Lord Rama’s Sister Shanta Story : रामायण ना सिर्फ भगवान राम जी की पूरी जीवनकथा है बल्कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित एक धार्मिक ग्रंथ है। इसमें हमें भगवान राम और उनके पूर्वजों व परिवार का भी पूरा विवरण मिलता है। वैसे ज्यादातर लोगों ने रामायण पढ़ी या सुनी होगी इसलिए भगवान राम, उनके माता-पिता व उनके भाइयों के बारे में तो हर कोई जानता है, पर क्या आप जानते हैं कि भगवान राम की एक बहन भी थी? आपका जवाब शायद ना होगा, क्योंकि भगवान राम जी की बहन के बारे में लोग कम ही जानते हैं और उनकी बहन का जिक्र भी काफी कम ही जगहों पर देखने को मिलता है।
ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री राम जी की एक बहन भी थीं, जिनकी पूजा आज भी देश में कई मंदिरों में की जाती है। तो चलिए जानते हैं कि कौन थीं राम जी की बहन …और किन मंदिरों में होती है उनकी पूजा?
कौन थीं भगवान श्री राम जी की बहन?
आप सबको पता होगा कि भगवान श्री रामजी के 3 भाई थे, जिनका नाम था लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न। पर क्या आप यह जानते हैं कि भगवान श्री रामजी की शांता नाम की एक बहन भी थीं, जिनका ज़िक्र रामायण में भी मिलता है। कहते हैं कि शांता दशरथ व कौशल्या की बेटी थीं और चारों भाइयों से बड़ी थीं। शांता को कौशल्या की बड़ी बहन वर्षिणी व उनके पति रोमपद को गोद दे दिया गया था। इसे भी पढ़ें: हर साल तिल के दाने जितनी बढ़ जाती है इस शिवलिंग की लंबाई, वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए रहस्य
माना जाता है कि वर्षिणी की अपनी संतान नहीं होने की वजह से उन्होंने राजा दशरथ व कौशल्या से उनकी पुत्री शांता को गोद लेने की इच्छा ज़ाहिर की थी, इसके बाद राजा दशरथ ने वर्षिणी का दुःख समझते हुए उनको अपनी पुत्री शांता को गोद देने का वचन दे दिया था।
इस प्राचीन मंदिर में होती है भगवान राम की बहन की पूजा
भगवान श्री राम जी की बहन शांता की पूजा देश में कई मंदिरों में की जाती है, परन्तु एक ऐसा भी मन्दिर है जो खासतौर पर राम जी की बहन शांता के लिए बना है और उनकी पूजा विशेष रूप से की जाती है। यह स्थान हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से करीब 50 km दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में उनकी प्रतिमा स्थापित की हुई है, जिसकी पूजा-अर्चना रोज़ाना नियमित रूप से हुआ करती है। इस मंदिर में ना केवल स्थानीय लोग तो आते ही हैं, साथ ही सुदूर स्थानों से भी पूजा के लिए यहां लोग आया करते हैं।
कहते हैं कि जो कोई भी श्रद्धालु इस मंदिर में सच्चे हृदय से पूजा अर्चना करता है उन पर श्री राम जी की बहन के साथ राम जी की कृपादृष्टि भी रहती है। इस मंदिर में दशहरे का त्यौहार खूब हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है।
प्राचीन कहानियों में भी मिलता है उल्लेख
प्राचीन कथाओं में भी श्री राम जी की बड़ी बहन शांता का उल्लेख मिलता है। बहुत से लोगों का ऐसा भी कहना है कि पुत्री के जन्म के पश्चात राजा दशरथ की कोई संतान नहीं हो रही थी, परन्तु वे एक बेटा पाने की इच्छा रखते थे ताकि उनका वंश आगे बढ़ सके और उन्हें राज्य का उत्तराधिकारी मिल सके। फिर अपने इस मनोकामना की पूर्ति के लिए राजा दशरथ ने ऋषि की सलाह पर पुत्रकामेष्टि यज्ञ किया। इस यज्ञ के सम्पन्न होने के थोड़े समय पश्चात राजा दशरथ को चार पुत्र रत्नों- राम, भरत व दो जुड़वां लक्ष्मण और शत्रुघ्न की प्राप्ति हुई। कहा जाता है कि इन पुत्रों की प्राप्ति के पूर्व ही राजा दशरथ ने अपनी बेटी को गोद दे दिया था।
एक विख्यात विदुषी थी शांता
प्राचीन कथाओं में श्री राम जी की बहन शांता के बारे में जो जानकारियां मिलती है उनके अनुसार वे वेद व कला की ज्ञाता तो थीं ही, साथ ही साथ वे शिल्पकला में भी माहिर थीं। शांता का विवाह शृंग ऋषि के साथ हुआ था और वे अंग देश की रानी थीं। शांता के पति ऋषि श्रृंग एक महान ऋषि हुआ करते थे। माना जाता है कि वे जहां पर भी पैर रखते थे, उस स्थान पर ठीक समय पर बारिश होती थी,शांति व समृद्धि रहती थी और वहां पर लोग आनंदपूर्वक रहा करते थे।
कुल्लू में शांता मंदिर का जो प्रख्यात मन्दिर है, उसमें उनके साथ उनके पति की भी पूजा की जाती है। इस मंदिर में पक्षियों का मधुर कलरव था प्राकृतिक सौंदर्य सभी को आकर्षित करता है। इसे भी पढ़ें: कौन थे महर्षि महेश योगी, जिन्होंने दुनिया भर में चला दी खुद की करेंसी, नाम रखा था ‘राम मुद्रा’