Umngot river in Meghalaya: आजकल भारत के ज्यादातर नदियों का जल नहाने योग्य भी नहीं रह गया है। नदियों को गंदा में करने सबसे ज्यादा जिम्मेदार आम जनमानस होता है। वही मेघालय के एक गांव के लोगों ने उमंगोट (Umngot river) को दुनिया की सबसे स्वच्छ नदियों में पहले स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया है। हम सभी को मेघालय के इस गांव के लोगों से सीख लेने की आवश्यकता है कि वे लोग कैसे अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं। उमंगोट दुनिया की सबसे स्वच्छ नदी है। Umngot is the cleanest river in the world
नदियों अथवा देश में फैली हुई गंदगी के लिए सबसे ज्यादा जनता जिम्मेदार होती है। गंगा तथा यमुना का हाल कुछ क्षेत्रों को छोड़कर ऐसा है की नाले और नदी में कोई फर्क करना बड़ा ही कठिन है। सरकार अपने स्तर पर काम करती है। सबसे बड़ा सहयोग आम जनमानस का होता है, जो किसी भी क्षेत्र को साफ अथवा गंदा करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। गंगा की सफाई के लिए सरकार ने अभी तक हजारों करोड़ रुपए पानी की तरह बहा दिए है। लेकिन नदियों के हाल में कोई खास फर्क नहीं दिख रहा है।
इसके आसपास रहने वाले नागरिकों की वजह से उमंगोट नदी (Umngot river) को ‘दुनिया की सबसे साफ नदी’ का खिताब मिला है। यह नदी मेघालय में स्थित है। इस गांव में नदी को स्वच्छ रखने की परंपरा प्राचीन काल से ही प्रचलन में है। यहां के लोग अच्छे से इस परंपरा का निर्वहन करते हैं। यह नदी भारत बांग्लादेश सीमा के पास जयंतिया की पहाड़ियों में बहती है। यह स्थान मेघालय की राजधानी शिलांग से लगभग 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तो चलिए आपको इस सुंदर नदी के बारे में और भी अधिक जानकारी देते हैं। इसे भी पढ़ें – क्या आपने कभी हवा में बैठकर खाना खाया है? यदि नहीं तो जानिए भारत के इन 5 हैंगिंग रेस्टोरेंट्स के बारे में
पानी और कांच में अंतर करना है मुश्किल
इस नदी का पानी इतना साफ है कि नदी के अंदर रहने वाले जीव-जंतु, पेड़-पौधे, पत्थर, रेत आदि साफ-साफ नजर आते हैं। इस नदी में चलने वाली नाव ऐसे प्रतीत होती है मानो वह पानी में न तैर कर हवा में तैर रही हो, इस नदी के पानी में रत्ती मात्र भी गंदगी नहीं है। उमंगोट नदी का पानी कितना साफ है कि यह कांच की तरह प्रतीत होता है।
वैसे तो इस नदी का नाम उमंगोट है लेकिन यहां के स्थानीय निवासी इसे डौकी नदी के नाम से जानते हैं। यहां पहाड़ों से बहते छोटे-छोटे झरनों की आवाज सुनकर कानों को ऐसा प्रतीत होता है, मानो कोई संगीत बज रहा हो। पक्षियों की चहचाहट नदी को और भी ज्यादा खूबसूरती प्रदान करती है।
सब मिलकर करते है नदी की सेवा और रखते हैं उमंगोट को स्वच्छ
यह नदी 3 गांव से होकर गुजरती है और तीनों गांव के लोग मिलकर इस नदी को साफ रखने में हिस्सेदारी निभाते हैं। मेघालय के ये गांव दावकी, शेनांगगेंडेग और दरंग हैं। इन गाँवों में सैकड़ों लोग रहते हैं, जो पर्यावरण के प्रति बहुत ही अधिक जागरूक हैं। हमें इन लोगों से सीख लेनी चाहिए नदियों के शहर का ख्याल कैसे रखते हैं, और उन्हें कैसे साफ रखा जा सकता है। इसे भी पढ़ें – इस मंदिर में होती है भगवान राम की बहन की पूजा, जानिए श्री राम जी की बहन का रहस्य