Jacu Bird Coffee : दुनिया भर में कॉफी पीने का शौक रखने वाले लोगों की संख्या करोड़ों में हैं, जिनके लिए बाज़ार में अलग-अलग ब्रांड की कॉफी उपलब्ध होती है। इनमें से कुछ कॉफी ब्रांड्स इतने ज्यादा महंगे होते हैं कि उन्हें सिर्फ अमीर वर्ग के लोग की खरीद सकते हैं, जिसमें जाकू बर्ड कॉफी (Jacu Bird Coffee) का नाम भी शामिल है।
इस ब्रांड की गिनती दुनिया की सबसे महंगी कॉफी में की जाती है, जिसके बनाने के लिए जाकू नामक पक्षी के मल का इस्तेमाल किया जाता है। जी हाँ… आपने बिल्कुल सही पढ़ा, दुनिया की सबसे महंगी कॉफी में शुमार जाकू बर्ड कॉफी को पक्षी के मल से तैयार किया जाता है और इसके ऊपर ही ब्रांड का नाम भी रखा गया है।
जाकू पक्षी के मल से बनती है कॉफी
दुनिया की सबसे महंगे कॉफी ब्रांड्स की लिस्ट में शुमार जाकू बर्ड कॉफी (Jacu Bird Coffee) को ब्राजील में बनाकर तैयार किया जाता है, जिसका कैमोसिम एस्टेट में छोटा-सा कॉफी प्लांटेशन मौजूद है। इस कॉफी प्लांटेशन की शुरुआत 2000 के दशक में हेनरीक स्लोपर डी अराउजो ने की थी, जो बेहतरीन क्वालिटी की कॉफी तैयार करना चाहते थे।
लेकिन कैमोसिम एस्टेट में जाकू पक्षी की प्रजाति निवास करती है, जो भोजन के रूप में कॉफी बीन्स को खाना पसंद करती थी। ऐसे में जब पौधों में कॉफी लगती थी, तो जाकू पक्षी का झुंड अच्छे-अच्छे बीन्स को चुनकर खा जाता था। इस बात से हेनरीक स्लोपर बहुत ज्यादा परेशान हो गए थे, जबकि उन्हें बिजनेस में नुकसान झेलना पड़ रहा था।
ब्राजील में जाकू को दुर्लभ पक्षी माना जाता है, इसलिए वन्य विभाग की तरफ से खास संरक्षण दिया जाता है। ऐसे में हेनरीक जाकू पक्षी को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुँचा सकते थे और न ही उन्हें अपने प्लांटेशन एरिया से बाहर निकाल सकते थे, लिहाजा उन्होंने जाकू पक्षी के मल से ही कॉफी बनाने का फैसला किया।
कोपी लुवाक कॉफी से मिला था आइडिया
दरअसल जाकू पक्षी कॉफी बीन्स को खाने के बाद उन्हें मल के साथ बाहर निकाल देते थे, जो कॉफी प्लांटेशन एरिया में इधर उधर गिरे रहते थे। उस पक्षी के मल को देखकर हेनरीक को एक आइडिया आया, जिसके बाद उन्होंने इंडोनेशिया में बनाई जाने वाले कोपी लुवाक कॉफी के बारे में रिसर्च शुरू की कर दी।
कोपी लुवाक कॉफी की गिनती दुनिया की सबसे महंगी कॉफी में की जाती है, जिसे बनाने के लिए सिवेट नामक जीव के मल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में हेनरीक ने भी जाकू पक्षी के मल से कॉफी बनाने का फैसला कर लिया था, क्योंकि यह जीव बीन्स को खाकर उन्हें मल के साथ ज्यों का त्यों बाहर निकाल देते थे।
मल इकट्ठा करने के लिए रखे जाते हैं कर्मचारी
इसके लिए हेनरीक ने अपने प्लांट में कुछ कर्मचारियों को ज्यादा सैलेरी पर नौकरी में रखा, ताकि वह जाकू पक्षी के मल को इकट्ठा करके उसमें से कॉफी बीन्स को अलग कर सके। इस तरह कर्मचारियों की मदद से जाकू पक्षी के मल से कॉफी बीन्स को अलग कर लिया जाता है और फिर उन्हें साफ करके बेहतरीन क्वालिटी की कॉफी बनाई जाती है।
ऐसे में हेनरीक का आइडिया काम आया और उनके द्वारा तैयार की जाने वाली जाकू बर्ड कॉफी पूरे ब्राजील में फेमस हो गई, जिसका स्वाद स्थानीय लोगों का काफी पसंद आता है। वर्तमान में इस कॉफी की कीमत 72 से 73 हजार रुपए प्रति किलोग्राम है, जिसकी वजह से इस कॉफी के छोटे से प्लांटेशन से लाखों रुपए की कमाई आसानी से की जा सकती है।
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