Somvati Amavasya 2023 Date: श्रावण मास 2023 की दूसरी सोमवारी 17 जुलाई को पड़ रही है और इस दिन अमावस्या है। सोमवार दिन के कारण इसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहा जाता है। यह अमावस्या सावन महीने की सबसे महत्त्वपूर्ण और प्रमुख अवसरों में से एक है और इसे धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्त्व दिया जाता है। लोग इस दिन शिवजी की अराधना करके उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
दैनिक पंचांग के अनुसार सावन महीने की सोमवती अमावस्या 16 जुलाई 2023 की रात 10 बजकर 56 मिनट से प्रारंभ होकर अगले दिन 17 जुलाई रात 11 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। सूर्योदय के आधार पर पूजा पाठ की विधि 17 जुलाई को की जाएगी। अमावस्या और सोमवार दोनों ही दिन शिव जी का है। अतः इस दिन साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा।
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सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मौन धारण कर लें। अगर संभव है, तो नदी या सरोवर में जाकर स्नान करें। अगर नहीं तो घर में ही गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। स्नान दान का शुभ मुहूर्त 17 जुलाई को सुबह 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 7 बजकर 25 मिनट तक का है। फिर पूजा पाठ करें और पूरे दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करें। इस दिन शिव जी का जलाभिषेक करने से दोगुना फल की प्राप्ति होती है।
यदि किसी की कुंडली में पितृ दोष है तो सोमवती अमावस्या के दिन पितृ पूजन या पिंड दान करने से दूर हो जाता है। अगर पुत्र की प्राप्ति में देरी हो रही है तो इसका मतलब है, कुंडली में पितृ दोष है। इसके दूर करने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन पितृ पूजा करें और पितरों को जल से तर्पण दें।
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