Homeज्ञानHistory of Electric Fan: पंखे की हमारे जीवन में आने की क्या है कहानी?...

History of Electric Fan: पंखे की हमारे जीवन में आने की क्या है कहानी? क्या था पंखे का इतिहास जिसने बनाया इसे हमारे लिए खास

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

History of Electric Fan : गर्म हवाओं, पसीने से होने परेशानी और चिलचिलाती धूप वाले दिन आने वाले हैं। इन सारी परेशानियों का शिकार हुआ इंसान जब भी कहीं राहत के लिए बैठता है तो उसे ठंडी हवा चाहिए होती है। इस ठंडी हवा का स्रोत वर्तमान समय में तो AC, कूलर भी होते है पर जो सबसे पुराना और विश्वसनीय है, साथ ही जो लगभग हर जगह उपलब्ध होता है वह है पंखा। History of Electric Fan | Electric Fan का इतिहास

आप भी कभी ऐसे ही इस पंखे की तरफ देख कर सोचते होंगे की आखिर इस पंखे ने हाथ से लेकर रूम की छत तक का सफर कैसे तय किया होगा। कैसे ये हमारी ज़िन्दगियों में आया होगा और भी ऐसे कई सवाल अक्सर पंखे की ओर देखते वक़्त आप सभी के मन में आते होंगे। तो आए आज जानते है हमारे इस सबसे पुराने और विश्वासी दोस्त की कहानी और पंखे का इतिहास (Fan Ka Avishkar Kisne Kiya)। चलिए आपको ले चलते है एक हवादार सफ़र पर और गर्मियों से पहले ठंडी का एक छोटा-सा सफ़र करवा लाते हैं। Electric Fan History And Information In Hindi

बात 4000 ईसा पूर्व पहले की | History of Electric Fan

पंखे के आविष्कार की कहानी विकासात्मक रूप की दिखाई देती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पंखा जिस ढांचे का आपको अभी दिखता है दरअसल वह ऐसे ही पहले भी दिखता होगा ये बात नहीं है। पंखे के कई अलग-अलग रूप और आधार थे। मतलब की यह बिजली के तारों से जुड़ कर पहले से ही नहीं चलता था। पंखा सबसे पहले बड़े पेड़ के पत्ते हुआ करते थे, जिन्हें राजाओं के सेवक या दास उन्हें हवा करने के लिए इस्तेमाल करते थे। इसका पहला उदाहरण मिस्त्र में देखने को मिलता है।

History of Electric Fan Fan Ka Avishkar Kisne Kiya

180 ईस्वी में हाथों में घूमती थी पंखे की दुनिया | Electric Fan का इतिहास

लोगों का मानना है कि इंसान द्वारा ख़ुद से चलाए जाने वाले पंखे का आविष्कार चीन में हुआ था। जिसके बाद हमारे देश में भी हाथ से चलाने वाले पंखे बने। अगर आप कभी अपने दादा नाना से बात करें तो पता चलेगा की कैसे वह हाथ के पंखों को ख़ुद से घुमा कर चलाया करते थे। ये पंखे आकर में बहुत बड़े नहीं होने के कारण आसानी से आपके हाथ में आ जाते थे। जब कभी आपको गर्मी महसूस हो तो बस पंखा लीजिये और अपनी गति, रफ्तार के मुताबिक बस इसे घुमाये और हवा का मज़ा उठाये।

पंखे का आविष्कार किसने किया | Fan Ka Avishkar Kisne Kiya

अब तक मानव हाथों की गति से चलने वाले पंखे को थोड़ा और आरामदायक और सुविधाजनक बनाने के लिए इसमें बिजली का इस्तेमाल करने का सोचा गया। शूयलर स्काट्स व्हीलर ने थॉमस एडिसन और निकोला टेस्ला द्वारा बनाई गई बिजली को इंसान के बिना पंखे को मोड़ने के लिए इस्तेमाल किया। आपको बता दें कि पहले बिजली के पंखे सिर्फ़ दो ब्लेड के होते थे, जिसमें कैसी भी जाली का उपयोग नहीं होता था। ये भी पढ़ें – जानिए भारत में कब आया था पहला कम्प्यूटर और किसे जाता है इसका श्रेय, पढ़िए पूरी कहानी

History of Electric Fan Fan Ka Avishkar Kisne Kiya

साल 1889 रूम की छत तक आ पहुँचा पंखा | History of Electric Fan in Hindi

वर्ष 1889 में पहली बार सीलिंग फ़ैन अस्तित्व में आया था। जिसे फ़िलिप एच. डाइहली ने अपने नाम पर पेटेंट करवाया था।

