गौतम बुद्ध ने कहा है, “मनुष्य का दिमाग़ ही सब कुछ है, जो वह सोचता है वही वह बनता है।” फिर जब हौंसले और कड़ी मेहनत के साथ दिमाग़ का उपयोग किया जाए तो क्या कहने… आपको अपनी सोच से भी बेहतर परिणाम मिलते हैं और आजकल तो स्मार्ट वर्क का जमाना है, जिससे आप कम मेहनत में ज़्यादा अच्छे नतीजे प्राप्त कर सकते हैं। हमारी आज की ये रियल सक्सेस स्टोरी भी कुछ ऐसी है जिसमें एक महिला ने अपने तेज दिमाग़ और कड़ी मेहनत के बल पर आत्मनिर्भरता की जो राह पकड़ी उससे ना सिर्फ़ वे ख़ुद लाभान्वित हुईं बल्कि अब अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बन गई हैं।
हम बात कर रहे हैं बिहार (Bihar) के सारण (Saran) जिले के बरेजा गाँव में रहने वाली सुनीता प्रसाद (Sunita Prasad) की, जो केवल दसवीं कक्षा तक ही पढ़ी हुई हैं। उनके पति का नाम सत्येंद्र प्रसाद है। सुनीता ने एक नई तकनीक का प्रयोग खेती के लिए किया, जिसे वर्टिकल खेती (Vertical Farming) कहते हैं और आज वे इस तकनीक से खेती करते ख़ूब मुनाफा कमा रही हैं।
कबाड़ी वाले से पाइप खरीद कर खेती शुरू की
दरअसल पहले से ही सुनीता को सब्जियाँ आपको उगाना बहुत पसंद था। वे बताती हैं कि जब भी घर मेरा रखा कोई बर्तन टूट जाता था तो वह उसी टूटे बर्तन में मिट्टी डालकर कोई ना कोई पौधा उगा देती थीं। फिर एक बार सुनीता ने जब कबाड़ी वाले के पास एक पाईप देखा तो अचानक उसे देखकर उन्हें कुछ उपाय आया और सुनीता ने वह पाइप खरीद ली। उस पाइप को कुछ दिनों तक छत पर ऐसे ही रख दिया जिससे उसमें मिट्टी जमा हो गई थी। फिर बारिश के मौसम में जब उस पाइप में पानी गिरा तो उसमें से घास उगने लगी। जिसे देखकर सुनीता को इसी तरीके से खेती करने का आईडिया मिला।
पति में दिया साथ, आत्मनिर्भर बनीं
सुनीता के पति ने भी खेती के काम में उनका साथ दिया। फिर उन्होंने अपने पति से और भी पाइप मंगवाए। फिर उन्होंने पाइप में मिट्टी भरी व उसमे छेद करके पौधे लगाए। सुनीता का यह आईडिया काम कर गया। फिर उनमें आत्मविश्वास जागा और उन्होंने अपने घर पर ही गोभी, बैगन जैसी बहुत-सी सब्जियाँ उगाना शुरू कर दिया। इसके बाद सुनीता कृषि विज्ञान केंद्र गयीं, वहाँ के अधिकारियों को सुनीता का आइडिया पसंद आया और उन्होंने उनको प्रदर्शनी लगाने को कहा। भले ही सुनीता ज़्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है लेकिन आज वे आत्मनिर्भर बनने की राह में किसी से कम भी नहीं हैं।
अपने पौधों की प्रदर्शनी लगाई, मिले कई अवार्ड
कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने सुनीता को जो सुझाव दिया वह उन्हें बहुत पसंद आया, इसलिए उन्होंने प्रदर्शनी लगाई। यह प्रदर्शनी लगाने के लिए उन्हें किसान अभिनव सम्मान प्रदान कर सम्मानित भी किया गया है। सुनीता के कार्यों को डीडी किसान नामक एक विशेष कार्यक्रम में बताया गया और उन्हें किसान अवार्ड से सम्मानित भी किया गया। सभी लोग सुनीता प्रसाद के काम की तारीफ कर रहे हैं।
जहाँ एक ओर अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए लोग सब्जियों में हानिकारक रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक इस्तेमाल करके सब्जियों के आकार में वृद्धि कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सुनीता वर्टिकल खेती करके स्वास्थ्य वर्धक सब्जियाँ उपजा रही हैं। इस तकनीक से ना सिर्फ़ उनकी पैदावार अच्छी होती है बल्कि यह सब्जियाँ स्वास्थ्य को नुक़सान भी नहीं करती हैं।
पाइप की सहायता से छत पर ही उगा सकते हैं पौधे (Vertical Farming)
आपको बता दें कि वर्टिकल खेती (Vertical Farming) में पाइप का उपयोग करके अपनी छत पर ही कई तरह के पौधे उगाए जा सकते हैं। यदि आप चाहें तो इसमें पाइप के स्थान पर बांस का भी उपयोग कर सकते हैं। सुनीता ने बताया कि वर्टिकल खेती करने के लिए पाईप खरीदने हेतु ₹ 800 रुपये का ही ख़र्च आता है, वहीं अगर आप बात से खेती करते हैं तो आपका काम सिर्फ़ ₹100 में हो जाएगा।
हर साल होता है 2 लाख रुपए का मुनाफा
सुनीता कहती हैं कि पहले तो उन्होंने एक पॉल्ट्री फार्म खोला था, परन्तु जब उस पोल्ट्री फार्म से कमाई नहीं हुई तो उन्होंने मशरुम की खेती करना भी शुरू किया। शुरुआत में तो मशरूम की खेती में उन्हें बहुत-सी दिक्कतें आए लेकिन फिर धीरे-धीरे उनकी पैदावार अच्छी होने लगी। सुनीता ने अपने आस पास रहने वाली महिलाओं को भी मशरुम की खेती के बारे में बताया। अभी सुनीता एक साल में 2 लाख रुपए का मुनाफा कमा रही हैं।
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सुनीता प्रसाद (Sunita Prasad) का यह काम प्रशंसनीय है। उनसे लोगों को वर्टिकल खेती के बारे में जानकारी मिलेगी और सीख लेकर अन्य महिलाएँ भी इस तकनीक का उपयोग कर ऑर्गेनिक खेती की ओर क़दम बढ़ाएंगी।