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उत्तराखंड का चोपता हिल स्टेशन विदेशियों को भी करता है आकर्षित, जानिए यहां की 5 खूबसूरत जगहों के बारे में

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Chopta Hill Station Uttarakhand : भारत में पर्यटन के दृष्टिकोण से उत्तराखंड को एक महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है। इस राज्य के कई खूबसूरत हिल स्टेशन पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि आप इस गर्मी की छुट्टियों में कहीं पर्यटन करना चाहते हैं, तो उत्तराखंड का चोपता हिल स्टेशन (Chopta Hill Station Uttarakhand) आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। यहाँ आप पहाड़ी एडवेंचर से लेकर कई धार्मिक जगहों पर घूमने का मजा ले सकते हैं।

हरिद्वार से लगभग 185 किमी दूर है उत्तराखंड का चोपता हिल स्टेशन

चोपता हिल स्टेशन (Chopta Hill Station) हरिद्वार से लगभग 185 किलोमीटर की दूरी पर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यदि आप इस गर्मी की छुट्टियों (Summer Vacation) में दो-तीन दिनों के लिए कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यहाँ जाकर आप आराम और सुखद महसूस कर सकते हैं। चोपता हिल स्टेशन न सिर्फ भारत के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, बल्कि यहां पर हर साल कई सारे विदेशी पर्यटक भी घूमने जाते हैं। इसकी खूबसूरती के चलते ही इसे मिनी स्विट्ज़रलैंड के नाम से भी जाना जाता है।

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चोपता में पर्यटन करने लायक 5 प्रसिद्ध जगहें (Places to visit in chopta)

पर्यटन के लिहाज से चोपता के आसपास घूमने लायक कई खूबसूरत जगहें हैं। इनमें से 5 प्रसिद्ध जगहों के बारे में हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं:

1 – चोपता तुंगनाथ ट्रेक (Chopta Tungnath Trek)

धार्मिक महत्व के अनुसार तुंगनाथ मंदिर यहां का एक चर्चित एवं पुराना तीर्थ स्थल है, जो चोपता से मात्र 3.5 किमी दूर हैं। चोपता से इस मंदिर तक पहुंचने में कच्चे रास्तों से होकर गुजरना होता है, जो एडवेंचर से भरा होता है। भगवान शिव को समर्पित तुंगनाथ मंदिर और तुंगनाथ ट्रेक (Chopta Tungnath Trek) समुद्र तल से 3680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। 

ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण लगभग 5 हजार वर्षों पहले पांडवों द्वारा कराया गया था। जो भी पर्यटक चोपड़ा पर्यटन करने जाते हैं, वे पंच केदार मंदिरों में से एक तुंगनाथ मंदिर का दर्शन अवश्य करते हैं। क्योंकि सर्दियों में बर्फ से ढंक जाने के कारण इसके कपाट बंद रहते हैं और सिर्फ गर्मियों में ही लगभग 6 माह के लिए खुलते हैं। 

2 – चंद्रशिला ट्रेक (Chandrashila Trek)

चंद्रशिला ट्रेक (Chandrashila Trek) चोपता क्षेत्र का सबसे मुश्किल ट्रेक है। लेकिन ट्रैकिंग एडवेंचर को पसंद करने वाले लोगों के लिए यह जगह बहुत ही आकर्षक है। चोपता से तुंगनाथ और फिर तुंगनाथ से ट्रैकिंग करके चंद्रशिला ट्रेक तक पहुंचा जा सकता है। तुंगनाथ से चंद्रशिला की दूरी 2 किमी के आसापास है। सर्दियों के मौसम में यह और भी खतरनाक और एडवेंचरस लगता है, क्योंकि बर्फीले रास्तों पर चलना आसान नहीं होता है। ये भी पढ़ें – ये हैं उत्तराखंड के 5 सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन, कम बजट में प्लान करें शानदार ट्रिप

यदि आप तुंगनाथ से चंद्रशिला ट्रेक शुरू करने जाएंगे तो आपको ₹150 शुल्क भी देना पड़ता है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 4000 मीटर है, जो माउंट एवरेस्ट से लगभग आधा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चंद्रशिला की पहाड़ियों को मून रॉक (चाँद की पहाड़ी) भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि रावण का वध करने के बाद प्रभु श्री राम ने मन की शांति के लिए यहाँ तपस्या की थी। 

3 – देवरिया ताल ट्रैक चोपता, उत्तराखंड (Deoria Tal Trek Chopta Uttarakhand)

