Mushroom Farmer Ashok Singh Vashishtha – आज के आधुनिक दौर में हर व्यक्ति पैसा कमाना चाहता है, ताकि वह बेहतर जिंदगी जी सके। लेकिन जिंदगी में कामयाब होने के लिए एक अच्छे आइडिया की जरूरत होती है, ताकि कम समय में ज्यादा पैसे कमाए जा सके।
आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने किसानी के क्षेत्र में आधुनिक तरीके से काम किया और अपने बेहतरीन आइडिया के चलते अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। तो आइए जानते हैं आधुनिक किसान अशोक कुमार वशिष्ठ के बारे में-
मशरूम की आधुनिक खेती (Morden Mushroom farming in India)
हरियाणा के जींद से ताल्लुक रखने वाले अशोक कुमार वशिष्ठ (Farmer Ashok Singh Vashishtha) पेशे से एक किसान हैं, जिन्होंने सिर्फ 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। अशोक ने स्कूल छोड़ने के बाद खेती बाड़ी शुरू कर दी, जिसके जरिए वह अपने परिवार का भरन पोषण करते थे। अशोक के पास 5 एकड़ जमीन थी, हालांकि उसमें पैदा होने वाली फसल से अशोक को ज्यादा मुनाफा नहीं होता था। ऐसे में अशोक ने खेती के साथ प्रयोग करने का फैसला किया और मशरूम की खेती (Mushroom farming) करने के लिए खुद को तैयार किया।
साल 2007 में अशोक ने अपने रिश्तेदारों से संपर्क किया, जो सोनीपत में रहते थे। अशोक के रिश्तेदारों ने उन्हें मुरथल में स्थित मशरूम रिसर्च सेंटर (Mushroom Research Center Murthal) के बारे में बताया, जहाँ उन्होंने वैज्ञानिकों से मुलाकात की। इसके बाद अशोक कुमार ने रिसर्च सेंटर में डॉक्टर अजय सिंह यादव से मशरूम की खेती करने की ट्रेनिंग (Mushroom cultivation training by government) ली। इस तरह कुछ समय तक रिसर्च सेंटर में ट्रेनिंग लेने के बाद अशोक कुमार ने मशरूम की खेती करने का फैसला किया।
खंडहर और खाली घरों में उगाए मशरूम
अशोक कुमार ने खेती की ट्रेनिंग तो ले ली थी, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि वह मशरूम की खेती कहाँ पर करें। ऐसे में अशोक कुमार ने काफी सोच विचार के बाद खंडहर और खाली पड़े घरों का इस्तेमाल कर खेती करने का निर्णय लिया। अशोक कुमार ने खाली घरों में मशरूम की खेती शुरू की। हालांकि पहले प्रयास में उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई। लेकिन अशोक कुमार ने हार नहीं मानी और दूसरी बार फिर से मशरूम की यूनिट तैयार की।
इस तरह दूसरे और तीसरे प्रयास के बाद अशोक कुमार को मशरूम की खेती करने में सफलता हासिल हो गई, जिसके बाद उन्होंने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा। मशरूम की खेती करने के दौरान अशोक कुमार रिसर्च सेंटर से लगातार ट्रेनिंग भी ले रहे थे।
मशरूम की मार्केटिंग थी चुनौतीपूर्ण कार्य
उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की देखरेख में खेती की, जिसके जरिए उन्हें मशरूम की खेती करने में महारत हासिल हो गई। हालांकि अशोक कुमार के लिए बाज़ार में मशरूम की मार्केटिंग करना एक बड़ी चुनौती साबित हुई। दरअसल जींद और हरियाणा के ज्यादातर इलाके में रहने वाले लोगों को मशरूम की कोई जानकारी नहीं थी, ऐसे में अशोक कुमार के लिए मशरूम की तैयार फसल को बेचना काफी मुश्किल था। इतना ही नहीं कई लोगों को मशरूम नॉनवेज लगता था।
हालांकि अशोक कुमार वशिष्ठ ने हार नहीं मानी और मशरूम के बारे में आस पड़ोस के लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया, इस तरह धीरे-धीरे जींद समेत हरियाणा के कई इलाकों में लोगों को मशरूम के बारे में सही जानकारी हासिल हुई। इसके बाद अशोक कुमार द्वारा तैयार की गई मशरूम की फसल बाज़ार में तेजी से बिकने लगी और उसकी मांग में बढ़ोतरी हो गई, जिसके बाद अशोक ने दूसरे किसानों को भी मशरूम की खेती और प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया।
इस तरह अशोक कुमार के प्रयासों से जींद के कई किसानों ने मशरूम की खेती करने के गुण सीखे, जिसके जरिए उन्हें सालाना अच्छा खासा मुनाफा होता है। वहीं अशोक भी लोगों को ट्रेनिंग देकर काफी सराहनीय काम करते हैं।
शुरू किया आचार और मिठाईयों का बिजनेस
अशोक कुमार हमेशा आगे की सोच रखते हैं, इसलिए उन्होंने अपनी जानकारी को सिर्फ मशरूम उगाने तक ही सीमित नहीं रखा। अशोक कुमार ने घर पर ही मशरूम का अचार और सब्जी तैयार की, जिसे उन्होंने अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को खिलाया। धीरे-धीरे अशोक कुमार द्वारा तैयार अचार की मांग गाँव भर में बढ़ने लगी, जिसके बाद उन्होंने मशरूम से नया व्यापार शुरू कर दिया।
अशोक कुमार ने मशरूम का अचार और पापड़ बनाकर आम लोगों के बीच बेचना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से उनके द्वारा तैयार किए गए प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ने लगी। अब तक अशोक कुमार मशरूम का इस्तेमाल करके पापड़ और अचार समेत मिठाई भी तैयार कर चुके हैं।
सालाना 10 लाख रुपए की कमाई
इतना ही नहीं जींद में उनके द्वारा तैयार किए गए मशरूम के 86 अलग-अलग प्रोडक्ट्स बाज़ार में मिलते हैं, जिससे अशोक कुमार की अच्छी खासी कमाई होती है। अशोक कुमार ने मशरूम के जरिए मिठाई, लड्डू, बर्फी और जलेबी बनाकर वैज्ञानिकों भी हैरान कर दिया था।
अशोक कुमार वशिष्ठ को अपने सभी उत्पादों के लिए FSSAI की तरह से सेर्टिफिकेट भी मिल चुका है, जिसका मतलब यह है कि उनके द्वारा तैयार किए गए खाद्य प्रोडक्ट्स स्वस्थ्य के सही पैमानों पर खरे उतरते हैं।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अशोक कुमार वशिष्ठ मशरूम की खेती और उसके द्वारा तैयार प्रोडक्ट्स के जरिए सालाना 10 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई करते हैं, जो एक किसान के लिए बहुत बड़ी बात है।
हालांकि लॉकडाउन की वजह से अशोक कुमार को बिजनेस में थोड़े उतार चड़ावों का सामना करना पड़ा था, जिसकी वजह से उनकी सालाना कमाई 5 लाख रुपए हो गई थी। लेकिन संभलते हालातों के चलते अशोक कुमार का बिजनेस एक बार फिर ट्रैक पर लौट आया है।
हरियाणा के लोगों को मशरूम के बारे में बताने और उसकी खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने का श्रेय अशोक कुमार वशिष्ठ (Farmer Ashok Kumar Vashist) को जाता है, जिन्होंने खुद मुनाफा कमाने के साथ दूसरे किसानों को भी मशरूम की खेती के लिए बढ़ावा दिया है।