नई दिल्ली. भारत में सड़क परिवहन के साथ-साथ रेलवे मार्ग को लेकर नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं, ताकि नागरिकों को यातायात के दौरान समस्या का सामना न करना पड़े। इसी बात को ध्यान में रखते हुए देश में सेमी हाई स्पीड ट्रेनों का संचालन किया जाता है, जिन्हें ब्रिज और टनल के माध्यम से एक दूसरे से जोड़ा जाता है।
ऐसे में भारतीय रेलवे अब इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में नया प्रयोग कर रहा है, जिसके तहत ट्विन टनल यानी जुड़वां सुरंग बनाकर तैयार की जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों के बीच से डबल सुरंग निकाली जाएगी, जिसकी कुल लंबाई 4.7 किलोमीटर होगी।
ट्विन टनल का फायदा
अरावली की पहाड़ियों पर बनने वाली यह सुरंग भारत में पहली ट्विन टनल होगी, जिसे बनाने की जिम्मेदारी वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेंट कॉरिडोर को दी गई है। इस सुरंग से एक समय में दो ट्रेनें आसानी से गुजर सकती हैं, जिसकी वजह से इसे एक बहुत ही महत्त्वकांक्षी प्रोजेक्ट माना जा रहा है।
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इस ट्विन टनल पर हरियाणा ऑर्बिटल रेल कोरिडोर के तहत चलने वाली पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी की संचालन किया जाएगा, जो आगे जाकर सोहना और मानेसर के रास्ते को पलवल और सोनीपत से जोड़ता है। ऐसे में इस ट्विन टनल के बनने से सोहना और नूह जिले का रेलवे मार्ग आपस में जुड़ जाएगा, जिससे दोनों जिलों के बीच की दूरी कम हो जाएगी।
इस ट्विन सुरंग की ऊंचाई 25 मीटर के आसपास होगी, जिसे कुंडली मानेसर पलवल (KMP) एक्सप्रेस-वे के साथ बनाया जा रहा है। हालांकि अरावली की पहाड़ियों के बीच टनल बनाना बहुत ही मुश्किल काम है, जिसे साल 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस ट्विन टनल के बन जाने से दिल्ली एनसीआर पर रेलवे ट्रैफिक का बोझ कम हो सकता है, जबकि मनेसर, सोहना और सोनीपत जाने वाले यात्रियों को सुविधा होगी। यह टनल एक तरह से बायपास का काम करेगी, जिसकी वजह से ट्रेन रूट छोटा हो जाएगा और इस सुरंग से 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है।