समुद्र तल से लगभग 2,387 मीटर की ऊँचाई पर स्थित देवरिया ताल ट्रैक चोपता (Deoria Tal Trek Chopta Uttarakhand) दूरी के मामले में काफी छोटा है, लेकिन एडवेंचर के मामले में यह बहुत ही मज़ेदार है। कई धार्मिक पुस्तकों में भी इस ट्रेक के बारे में जिक्र किया गया है, इसीलिए इसका धार्मिक रूप से भी अलग महत्व है। 

सारी गांव से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवरिया ताल ट्रेक नए ट्रैकर्स के लिए भी काफी उत्साहवर्धक है। प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ कैम्पिंग स्पॉट के रूप में प्रसिद्ध देवरिया ताल ट्रेकिंग और कैंपिंग करने वाले लोगों को अपनी ओर काफी आकर्षित करता है।

4 – दुगलबिट्टा (Dugalbitta)

दुगलबिट्टा (Dugalbitta) चोपता से उखीमठ के रास्ते में लगभग 7 किमी पहले पड़ता है। पहले यह हिल स्टेशन उतना अधिक प्रसिद्ध नहीं था, लेकिन अब यहाँ पर भी पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। पिछले कुछ सालों से यहाँ पर्यटक लगातार आ रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि दुगलबिट्टा शब्द अर्थ दो पहाड़ों के बीच का स्थान होता है। बर्फबारी का लुफ्त उठाने के लिए सर्दी के समय में भी सैलानी यहाँ पहुंचते हैं।

सर्दियों के समय में चोपता और उसके आसापास के इलाकों में भारी बर्फबारी होती है। ऐसे समय में न सिर्फ स्थानीय बल्कि देश-विदेश के पर्यटक यहां जाना पसंद करते हैं। ठंड देशों से ताल्लुक रखने वाले पर्यटक यहां की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए पहुंचते हैं। ये भी पढ़ें – हर सीजन के लिए परफेक्ट हैं भारत के ये 5 हिल स्टेशन, बजट फ्रेंडली ट्रिप के साथ इंज्वाय कर सकते हैं वीकेंड

5 – कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभ्यारण्य (Kanchula Korak Musk Deer Sanctuary)

5 वर्ग किमी में फैला कंचुला कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभ्यारण्य (Kanchula Korak Musk Deer Sanctuary) के गोपेश्वर रोड के आसपास स्थित है। घने जंगलों से घिरे इस अभ्यारण्य में आप प्रकृति की सुंदरता देख सकते हैं। यह अभयारण्य कस्तूरी हिरण के प्रजनन के लिए लोकप्रिय है, जो लगभग विलुप्त होने की कगार पर हैं। इस अभ्यारण्य को विलुप्त होने की कगार पर खड़े जीवों की संख्या को बढाने के उद्देश्य से बनाया गया था।

कई सारे हिमालयी जीव इस समय विलुप्त होने की कगार पर खड़े हैं, लेकिन यहाँ पर ऐसे ही जीव निवास करते हैं। आप उन्हें देखकर सुखद महसूस कर सकते हैं। आपको बता दें कि कस्तूरी हिरण सिर्फ हिमालयी क्षेत्रों में ही पाए जाते हैं और यह सर्दी के मौसम में भी अपना निवास नहीं छोड़ते हैं। वन्य जीवों से लगाव रखने वाले और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए यह एक दिलचस्प पर्यटन केंद्र हो सकता है।

उत्तराखंड के चोपता तक कैसे पहुँचे? (How To Reach Chopta Uttarakhand?)

देहरादून से चोपता की दूरी लगभग 246 किमी और ऋषिकेश से 185 किमी है। NH58 हाइवे के द्वारा आप दोनों जगहों से चोपता पहुँच सकते हैं। इसके अलावा हवाई यात्रा करके यहाँ जाने के लिए आपको जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून उतरना होगा। इसके बाद टैक्सी या रोडवेज बस पकड़कर यहां जाया जा सकता है। रेलमार्ग से यहाँ पहुंचने के लिए आपको ऋषिकेश रेलवे स्टेशन उतरकर सड़कमार्ग द्वारा यात्रा करनी होगी। ये भी पढ़ें – इस बार गर्मियों की छुट्टियों में घूमने जाएं ‘रानीखेत’, कम बजट में उठाएं उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य का लुफ़्त

 

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News Desk
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