जहाँ आजकल के ज्यादातर टीनएजर्स हर वक़्त मोबाइल, लैपटॉप, मस्ती, पार्टी इन्हीं सारी चीजों में हमेशा व्यस्त रहते-रहते हैं, तो वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जिन्होंने बहुत ही छोटी उम्र में अपने लाइफ को पूरी तरह सिक्योर कर लिया है। इन्हीं बच्चों में से एक है आर्य पुदोता जो 18 साल की उम्र में ही जैविक खेती करने के साथ-साथ लोगों को जैविक खेती करने के लिए अपने यूट्यूब, ब्लॉग के माध्यम से जागरूक कर रहे हैं।
वर्तमान समय में लगभग तीस प्रतिशत ही बच्चे हैं जो घर की बनी चीजों, हरी सब्जियाँ इत्यादि को खाना पसंद करते हैं वरना ज्यादातर बच्चे बाज़ार की चीजें ही पसंद करते हैं। उन्हें घर का खाना अच्छा नहीं लगता। उन्हें नहीं पता की बाज़ार में बनी चीजें स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होती हैं। यहाँ तक कि बाज़ार में मिली हरी सब्जियाँ भी केमिकल द्वारा ही उगाई गई होती है।
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इन सारी बातों को सोचकर 18 वर्षीय आर्य पूदोता (Arya Pudota) जैविक खेती करने के साथ-साथ सबको जागरूक करने के लिए बहुत मेहनत कर रहें हैं। उन्होंने अपने यू ट्यूब चैनल “माय ऑर्गेनिक फार्म” के द्वारा किसानों को जैविक खेती और उसके फायदे के बारे में बताते हैं। वैसे काफ़ी सारे किसान है जो जैविक खेती करते हैं, लेकिन सारे किसानों को ज़रूरत है इस खेती को करने की।
वैसे आर्य का जन्म तो लखनऊ में हुआ है लेकिन 12वीं कक्षा तक की अपनी पढ़ाई इन्होंने बंग्लूरु के इंदिरानगर क्षेत्र के नेशनल पब्लिक स्कूल से पूरी की है। बचपन से ही आर्य खेती करने में रुचि रखते हैं। जब यह 12 साल के थे तभी इन्होंने अपनी माँ के साथ खेती की शुरुआत की थी उस समय उनकी माँ ने अपने घर के पास में ही 4 हज़ार फुट ज़मीन सिर्फ़ किचन गार्डन बनाने के लिए खरीदी थी। उनका मानना था कि बाज़ार की केमिकल वाली सब्जियों को खाने से बेहतर है अपने घर में जैविक सब्जियाँ उगाएँ।
कुछ सालों बाद आर्य माँ के इस किचन गार्डन को ख़ुद ही संभालने लगे। धीरे-धीरे लोग उनके किचन गार्डन में उपजी जैविक सब्जियों को ही खरीदना पसंद करने लगे। उसी समय आर्य के मन में यह विचार आया कि उन्हें और भी ज़्यादा लोगों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित करनी चाहिए। इसी कारण उन्होंने अपना एक यूट्यूब चैनल बनाया जिसका नाम उन्होंने ‘माय ऑर्गेनिक फार्म’ रखा। जिसके द्वारा लोगों को अपने घर में ही कैसे जैविक सब्जियाँ उगा है इसके लिए जागरूक करने लगे। इनके वीडियो को लगभग 200 देशों में 1.50 लाख लोगों के द्वारा देखा जा चुका है।
आर्य इतनी कम उम्र में ही अपने यूट्यूब चैनल के अलावा ख़ुद की वेबसाइट पर ब्लॉग्स भी लिखते हैं। इसके साथ-साथ यह स्कूलों में जाकर वेस्ट मैनेजमेंट और आर्गेनिक कम्पोस्टिंग के बारे में वहाँ के छात्रों को बताते और जागरूक करते हैं। आर्य ने एक फार्मिंग कीट भी बनाया है, जिसका नाम उन्होंने ग्रो बेसिक रखा है। इसमे नीम फ़र्टिलाइज़र, ग्रो कोको पीट ब्लॉक और कुछ सब्जियों के बीज इत्यादि रहते हैं। इन सबका उपयोग लोग कैसे कर सकते हैं वह आर्य अपने यूट्यूब चैनल पर लोगों से शेयर करते हैं।
आर्य के इस अतुलनीय प्रयास और मेहनत के लिए यूनाइटेड नेशन के एन्वॉयरमेंट प्रोग्राम में भी उन्हें सराहना मिल चुकी है। इसके साथ ही साथ 2015 में “Green Apple Day of Service” इंडिया अवार्ड में इन्हें पहला स्थान भी मिला है।
आर्य ने जिस उम्र में इतनी बुलंदियों को छुआ है, वाकई वह प्रशंसनीय है। खेलने कूदने और मस्ती करने की उम्र में ही वह इतने सारे लोगों किसानों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं वह भी जैविक खेती के बारे में।