य है और उनके शहर में मौसम की अनिश्चितता कि भी समस्या है। वहाँ पर गर्मी के मौसम में तापमान बहुत ज़्यादा हो जाता है और सर्दी में बहुत कम। परन्तु फिर भी वे अलग-अलग जगह से और गूगल में सर्च करके ऑर्गेनिक खेती के लिए अपनी परेशानियों का समाधान ढूँढ ही लेती हैं।
ये भी पढ़ें – बिहार के सारण की सुनीता पाइप के द्वारा कर रही हैं वर्टिकल खेती, कर रही सालाना लाखों की आमदनी
इन फल और सब्जियों को बेचती नहीं हैं दीपाली
दीपाली शाहलोत अपने बाग़ की इन ताज़ा-ताज़ा सब्जियों और फलों को स्वयं उपयोग में लाती हैं और फिर अन्य लोगों को भी देती हैं। वह अपने बाग़ की देखभाल करने वाले माली और अपने घर के नौकरों को भी ख़ूब फल और सब्जियाँ देती हैं। उन्होंने कभी इन फल सब्जियों को बेचा नहीं।
सभी के लिए प्रेरणस्रोत हैं दीपाली (Deepali Shahlot)
उन्होंने अपनी मेहनत से अपने इस शौक को खूबसरत बाग़ में बदल दिया। उन्हें कई वर्षों से सब्जियाँ और फल खरीदने कि ज़रूरत नहीं पड़ी। वे सभी लोगों को अपने इस कार्य से प्रेरणा देती हैं और उन्हें उचित जानकारी भी देती हैं। हम सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए कि कोई भी काम मुश्किल नहीं होता, बस ज़रूरत होती है कड़ी लगन और परिश्रम की।
ये भी पढ़ें – सिर्फ 24 की उम्र में ही अनुभव ने अपने छत पर उगाए कई मसाले, फूल, सब्जी और फल, खिला रहे मुहल्ले को भी