Facts About Hotel: किसी भी लंबी दूरी की यात्रा करनी हो या फिर किसी शानदार-सी जगह पर जा कर कुछ वक्त बिताना हो, इन सारे काम के लिए जिस जगह को हम अपने रुकने का ठिकाना बनाते है वह होता है होटल रूम। जी हाँ, होटल रूम (Hotel Room) की सबकी अपनी कहानी होती है। पर इन होटल रूम के अपने कुछ खास फैक्ट्स (Facts About Hotel) होते है। ये बात शायद आपसे में बहुत लोगों को न पता हो।
हममें से कई लोग कहीं बाहर घूमने जाने से पहले होटल के बारे में चेक करना पसंद करते हैं। आज के समय में होटल में एक कमरा बुक करना पहले से काफी आसान प्रोसेस हो चुका है। सिर्फ कुछ ही क्लिक में आपकी सुविधा के अनुसार वाला होटल रूम बुक हो कर तैयार है। लेकिन क्या आपके दिमाग में ये बात आती है कि आप जिस कमरे को बुक करने वाले हैं उसमें पहले भी कई लोग रह चुके हैं। हाइजीन के विषय में बात की जाए तो होटल रूम बहुत ज्यादा अच्छे ऑप्शन नहीं होते हैं। भले ही आप किसी भी होटल रूम में जा रहे हों वहाँ पर रेगुलर सफाई नहीं होती है।
होटल रूम के वह सीक्रेट्स (Hotel Room Secret) आपको बतौर होटल में ठहरने वाले एक क्लाइंट के रूप में पता होने चाहिए। इन फैक्ट्स (Facts About Hotel) की जानकारी आपको होटल के स्टाफ कभी नहीं देंगे पर अपने स्तर पर आप इन जानकारियों को प्राप्त करके अपने होटल में ठहरने के एक्सपीरियंस को और बेहतर बना सकते हैं। आपकी सुविधा के लिए हमनें होटल के कुछ फैक्ट्स यहाँ आपके सामने रखें है। ये भी पढ़ें – देशभर के पेट्रोल पंप पर मुफ्त में मिलती हैं यह छह सुविधाएँ, नहीं मालूम तो जान लें इनके बारे में
सफेद रंग की ही क्यों होती है होटल की चादरें (Facts About Hotel)
होटल रूम की कई चीज़े आप होटल में रहते वक़्त शायद ध्यान नहीं देते होंगे। लेकिन वह चीज़े एक खास पैटर्न में, रंग में किसी वजह से ही रखी जाती है। इसी क्रम में होटल रूम की चादरों का रंग अगर देखे तो वह सफेद ही होती है। भले ही कमरे का रंग कुछ भी हो और उसका डेकोरेशन कैसे भी किया गया हो या फिर वह मिड रेंज कमरा हो या हाई रेंज कमरा उनकी चादरें हमेशा ही सफेद रंग की मिलेंगी।
इस सफेद रंग के पीछे का कारण बहुत साधारण-सा है। सफेद रंग में भले ही दाग जल्दी दिखते हों, लेकिन इसे साफ करना अन्य रंग के चादरों से ज्यादा आसान होता है। यहाँ चादरों को हाथ से धोने या मशीन में धोने की बात नहीं हो रही है, बल्कि इसे ब्लीच करने की बात हो रही है। आपने ध्यान दिया होगा की होटल की चादरों से अधिकतर केमिकल स्मेल आती है। ऐसा ब्लीच की वजह से होता है। इन चादरों को धोने की जगह ब्लीच किया जाता है। इस काम में न सिर्फ होटल वालों का पैसा बचता है, बल्कि उनका समय भी बच जाता है और गेस्ट्स को लगता है कि उनके कमरों में बिल्कुल नई चादरें डाली गई हैं।
कमरे में रखें ग्लास नहीं होते बहुत साफ
आप जब भी किसी भी होटल में जाएँ तो वहाँ रखे ग्लास में पानी पीने से पहले उन्हें अच्छे से पोंछ लें या फिर धो लें। होटल के कमरे में रखे हुए यह ग्लास बहुत गंदे होते हैं और अगर आप सोच रहे हैं कि ये रोज़ाना धुलते हैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। एक रिपोर्ट के अनुसार होटल में मौजूद सबसे गंदी चीजों में से एक ये पानी के ग्लास होते हैं।
होटल रूम के टॉवल की नहीं होती रोज़ सफाई
होटल रूम के टॉवल भी बेडशीट्स की ही तरह ब्लीच किए जाते हैं। लेकिन कई बार जब आप अपना कमरा साफ करवाते हैं तो शायद आप ये सोचते होंगे की जो टॉवल रूम सर्विस द्वारा रिप्लेस किए गए हैं वह नए हैं, पर ऐसा नहीं है। अधिकतर पुराने टॉवल को ही प्रेस करके और रूम फ्रेशनर छिड़क कर आपके कमरे में रख दिया जाता है।
शीट कवर की कभी नहीं होती सफाई
