Vertical Garden with PVC pipe and Bamboo : दोस्तों, हम खोजने जाएँ तो दुनियाभर में आपको ऐसे अनेक लोग मिलेंगे…जो दिखने में भले ही साधारण लगते हों, पर उनके कारनामे सुनकर आप अचंभित रह जाते हैं और यह सब हो पाता है उनके क्रिएटिव माइंड की वजह से। कई लोग अपनी क्रिएटिविटी की वजह से जाने-अनजाने में एक नया इनोवेशन कर बैठते हैं, जो उनके लिए तो मददगार होता ही है, साथ ही अन्य व्यक्तियों के लिए भी प्रेरणादायी सिद्ध होता है।
आज भी हम ऐसे ही क्रिएटिव माइंड वाली महिला की बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने सब्जियाँ उगाने के एक नए तरीके की खोज करके सबको आश्चर्य में डाल दिया। वैसे तो घर के गार्डन में फल और सब्जियाँ उगाने का शौक बहुत से लोग रखते हैं और आजकल तो शहरों में केमिकल वाली सब्जियों और फलों के नुकसान से बचने के लिए वहाँ के लोग टेरिस गार्डन में ही कई तरह की फल-सब्जियाँ उगा रहे हैं।
परन्तु हम जिन महिला की बात कर रहे हैं उन्होंने किसी टेरेस गार्डन में नहीं बल्कि पीवीसी पाइप व बांस (Vertical Garden with PVC pipe and Bamboo) के अंदर ही कई किलों सब्जियाँ उगा ली। खेती के इस अनोखे इनोवेशन को देखकर सभी लोग आश्चर्य में पड़ गए। इसे भी पढ़ें – पेट्रोल-डीजल की नहीं जरूरत! गुजरात के किसान का इनोवेशन, बनाया बैटरी से चलने वाला ‘व्योम’ ट्रैक्टर
कौन है यह महिला…?
अपनी रचनात्मक सोच से खेती का यह नया तरीका खोजा है बिहार (Bihar) में छपरा (Chapra) की निवासी सुनीता प्रसाद (Sunita Prasad) ने। खेती के इस तरीके को वर्टिकल गार्डन (Vertical garden) कहा जाता है। बता दें कि वर्टिकल गार्डन एक अत्यंत कारगर टेक्निक है, जिसके द्वारा कम स्थान में भी ढ़ेर सारी सब्जियाँ उगाई जा सकती हैं।
सुनीता को आखिर कैसे सूझा ये आइडिया…
सुनीता पहले से ही सब्जियाँ उगाने की शौकीन रही हैं। घर का कोई भी बरतन टूटता था तो उसमें सुनीता अपने शौक के चलते मिट्टी भरकर एक पौधा उगा दिया करती थीं। सुनीता के अनुसार जब वे कबाड़ी वाले को फालतू और रद्दी सामान बेच रही थीं, तभी उन्हें कबाड़ी वाले की साइकिल पर एक पाइप रखा हुआ दिखा।
इस पाइप को सुनीता ने खरीद लिया और उसे अपनी टेरेस पर रख दिया। जैसे-जैसे समय बीतने लगा उस पाइप में मिट्टी का जमाव होने लगा व साथ ही साथ मिट्टी में कुछ घास भी उग गयी। कुदरत का यह कारनामा देख सुनीता को विचार आया कि इन पीवीसी पाइप में भी सब्जियों की खेती की जा सकती है।
गार्डन है पर गमला नहीं
पाइप में सब्जियाँ उगाने का उनका आइडिया जब सक्सेसफुल हुआ तो फिर उन्होंने इसी से जुड़ा एक और विकल्प खोजा। जिसमें सुनीता ने बांस में मिट्टी भरकर उसमें सब्जियाँ उगाने की कोशिश की। यह कोशिश भी सफल रही और अब उनके वर्टिकल गार्डन में वे पीवीसी व बांस के अंदर लगभग हर प्रकार की मौसमी सब्जियाँ उगाया करती हैं। बता दें कि सुनीता के टेरेस गार्डन में एक भी गमला रखा हुआ नहीं हैं, उनके पूरे गार्डन में आपको केवल PVC पाइप व बांस ही दिखाई देंगे।
पाइप का उपयोग महंगा लगे, तो ये तरकीब अपनाएँ
कई लोगों का कहना था कि PVC पाइप में सब्जियाँ उगाने के लिए पाइप खरीदने में ही काफी पैसे खर्च होते हैं, इसलिए यह प्रयोग उन्हें महंगा लगा। अतः इस परेशानी का भी हल खोजते हुए सुनीता ने अपने वर्टिकल गार्डन में बांस का प्रयोग किया। बता दें कि पीवीसी पाइप और बांस दोनों ही प्रकार से सब्जियाँ उगाने में उन्हें अच्छे परिणाम मिले।
इसमें आने वाली लागत की बात करें तो 5 फुट के दो PVC पाइप खरीदने के लिए करीब 1000 रुपये खर्च करने होते हैं। एक पीवीसी पाइप में 4 से 5 प्रकार की सब्जियाँ उगाई जा सकती हैं। यदि आप कम लागत वाले तरीके यानी बांस का प्रयोग करना चाहते हैं तो आपको 10 से 20 रुपये के बांस को लेकर उसे चार भागों में काट लेना है, फिर इस बांस के चारों तरफ प्लास्टिक लगा लीजिए। इस तरीके से गार्डन की तैयारी करने में आपको 35-40 रुपये ही खर्च करने पड़ेंगे। यह तरकीब अपनाकर आप एक बढ़िया वर्टिकल गार्डन बना सकते हैं।
PVC पाइप उगाती हैं ये सब्जियाँ, मिले कई अवॉर्ड
अपनी क्रिएटिविटी से ईजाद किए गए इस तरीके से सुनीता पीवीसी पाइप में कई तरह की सब्जियाँ जैसे बैंगन, भिंडी, गोभी व स्ट्रॉबेरी इत्यादि भी उगाया करती हैं। उनके इस गार्डन में जब लोग पाइप के भीतर गोभी को उगी हुई देखते हैं तो हैरान रह जाते हैं और सुनीता की तारीफ़ किए बिना नहीं रह पाते।
बता दें कि सुनीता को खेती की इस नई टेक्निक हेतु ‘किसान अभिनव सम्मान’ जैसे बहुत से अवॉर्ड से नवाज़ा गया है। उनका कहना है कि वर्टिकल पद्धति से फार्मिंग द्वारा जो सब्जियाँ उगाई जाती है वह लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी रहती है और साथ ही इस तरीके से खेती में लागत भी कम आती है। सुनीता यह आशा करती हैं कि उनके इस तरीके हर व्यक्ति अपनाकर इसका लाभ उठाए। इसे भी पढ़ें – अगर तेज धूप में झुलस गए हैं पौधे, तो सिर्फ 10 रुपए खर्च करके उन्हें दोबारा से बनाए हरा-भरा