यूं तो ज्यातादर भारतीय सरकारी नौकरी प्राप्त करने का सपना देखते हैं और उसके लिए दिन रात मेहनत भी करते हैं, लेकिन जब बात अपना फर्ज और ड्यूटी निभाने की आती है तो यह सरकारी कर्मचारी कमचोरी करने लगते हैं।
भारत में सरकारी विभागों का हाल बहुत ही बुरा है, फिर चाहे वह कोई दफ्तर हो या स्कूल। ऐसे में उत्तर प्रदेश से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक सरकारी स्कूल का प्रिंसिपल पिछले 9 सालों से छुट्टी पर है। इतना ही नहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने न तो छुट्टी के लिए अर्जी दी और न ही आधिकारिक रूप से छुट्टी ली, लेकिन इसके बावजूद भी उनके आकाउंट में हर महीने सैलेरी ट्रांसफर हो रही है।
9 साल से स्कूल से गायब है प्रिसिंपल
यह अजीबो गरीब मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर का है, जहाँ पूर्व माध्यमिक विद्यालय कलियानपुर रानी वि।क्षे। नामक सरकारी स्कूल के प्रिसिंपल प्रदीप कुमार पिछले 9 सालों से छुट्टी पर हैं। लेकिन हैरानी कि बात यह है कि प्रिसिंपल की गैर मौजूदगी में भी स्कूल अच्छी तरह से चल रहा है, जबकि प्रिसिंपल ने छुट्टी मांगने के लिए शिक्षा विभाग में अर्जी तक नहीं दी थी। इसे भी पढ़ें – चप्पल पहनकर बाइक या स्कूटी ड्राइव करने पर भरना होगा जुर्माना, इतने रूपये का होगा चालान
ऐसे में स्कूल प्रिसिंपल के अकाउंट में हर महीने सैलेरी क्रेडिट हो जाती थी, जिसका फायदा प्रिसिंपल घर बैठे उठा रहा था। बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल की छुट्टी से जुड़े मामले में स्कूल का पूरा बेसिक शिक्षा विभाग शामिल था, जो प्रिंसिपल की गैर मौजूदगी में भी स्कूल को चला रहा था।
साल 2014 में बने थे स्कूल के प्रिंसिपल
हालांकि अब इस पूरे मामले की पोल खुल गई है, जबकि अलीगढ़ के जिलाधिकारी इंद्र विकास सिंह ने स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने की बात की है। आपको बता दें कि प्रदीप कुमार साल 2007 से सरकारी स्कूल में बतौर टीचर पढ़ा रहे थे, जिसके बाद साल 2014 में सीनियर होने के आधार पर उन्हें विद्यालय का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया था।
लेकिन प्रिंसिपल का पद संभालते ही प्रदीप कुमार ने अचानक से स्कूल आना बंद कर दिया, जबकि उन्होंने इस बारे में किसी भी बेसिक टीचिंग स्टॉफ को सुचित तक नहीं किया था। इसके बाद बीएसए ऑफिस में प्रदीप कुमार की गैर मौजूदगी को लेकर शिकायत का दौर चलता रहा, लेकिन विभाग ने उनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की थी।
ऐसे में आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रिंसिपल की गैर मौजूदगी में सरकारी स्कूल का क्या हाल रहा होगा और वहाँ पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है। हालांकि अब जिलाधिकारी ने इस मामले में संज्ञान लेने की बात कही है, जिसके बाद प्रदीप कुमार को तुरंत स्कूल ज्वाइन करने का आदेश दिया गया है। इसे भी पढ़ें – भारत के इन 5 आश्रमों में मिलती है रहने और खाने की Free सुविधा, ट्रिप पर खर्च नहीं होंगे ज्यादा पैसे