माँ बाप अपने बच्चो की परवरिश में कोई भी कमी नहीं छोड़ते हैं, वह खुद तकलीफ झेल लेते हैं लेकिन अपने बच्चो को दुखी नहीं देख सकते। माँ बाप के पास चाहे कपडे हो या न हो लेकिन अपने बच्चों को वह नए-नए कपडे ज़रूर दिलाते है फिर चाहे वह जैसे भी दिलाएँ।
ऐसी ही एक वीडियो सामने आयी है राजगढ़ मध्यप्रदेश से, इस वीडियो को देखकर आपका दिल टूट जायेगा। इस महिला के पति की मौत हो चुकी है और ये अपने चार बच्चो का पेट पलने के लिए मेहनत मज़दूरी करती है।
बैलगाड़ी को हाथ से खींचती माँ
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे एक महिला एक बैलगाड़ी को खींचती हुई नज़र आ रही है, महिला ने बैलगाडी में सामान लादा हुआ है और उसमें अपनी एक छोटी-सी बच्ची को बिठाया हुआ है। ऐसा ये माँ मजबूरी में कर रही है क्योंकि इसके पास किराया देने के पैसे नहीं है और माँ तो आखिर माँ ही होती है जो अपने बच्चों का पेट पालने के लिए कुछ भी कर गुज़रती है।
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सोशल मीडिया पर इस माँ के वीडियो को देखकर लोग बहुत ही भावुक हो रहे हैं और इस माँ और इसके बच्चों को आशीर्वाद भी दे रहे हैं। क्योंकि ऐसा द्रश्य देखकर किसी की भी आंखें नम हो जाएँगी और उसके दिल से सिर्फ दुआ ही निकलेगी। आपको बता दें की विधवा माँ ने यह बैलगाड़ी अपने हाथों से लकड़ियाँ इकट्ठी करके बनाई है जिसमें ये अपने बच्चों को बिठाकर काम पर जाती है।
बाइक सवारों ने की महिला की मदद
यह महिला राजगढ़ में स्थित पचोर से 15 किमी आगे आ चुकी थी तभी एक बाइक पर दो लोग आये, उन लोगों ने उस महिला से उसकी इस हालत का कारण पूछा तो महिला ने बताया की वह 15 किमी दूर से आयी है और अभी 15 किमी और आगे जाना है और ऐसा बोलते हुए महिला ज़ोर-ज़ोर से रोनी लगी और उसने बोला की भगवान् ने मुझे ये मुश्किल दिन दिखाया है।
उसकी इस दशा पर भावुक होकर बाइक सवारों ने उस महिला की मदद की। उन्होंने उसकी बैलगाड़ी को एक रस्सी की मदद से अपनी बाइक से बाँधा और उसको खींचकर आगे सारंगपुर तक पहुँचाया। उन बाइकसवारों में से एक ने ही उस महिला का वीडियो बना कर इंटरनेट पर अपलोड कर दिया। वीडियो को देखकते ही लोगों की संवेदनाएँ उन माँ बेटी के साथ आगयी और लोग उनके लिए खूब दुआएँ कर रहे हैं।
दो वक्त की रोटी के लिए विधवा मां बनी बैल, बच्चों को बैलगाड़ी में बिठाकर पैदल तय किया सफर #Rajgarh #MPNews #MadhyaPradesh https://t.co/2zW3oAhNSa pic.twitter.com/blAEZSwS6Z
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) September 21, 2022
पति के गुजरने के बाद रहने को छत तक नहीं
उस महिला का नाम लक्ष्मी बताया जा रहा है और वह सारंगपुर की रहने वाली है। लक्ष्मी ने 2 साल पहले उसके पति की मौत हो गयी थी दुःख के साथ वह अपने 4 बच्चों का अकेले ही पेट पालती है। बच्चों के लिए दो टाइम की रोटी जमा करने के लिए लक्ष्मी मेहनत मज़दूरी करती है। लेकिन इतनी मेहनत करने के बाद भी लक्ष्मी के लिए दो वक़्त का खाना जूता पाना बहुत ही मुश्किल है।
वह बताती है कि कई बार तो वह अपने बच्चों को खिलाकर भूखे पेट ही सो जाती है। लक्ष्मी ने बताया की उनके पास रहने क लिए घर भी नहीं है। मिटटी की दीवारों में अस्थायी रूप से छत बना रखी है जो कभी भी तेज बारिश या आंधी आने पर उड़ जाती है। मतलब उसके चार छोटे-छोटे बच्चे है और उनके पास रहने को घर भी नहीं है। पेट पालने के लिए लक्ष्मी और उसके चारों बच्चे मेहनत मजदूरी करते हैं।
लक्ष्मी ने बताया की गर्मी तो जैसे तैसे गुज़र जाती ही लेकिन बरसात और सर्दी का मौसम गुज़ारना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि सर पर छत्त नहीं होने की वजह से ठंडी हवा और बचाव करना उनके लिए काफी मुश्किल हो जाता है।
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राजगढ़ के कलेक्टर ने दिया मदद का आश्वासन
उस वायरल वीडियो को देखने के बाद राजगढ़ के कलेक्टर साहब की भी आँखें नम हो गयी और उनोहने बोला की उनको लक्ष्मी और उसके परिवार से जल्द से जल्द मिलना है। जैसा की उनको पता चला था कि लक्ष्मी को कोई विधवा पेंशन भी नहीं मिलती है और न ही कोई दूसरी सरकारी मदद। इसलिए कलेक्टर ने निर्णय लिया की वह लक्ष्मी को पेंशन तो दिलाएंगे ही साथ ही उनके रहने के लिए घर का इंतज़ाम भी करेंगे।
सोशल मीडिया पर इस विधवा और लाचार माँ का वीडियो देखकर बहुत सारे लोग उन माँ और बच्चों की मदद करने को तैयार हैं क्योंकि वह माँ भूखे पेट अपनी बच्ची को बिठाकर बैलगाड़ी खींच रही है। उस बेबस माँ की कहानी सुनने के बाद हर किसी की आँखें नम हो गयी।