Sawan 2023, Rudrashtakam Path : श्रावण मास भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में जो भी भक्त भोलेनाथ की पूजा विधि-विधान से करता है, उसे भगवान की असीम कृपा मिलती है और उसके जीवन में हमेशा ही सुख और समृद्धि आती है। आइए जानते हैं, पूजा विधि के बारे में:-
श्रावण मास (Shravan Month 2023) में भगवान शिव की विस्तृत पूजा, रूद्राभिषेक, मंत्रोच्चारण जैसे “ॐ नमः शिवाय,” श्री शिव अष्टोत्तरशत और शिव रूद्राष्टकम (Rudrashtakam Path) का विधिपूर्वक पाठ करना शुभ माना जाता है।
भगवान को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक के साथ शिव रूद्राष्टकम का पाठ करना (Rudrashtakam Path) अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। श्री शिव रूद्राष्टकम गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित है। ऐसा माना जाता कि इस भजन का पाठ करने से न केवल सुख और शांति की प्राप्ति होती है, बल्कि आपकी इच्छाओं की पूर्ति भी होती है। इसके साथ ही आपको असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है तथा भय और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होता है।
हालांकि, शिव रूद्राष्टकम का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए लेकिन यदि आप इसे रोज़ नहीं कर पाते हैं, तो श्रावण मास में आपको सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर जलाभिषेक करके बेलपत्र, दूध, दही, घी, गंगाजल, फूल और फल चढ़ाकर विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए। शिव रूद्राष्टकम का कम से कम सात बार पाठ करना चाहिए। इससे आपकी सभी इच्छाएँ पूरी होंगी।
ध्यान रखें, भगवान शिव की पूजा करते वक्त कुछ चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए। शिवपुराण के अनुसार, भक्तों को शिव जी को तुलसी, हल्दी, सिंदूर, नारियल पानी और शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
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