होटल के कमरों में मौजूद सबसे गंदी चीजों में से एक हो सकता है शीट कवर। जी हाँ, शीट कवर को कभी भी साफ नहीं किया जाता है और इसे हर बार वैसे ही बिछा दिया जाता है। ऐसे में बेहतर होगा की आप इसे बार-बार न छुएँ और जाते ही बेड से अलग करके रख दें। ये भी पढ़ें – चंद मिनटों में साफ हो जाएगी छत पर रखी पानी की टंकी, इन आसान टिप्स को करें फॉलो
होटल रूम बुक कराने के लिए ट्रैवल एजेंट्स होते है फायदेमंद
होटल रूम बुक करने की प्रक्रिया में अगर आप ऐसे गेस्ट्स है, जिनका कमरा ट्रैवल एजेंट के जरिए बुक करवाया गया है। तो उन्हें ज्यादा बेहतर कमरा दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन कमरों के बदले में मैनेजर को उनका शेयर भी मिलता है। सबसे खराब या बिना व्यू वाले कमरे उन लोगों को दिए जाते हैं जिन्होंने ऑनलाइन वेबसाइट में किसी सेल के जरिए अपना कमरा बुक करवाया होता है। यही कारण है कि कई बार होटल बुक करते समय कमरा काफी सुंदर दिखता है, लेकिन असल में वह उतना अच्छा नहीं होता है।
डायरेक्ट कॉल पर मिलता है बेहतर डिस्काउंट
होटल बुकिंग के प्रोसेस में कई बार ऐसा होता है कि वह लोग जो होटल रिसेप्शन पर डायरेक्ट कॉल करते हैं उन्हें ज्यादा बेहतर कमरा कम दाम में मिल जाता है। ऐसा इस कारण से होता है क्योंकि वेबसाइट्स भले ही आपको बहुत ज्यादा डिस्काउंट दे रही हों पर वह बुकिंग के जरिए कमाई जरूर कर लेती है। ऐसे में आप बुकिंग कंफर्म करने से पहले एक बार खुद से होटल में कॉल करके जरूर रेट पता कर लें। यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
फोन और कीकार्ड को कभी न रखे एक साथ
आजकल अधिकांश होटल्स में कीकार्ड का सिस्टम है। जहाँ दरवाज़ा एक क्रेडिट कार्ड स्टाइल मैग्नेटिक कार्ड के जरिए खुलता है। आप की जानकारी के लिए बता दें कि ये कीकार्ड आपके फोन के संपर्क में आने से डिमैग्नेटाइज हो सकता है और इसका मतलब ये है कि आपको दोबारा रिसेप्शन पर जाकर अपना कार्ड चार्ज करना होगा और फिर ही आपका दरवाजा खुल पाएगा। इसलिए बेहतर यही होगा की आप अपने होटल कीकार्ड को अपने फोन से दूर ही रखें। ये भी पढ़ें – कपड़ा धुलने के बाद डिटर्जेंट के घोल को बेकार समझ कर फेंके नहीं, इस तरह से कर लें दुबारा इस्तेमाल
होटल में रूम अपग्रेड की सुविधा होती है उपलब्ध
अगर आप अपने होटल के रूम से खुश नहीं हैं तो अपने रूम को अपग्रेड करने के लिए बात कर सकते हैं। कई बार ये प्रक्रिया फ्री ऑफ कॉस्ट भी हो जाती है। आपको बस इसके लिए रिसेप्शन पर बात करनी होती है। आप अपना रूम अपग्रेड करने के लिए जितना पैसा एक वेबसाइट को देंगे उससे काफी सस्ते में यह काम आप होटल के रिसेप्शन से करवा सकते हैं।
ज्यादा महंगे होते हैं फ्रिज में रखें हुए सामान
आप जब भी किसी होटल में जाएंगे तो आपको अपने कमरे में एक मिनी फ्रिज हमेशा ही उपलब्ध मिलेगा। कई बार इस फ्रिज में बहुत सारे स्नैक्स और अल्कोहल रखे होते हैं। ये खासतौर पर रखे जाते हैं ताकि गेस्ट इन्हें इस्तेमाल कर बिल ज्यादा बढ़ाए। अगर वही सारी चीज़े आप बाहर से लेने जाएंगे तो वह आपको ज्यादा सस्ती मिलेगी। इसलिए इस मिनी फ्रिज के सामान का इस्तेमाल न करें। भले ही आपके होटल में नो आउटसाइड फूड और ड्रिंक की पॉलिसी हो, पर आप यह कोशिश जरूर कर सकते हैं कि खाना बाहर जाकर खा लें या अपने जरूरत के खाद्य पदार्थ का सेवन बाहर ही कर लें।
उम्मीद है कि होटल से जुड़े इन फैक्ट्स (Facts About Hotel) की जानकारी आपको आने वाले समय में काम आएगी। इसलिए इस जानकारी को संभाल कर रखें और जरूरत पड़ने पर किसी भी होटल रूम में अपनी सुविधाओं का लाभ उठाएँ और गलत चीजों से बचें।
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