यह ज़रूरी नहीं कि इंसान बाहर नौकरी करके ही कुछ सीख सकता है, बल्कि घर पर रहकर भी आप अपने पसंदीदा कामों को करके बहुत कुछ नई-नई जानकारियाँ हासिल कर सकते हैं। ऐसे ही नई-नई जानकारियों में रुचि रखने वाली माधवी गुट्टिकोंदा (Madhavi Guttikonda) अपनी बागवानी से बहुत लोगों को प्रेरित किया है।
विशाखापट्टनम की रहने वाली माधवी गुट्टिकोंदा (Madhavi Guttikonda) पहले सिर्फ़ अपने घर का कामकाज संभालती थी। लेकिन वर्तमान समय में एक Youtuber होने के साथ-साथ उन्हें बागवानी के क्षेत्र में भी दक्षता हासिल है। सबसे पहले वह अपने 1750 वर्ग फीट के दो तल के टेरेस गार्डन (Terrace Garden) पर बागवानी शुरू की थी। शुरुआत में तो उन्होंने अपने घर को सजाने के लिए सिर्फ़ फूलों के पौधे लगाएँ। लेकिन बाद में माधवी साग और सब्जियाँ भी उगाना शुरू कर दी और ख़ुद की उगाई हुई केमिकल मुक्त साग और सब्जियों का अपने घरों के लिए प्रयोग करने लगी।
खुद ही तैयार करती हैं कीटनाशक दवाइयाँ
फिलहाल माधवी अपने छत पर कई तरह की पत्तेदार सब्जियाँ उगाती हैं जैसे पालक, गाजर, मूली, बैंगन, भिंडी अमरनाथ इत्यादि। इन सब्जियों के साथ-साथ हो फल मसाले और जड़ी बूटियाँ भी उगाती हैं। अपनी बागवानी के लिए माधवी ख़ुद से जीवामृत से पारंपरिक भारतीय जैविक कीटनाशक तैयार करती हैं और उसी का इस्तेमाल करती हैं। वह कोरियाई प्राकृतिक खेती के तरीकों से भी प्रेरित होकर उनका पालन करती हैं।
बागवानी के अनुभव को सोशल मीडिया पर करती हैं शेयर
जब माधवी ने अपने छत पर बागवानी शुरू किया था तब उन्हें कुछ चीजों को लेकर बहुत परेशानी भी हुई थी, जैसे पौधे, अच्छी मिट्टी, बागवानी के लिए टूल्स, कंटेनर इत्यादि। लेकिन वह पीछे हटने की बजाए लगातार प्रयास करती रही। जब उन्हें बागवानी को लेकर कुछ अनुभव हो गया तब उन्होंने अपना एक यूट्यूब चैनल खोला और लोगों के साथ बागवानी के एक्सपीरियंस को शेयर करने लगी। धीरे-धीरे लोग भी उनके अनुभव को बहुत पसंद करने लगे।
1000 से अधिक लोगों को मुफ्त में बीज वितरित किया
खेती करने के साथ-साथ माधवी फूलों और सब्जियों के बीजों को अपने “सीड बैंक” में एकत्रित करती हैं और उन बीजों को बागवानी में रुचि रखने वाले अपने सोशल मीडिया फॉलोअर्स में बांटती है। अब तक माधवी 1000 से भी अधिक लोगों को 20 से अधिक किस्मो के बीज बांट चुकी है।
माधवी ख़ुद तो खेती करती ही हैं साथ में दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करती हैं और वह चाहती हैं कि उनके साथ-साथ लोग भी अपने नेचुरल तरीके से उगाई हुई फल और सब्जियों का आनंद ले।