झारखंड: देश को यदि कुछ देने या देश के लिए कुछ कर गुजरने की बात हो तो केवल सैनिक बनना ही एकमात्र रास्ता नहीं है। देश के अंदर रहकर भी आप देश के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। हालांकि, सेना में जाकर देश के लिए काम-काम एक अलग ही गौरव की बात होती है।
आज हम आपको ऐसे ही एक देशभक्त खिलाड़ी से मिलवाने जा रहे हैं। जिसने सबसे पहले देश के लिए क्रिकेट खेला। देश को ना जाने कितनी बार उसने अपने ‘हेलीकॉप्टर शॉट’ से हारी हुई बाजी तक जीतवाई। उस क्रिकेटर को लोगों ने सैनिकों से लगाव के चलते सीमा पर भी कई बार खड़े देखा। लेकिन अब वह क्रिकेटर अपने फार्म हाउस पर सब्जियाँ उगा रहा है। वह भी ऑर्गेनिक तरीके से। ताकि देश के लोगों की बिगड़ती हुई सेहत को सुधारा जा सके।
क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni)
हम बात देश के मशहूर क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की कर रहे हैं। झारखंड (Jharkhand) के रांची (Ranchi) के रहने वाले महेंद्र सिंह धोनी को आपने जब भी टीवी पर देखा होगा अक्सर आपको वह क्रिकेट के मैदान में दिखाई दिए होंगे। कभी बतौर विकेट कीपर किल्ली उखाड़ते तो कभी अपने बल्ले से चौके छक्के की बरसात करते। लेकिन आज हम आपको उन्हीं महेंद्र सिंह धोनी को किसान के मैदान यानी खेत में खेती करते हुए दिखाने जा रहे हैं।
कहाँ कर रहे हैं खेती
पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों अपने शहर रांची में ही खेती कर रहे हैं। यहाँ उनका अपना फार्म हाउस है। जहाँ वह तमाम तरह की सब्जियाँ उगा रहे हैं। ख़ास बात ये है कि वह ये सारी सब्जियाँ बिना किसी केमिकल के उगा रहे हैं। केमिकल ना होने के चलते उनके फार्म हाउस में उगाई गई इन सब्जियों की डिमांड रांची शहर में लगातार बढ़ती ही जा रही है।
10 टन स्ट्रॉबेरी का करते हैं उत्पादन
ऐसा नहीं है कि धोनी केवल अपने घर के लिए खेती करते हैं। फिलहाल वह 10 टन स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कर रहे हैं। जिसे बेचकर उनको 30 लाख की मोटी आमदनी भी हो रही है। इसके साथ ही वह अपने फार्म हाउस पर बड़े पैमाने पर खरबूजा और तरबूजे की भी खेती कर रहे हैं। यदि हम इसके उत्पादन की बात करें तो 300 किलो तरबूज और 200 किलो खरबूजा का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है। जिसे वह बाज़ार में बेच देते हैं।
बिना केमिकल के करते हैं पूरी खेती
आज जहाँ बाज़ार में केमिकल से उगाए कृषि उत्पादों की भरमार है। तो वहीं धोनी बिना केमिकल के प्रयोग वाली खेती करके एक नजीर पेश कर रहे हैं। वह फिलहाल 43 एकड़ में फैले अपने फार्म हाउस पर बिना केमिकल के खेती करते हैं। केमिकल ना प्रयोग होने के चलते इनके फार्म हाउस में उगे फल और सब्जियाँ बेहद स्वादिष्ट होते हैं। साथ ही इनसे किसी तरह की बीमारी का भय भी नहीं होता इसलिए लोगों के बीच इन फलों की भारी डिमांड हो रही है। इसी प्लान को आगे बढ़ाते हुए महेंद्र सिंह धोनी अपने फार्म हाउस के एक एकड़ में अब बिना केमिकल के शिमला मिर्च की भी खेती कर रहे हैं।
कड़कनाथ मुर्गे के बाज़ार में भी उतरने की तैयारी में
महेंद्र सिंह धोनी अब केवल खेती तक ही सीमित नहीं हैं। यदि हम उनके फ्यूचर प्लान की बात करें तो अब वह कड़कनाथ मुर्गे के बाज़ार में हाथ आजमाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने बड़े स्तर पर कड़कनाथ मुर्गे को पालने और बेचने की भी तैयारी कर ली है। इसके लिए वह अपना ख़ुद का मुर्गी फार्म हाउस बना रहे हैं। आपको बता दें कि बाज़ार में मुर्गे तो बहुत हैं, लेकिन कड़कनाथ मुर्गा सबसे अलग होता है। इसके चिकन की क़ीमत 600 से लेकर 1, 000 रुपए प्रति किलो तक होती है। इसलिए धोनी केवल कड़कनाथ मुर्गे के ही बाज़ार में उतरना चाहते हैं।
बेस्ट पशुपालन का खिताब भी मिल चुका है
महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिकेट में तो अब तक ना जाने कितने पुरस्कार अपने नाम कर लिए है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अब उन्हें झारखंड के बेस्ट पशुपालन के खिताब से भी नवाजा जा चुका है। साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें आने वाले दिनों में बेस्ट कृषक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाए।
महेंद्र सिंह धोनी ने जिस तरह से क्रिकेट के बाद खेती के काम में उतरने का फ़ैसला किया है, वह काबिले तारीफ है। खासतौर पर आज के दौर में बिना केमिकल वाली खेती के लिए ‘Awesome Gyan’ उन्हें सलाम करता है।