Tower Lantern Charger Job: आज के दौर में मनपसंद नौकरी ढूँढना बहुत ही मुश्किल काम हो गया है, जिसमें अच्छी सैलेरी और कम वर्किंग ऑवर्स किसी सपने से कम नहीं है। ऐसे में प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों को 9 से 10 घंटे काम करने के बाद घर खर्च चलाने लायक सैलेरी मिल पाती है, जबकि उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अलग से खराब होता है।
वहीं कुछ कंपनियाँ ऐसे जॉब ऑफर्स देती हैं कि उनके बारे में जानकर कर्मचारियों का ही सिर चकराने लगता है। ऐसी ही एक नौकरी है टॉवर लैंटर्न चेंजर की, जिसे करने वाले व्यक्ति को सालाना 1 करोड़ रुपए का सैलेरी पैकेज दिया जाता है। लेकिन इसके बावजूद भी कोई इंसान इस नौकरी को नहीं करना चाहता है।
लैंटर्न चेंजर की खतरनाक जॉब
दरअसल लैंटर्न चेंजर की नौकरी बहुत ही मुश्किल और खतरनाक होती है, जिसके लिए उन्हें 600 मीटर या फिर उससे भी अधिक ऊंचाई वाले टॉवर पर चढ़ना पड़ता है। इन सिग्नल टॉवरों के टॉप पर एक लाइट जलती रहती है, जिसके बल्ब को 6 महीने में एक बार बदला जाता है।
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ऐसे में लैंटर्न चेंजर को ऊंचे टॉवर पर चढ़कर पुराने बल्ब की जगह पर नया बल्ब लगाना होता है, जबकि इस दौरान उसे ऊंचाई पर तेज हवाओं और हिलते हुए टॉवर के खतरे को झेलना पड़ता है। इतना ही नहीं टॉवर के टॉप पर चढ़ने के लिए लैंटर्न चेंजर को सिर्फ एक रस्सी दी जाती है, जो अगर गलती से टूट जाए तो लैंटर्न चेंजर का बच पाना नामुमकिन है।
यही वजह है कि 1 करोड़ का सैलेरी पैकेज होने के बावजूद भी कोई भी इंसान इस नौकरी को नहीं करना चाहता है, जबकि उसे साल में सिर्फ 2 बार टॉवर पर चढ़कर बल्ब बदलना होता है। दरअसल यह बल्ब आसमान में उड़ने वाले प्लेन और हवाई जहाजों को टॉवर की मौजूदगी का संदेश देते हैं, जिसकी वजह से टॉवर पर 24 घंटे लाइट को जलाए रखना अनिवार्य नियम होता है।