कहते हैं कि डूबते को तिनके का सहारा होता है और यह सहारा भगवान कब किस रूप में भेज दे, इंसान को इसका कोई अंदाजा नहीं होता है। ऐसा ही कुछ हुआ है केरल में रहने वाली एक महिला के साथ, जो अपने पति की मृत्यु के बाद इतनी असहाय हो गई थी कि उनके घर में राशन तक खत्म हो गया था।
ऐसे में एक दिन चमत्कार हुआ और उस महिला की मुलाकात एक स्कूल टीचर से हुई, महिला ने टीचर से आर्थिक मदद मांगी ताकि वह अपने बच्चों को खाना खिला सके। टीचर ने उस महिला की मदद के लिए 1 हजार रुपए दे दिए, लेकिन कुछ समय बाद वह पैसे खत्म हो गए और इसी दौरान उस महिला के अकाउंट में अचानक पैसे ट्रांसफर होने लगे।
बेबस माँ के लिए भगवान बनी टीचर
भले ही आज के दौर में ज्यादातर इंसान गरीब व असहाय लोगों को देखकर मुंह मोड़ लेते हों, लेकिन वर्तमान समय में ऐसे भी कुछ लोग मौजूद हैं जो जरूरतमंदों की मदद करने से बिल्कुल भी पीछे नहीं हटते हैं। ऐसे में जब स्कूल टीचर गिरिजा हरिकुमार की मुलाकात सुभद्रा नामक महिला से हुई, तो उन्होंने सुभद्रा की मदद करने का फैसला ले लिया।
दरअसल सुभद्रा के पति की अचानक मृत्यु हो गई थी, जो घर में अकेले कमाने वाले व्यक्ति थे। ऐसे में पति की मृत्यु के बाद सुभद्रा पूरी तरह से टूट गई थी, जबकि उनके पास नौकरी करने का कोई एक्सपीरियंस भी नहीं था। हालात यह हो गए थे कि घर का राशन खत्म हो गया था, जबकि सुभद्रा के बच्चे भूखे पेट सोने पर मजबूर हो गए थे।
ऐसे में सुभद्रा एक दिन मदद के लिए घर बाहर निकल गई, तभी उसकी मुलाकात गिरिजा हरिकुमार से हुई। सुभद्रा ने गिरिजा को अपनी गरीबी की दास्तां सुनाई, जिसके बाद गिरिजा ने सुभद्रा को 1 हजार रुपए दे दिए। उन पैसों से सुभद्रा ने घर का राशन खरीदा और अपने बच्चों को खाना खिलाया, जबकि गिरिजा खुद भी सुभद्रा के घर गई थी।
गिरिजा हरिकुमार ने देखा कि सुभद्रा के घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब थी, जबकि उनके घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था। ऐसे में गिरिजा भारी मन के साथ वापस अपने घर लौटी और उन्होंने तय किया कि वह सुभद्रा की मदद करेगी, लेकिन गिरिजा को समझ नहीं आ रहा था कि वह इस काम की शुरुआत कैसे करे।
अकाउंट में अचानक ट्रांसफर होने लगे पैसे ऐसे में गिरिजा हरिकुमार ने सोशल मीडिया की मदद लेते हुए फेसबुक पर सुभद्रा से जुड़ा एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने आम लोगों से सुभद्रा की मदद करने की अपील की थी। इस फेसबुक पोस्ट में गिरिजा ने सुभद्रा के बैंक अकाउंट की डिटेल भी शेयर की थी, ताकि मदद के पैसे सीधा सुभद्रा के पास पहुँच जाए।
इस तरह सुभद्रा के अकाउंट में एक के बाद एक कई बार पैसे ट्रांसफर होने लगे, जिसे देखकर सुभद्रा भी हैरान रह गई थी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिस महिला के घर में मुट्ठी पर अनाज नहीं था, उसके बैंक अकाउंट में सिर्फ चंद दिनों के अंदर क्राउडफंडिंग के जरिए 50 लाख रुपए जमा हो गए थे।
एक स्कूल टीचर की तरफ शुरू की गई छोटी-सी मुहिम ने इतना व्यापक रूप ले लिया कि सुभद्रा को आने वाले कई सालों तक आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा। वह अपने बच्चों की अच्छी परवरिश कर सकती हैं, जबकि उन्हें अच्छे स्कूल में पढ़ाकर शिक्षित कर सकती हैं ताकि आगे चलकर बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो सके।
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