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Sawan 2023: रीवा का महामृत्युंजय मंदिर, असाध्य रोगों और अकाल मृत्यु का डर टालता

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Sawan 2023: सावन का महीना शुरू हो गया है। अपने आराध्य के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु विभिन्न मंदिरों की यात्रा करते हैं और भोलेनाथ को दूध, दही, शहद, घी, उन्हें अर्पित करते हैं। भक्त मानते हैं कि ऐसा करने से भगवान उनके सारे विघ्न हर लेंगे। आज हम आपको रीवा के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जहाँ के चमत्कार आपको आश्चर्यचकित कर देंगे:-

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा (Rewa) में स्थित महामृत्युंजय मंदिर (Mahamrityunjaya Temple Rewa) को लेकर मान्यता है कि यह असाध्य रोगों से मुक्ति दिलाता और अकाल मृत्यु को टाल देता है। यहाँ के शिवलिंग की बनावट दुनिया के सभी शिवलिंग से बिल्कुल अलग है। यह एक मात्र ऐसा शिवलिंग है जिसमें 1001 छिद्र हैं। यहाँ महामृत्युंजय मंत्र का प्रतीक्षित अवतरण होता है।

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ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित स्वयंभू महामृत्युंजय को जल चढ़ाने से भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। व्यक्ति अकाल मृत्यु से बच सकता है। यहाँ महामृत्युंजय मंत्र का जाप और रुद्राभिषेक करने से महामारी और असाध्य रोगों से निजात मिलता है। सावन महीने में इस मंदिर में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी हो सकती हैं।

इस मंदिर से सम्बंधित दो धार्मिक लोककथाएँ मशहूर हैं:-

1- लगभग 500 साल पहले, रियासत के महाराज ब्याघ्रदेव सिंह शिकार के दौरान इसी स्थान पर मौजूद थे। उन्होंने उस रात देखा कि मंदिर परिसर के पास एक शेर एक चीतल के पीछे दौड़ रहा था, लेकिन चीतल जब टीले के पास पहुँचा, शेर शांत हो गया। उसी समय महाराज को इस स्थान पर मौजूद शक्तियों की अनुभूति हुई और फिर उन्होंने मंदिर की स्थापना करवाई।

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2- दूसरी लोककथा के अनुसार, कई सालों पहले यहाँ से साधू संतों और भांट अपनी यात्रा के दौरान इस प्रतिमा को लेकर टीले के पास से गुजर रहे थे। उस रात, जब वे वहाँ आराम कर रहे थे, उन्हें शिव जी ने स्वप्न में दिखाया कि महामृत्युंजय प्रतिमा को इसी जगह पर छोड़कर जाना चाहिए। इसके बाद से साधू संत यहाँ इस प्रतिमा को छोड़कर चले गए।

सावन, एकादशी, महाशिवरात्रि और बसंत पंचमी जैसे धार्मिक दिनों पर यहाँ भक्तों की लंबी कतार लगती है। भक्त अपनी श्रद्धानुसार जप, तप और हवन करते हैं।

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News Desk
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