Asia’s Richest Village: भारत में बहुत से लोगों को लगता है कि खेतीबाड़ी से बिल्कुल भी आमदनी नहीं होती है, जिसकी वजह से किसान परिवार गरीबी में जीवन व्यतीत करते हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगा कि हमारे देश में एक ऐसा गाँव भी मौजूद है, जो किसानी के दम पर एशिया का सबसे अमीर विलेज बन चुका है।
इस गाँव का नाम मड़ावग है, जो हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मड़ावग गाँव साल भर सेबों की खेती की जाती है, जहाँ बेहतरीन क्वालिटी के मीठे और रसीले सेब उगते हैं। इन्हीं सेबों के उत्पादन और बिक्री से मड़ावग गाँव के लोगों की कमाई होती है, जिनमें से ज्यादातर किसान लखपति हैं।
India Richest Village
इस गाँव के किसान परिवारों की सालाना आय 35 से 80 लाख रुपए के बीच होती है, जिसकी वजह से इसे भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे अमीर गाँव घोषित किया गया है। मड़ावग गाँव में सामान्य घर नहीं हैं, बल्कि यहाँ हर एक घर बहुत ही आलीशान है और घर के बाहर लग्जरी गाड़ी खड़ी रहती है।
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इस गाँव में कुल 230 परिवार रहते हैं, जबकि यहाँ हर कोई सेब की खेती करता है और उसके लिए नए व हाइटेक तरीके अपनाता है। मड़ावग गाँव में उगने वाले सेबों की क्वालिटी इतनी अच्छी होती है कि कई किलोग्राम से बगीचे से तोड़ते ही बिक जाते हैं, जिन्हें सैलानी खरीद कर अपने घर ले जाते हैं।
सेब से पहले आलू की खेती करते थे किसान
ऐसा नहीं है कि इस गाँव के लोग पहले से ही सेब की खेती करते थे, बल्कि 1950 के दशक में मड़ावग गाँव के किसान आलू उगाते थे। लेकिन साल 1953 में चइयाँ राम मेहता नामक किसान ने सबसे पहली बार गाँव में सेब का बाग बनाया था, जिसके बाद अन्य किसान भी सेब की खेती के लिए प्रोत्साहित होने लगे थे।
इस तरह 1980 के दशक तक मड़ावग गाँव में ज्यादातर किसानों ने सेब के बागान शुरू कर दिए थे, जहाँ विभिन्न किस्मों के सेब उगाए जाते हैं। लेकिन मड़ावग गाँव को असल पहचान साल 2000 में मिली थी, जब हिमाचल प्रदेश की मंडियों में मड़ावग सेब की मांग बढ़ने लगी थी।