भारत एक ऐसा देश जहां टैलेंट की कोई कमी नहीं है। विश्व में सबसे ज्यादा युवाओं की जनसंख्या का तमगा लिए भारत देश में जो व्यक्ति जो सोच सकता है उससे कमाई भी कर सकता है कारण है कि भारत का मार्केट। ज्यादा जनसंख्या होने के कारण यहाँ हर वस्तु एवं हर तरह के सर्विस को खरीदने वाले मिल जाएंगे।
दोस्तों भारत आज विकास की दौड़ लगा रहे हैं जिसमें हर वर्ग के लोगों का हाथ है लेकिन शुरुआत से इस विकास की गति को जिस वर्ग ने थामा है वे है भारत के ‘किसान’। लेकिन खेती में अब कमाई कम होने के कारण युवाओं की रुचि इसमें कम हो गई है। लेकिन कहते हैं न ‘जहाँ चाह है वहा राह है। इसी चाह को लिए विपिन यादव (Vipin Yadav) जो मात्र 20 साल की उम्र में खेती से हजारों रुपए कमा रहे हैं। उनके बारे में बताने जा रहे हैं।
विपिन यादव है कई युवाओं के लिए प्रेरणा
दोस्तों जैसे कि आप सब जानते होंगे कि भारत में बेरोजगारी का स्तर बेहद बढ़ गया है। जो व्यक्ति शिक्षित नहीं हैं उनको तो जॉब नहीं मिल रही है लेकिन साथ ही साथ जो युवक अच्छा खासा पढ़ा लिखा है उन्हें भी नौकरी नहीं मिल रही है इसी लिस्ट में गुड़गांव (Gurgaon) के विपिन यादव (Vipin Yadav) का नाम भी आता है। विपिन यादव कंप्यूटर साइंस के छात्र रह चुके हैं लेकिन अपनी योग्यता के मुताबिक जॉब न मिलने पर वे बाकियों की तरह सरकार को कोसने की जगह अपना नया मार्ग बनाने में व्यस्त रहें।
अपने दोस्त से मदद लेकर विपिन यादव ने अपना ध्यान खेती की तरफ रुख किया। विपिन ने अपने छत को ही खेत मे तब्दील कर दिया। विपिन यादव अपने छत पर फूलों की खेती करने लगे। इसकी खासियत यह है कि इसमें उन्होंने एक कण मिट्टी का इस्तेमाल तक नहीं किया। हुए न अचंभित?
छत पर करते हैं Poly house तकनीक का इस्तेमाल
विपिन यादव (Vipin Yadav) अपने छत पर खेती करने के लिए Poly house तकनीक का बखुबी इस्तेमाल करते हैं। दोस्तों यह खेती करने की एक सफल तकनीक है जिसके सहायता से व्यक्ति किसी भी मौसम कम जगह पर ज्यादा पैदावार करने में सक्षम रहता है। दोस्तों इस तकनीक में सूरज की रोशनी को नियंत्रण करने के लिए एक पॉलिथीन से ढांचा बनाया जाता है।
जेब में पहुंचते हैं 25 से 30 हजार रुपए
दोस्तों Poly house तकनीक की वजह से आज विपिन यादव अपने छत पर शुरू की गई नर्सरी में से काफी कमाई कर लेते हैं। यहाँ तक कि वे अपने घर का किराया देने के बावजूद जेब में 25 से 30 हजार रुपए के आस पास बचत भी कर लेते हैं। अब विपिन यादव जल्द ही अपना नया प्रोजेक्ट लाने की योजना कर रहे हैं जिसमें वे 800 sq ft में अपना नर्सरी खोलेंगे।
प्रो ट्रे का करते हैं इस्तेमाल
विपिन यादव अपने खेती के बारे में बताते हुए कहते हैं कि उनके पौधे अधिकतम प्रो ट्रे के रूप में ही बिक जाते हैं। प्रो ट्रे को नारियल के बुरादे, बर्मिको एवं परलाइल को मिलाकर एक बेड को निर्मित किया जाता है। इसकी 2 से 3 बार सिंचाई भी किया जाता है। जैसे ही यह पौधा खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाता है तो उसे खेत में लगा दिया जाता है।
विपिन यादव अपने इस तकनीक को ज़्यादा से ज़्यादा किसानों तक पहुँचाने के लिए इसको फ्री में परीक्षण देते हैं। इससे यह फायदा होगा कि किसान भाई भी इस तकनीक से अपनी आर्थिक स्थिति का विकास कर सकते हैं।
अतः हम अपनी वेबसाइट की तरफ़ से लोगों को यह संदेश देना चाहता हैं कि दोस्तों जीवन के हर पढ़ाव में आपको कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, जीवन में हर किसी को अपने उम्मीद के मुताबिक नहीं मिलता। जिस प्रकार विपिन यादव के इतना पढ़ने के बावजूद जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो वे चाहे तो सभी की तरह निराश हो सकते थे लेकिन उन्होंने कुछ नया सीखा और उसे अपनाकर आज अपनी ख़ुशी से जीवन व्यतीत कर रहे हैं।