साल 1902 पंखे का बाज़ार से जुड़ा सम्बंध

वर्ष 1902 में पंखे बनाने वाली पहली कंपनी बाज़ार में आई थी। कंपनी घर में इस्तेमाल होने वाले पंखों को बनाने की तैयारी में जुट गई। ऐसा माना जाता है कि इसी साल AC की भी खोज हुई थी।

साल 1910 घरों में ठंडी हवा का हुआ संचार | History of Electric Fan

अब तक अपने रूप आकार से विकास की ओर बढ़ रहे पंखे का इस्तेमाल बाज़ार में आने के बाद से काफी तेजी से नहीं हो रहा था। बताया जाता है कि पंखे बनाने वाली कंपनी के लॉन्च के क़रीब 8 साल बाद घरों में बिकने वाले पंखे बाज़ार में आए और घरों में पंखे लगने की शुरूआत हुई।

साल 1932 में फ़्लोर पर आई फ़ैन की सुविधा

वर्ष 1932 में Emerson Electric Co. नामक एक कंपनी ने पंखे के फ़्लोर फ़ैन रूप को अस्तित्व में लाया। इस साल पहले फ़्लोर फ़ैन को मार्केट में उतारा गया। अब पंखा सिर्फ आपकी छत से ही नहीं बल्कि ज़मीन पर आपको सामने से भी हवा देने का काम कर सकता था। ये भी पढ़ें – ताश के 52 पत्तों में 4 राजा होते हैं, 3 की मूछें होती हैं, लेकिन चौथे राजा की मूछें नहीं होती हैं, जान लीजिये वजह

History of Electric Fan Fan Ka Avishkar Kisne Kiya

साल 1960 प्रतिस्पर्धा का दौर हुआ शुरू

अब तक ठंडी हवा देने की जिस रेस में पंखा सबसे आगे था। अब उससे प्रतिस्पर्धा करने के लिए बाज़ार में AC जैसे उपकरण भी आ चुके थे। जो तकनीक और ठंडी हवा देने के मामले में पंखे से आगे थे। AC ने इस वर्ष अपना मार्केट बनाना शुरु कर दिया था। ठंडक बेहतर करने के कारण पंखों की लोकप्रियता में कमी आते हुए दिखाई दे रही थी। इन सबके के बीच पंखों के डिज़ाइन में भी काफी बदलाव आ रहे थे और उन्हें और बेहतर बनाने के ऊपर काम किया जा रहा था।

साल 1970 बिजली के बिल ने बढ़ाई मुश्किलें

AC की लोकप्रियता जितनी तेजी से बढ़ी थी लोगों को लगा था कि बस स्वर्ग का सुख तो इस AC ने ही दे दिया हमें। पर जब इस AC ने लोगों को बिजली का बिल हाथ में थमाया तो वह पल उनके जीवन के नर्क अनुभव से कम नहीं था। AC ने लोगों को मज़े तो दिलवाए लेकिन बिजली के बढ़ते बिल ने लोगों के लिए मुश्किलें शुरू कर दी थी। लोगों की इस मुश्किल का फायदा सबसे ज्यादा पंखों के मार्केट को हुआ। मार्केट में पंखों का बिज़नेस फिर से बढ़ गया। लोगों को पंखे ज़्यादा बेहतर दिखने लगे और बेहतर डिज़ाइन ने लोगों को अपनी तरफ़ खींचा ही लिया।

History of Electric Fan Fan Ka Avishkar Kisne Kiya

बीते कुछ वर्षों में पंखों के डिज़ाइन में कई तरह के बदलाव आते दिखाई दिए, लेकिन उसका बेसिक ढांचा वही रहा। बढ़ती गर्मी के कारण वर्तमान समय में पंखों के इस्तेमाल में थोड़ी कमी देखी गयी है। क्योंकि वह उस हद तक आपको ठंडक नहीं पहुँचा पाते। लेकिन आज भी हर घर में आपको ख़ूबसूरती के लिए पंखे ज़रूर लगे दिख जाएंगे। कई मध्यम वर्गीय परिवार आज भी पंखे को ही हवा का पहला और विश्वसनीय स्रोत मानते है।

ये भी पढ़ें – कहानी भारत के सबसे मशहूर ‘वनस्पति घी’ की, जिसने 90 सालों तक किया था भारतीय कीचन पर राज

यह भी पढ़ें
News Desk
News Desk
तमाम नकारात्मकताओं से दूर, हम भारत की सकारात्मक तस्वीर दिखाते हैं।

Most Popular