Diwali 2022: पूरे देश में दीपों का पर्व दिवाली मनाने की तैयारी काफी धूमधाम से की जा रही है। बता दे कि दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म में काफी ज्यादा धूमधाम तरीके से मनाया जाता है और दिवाली के दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर भगवान की पूजा और अर्चना की जाती है। बता दें कि हिंदू धर्म में जितने भी देवता लोग मौजूद हैं सबके अपने-अपने वाहन होते हैं और इन वाहनों का भी अपना-अपना महत्त्व होता है।
उदाहरण के तौर पर भगवान शंकर का वाहन नंदी हैं तो वही विष्णु भगवान का वाहन गरुड़ है लेकिन बात करें अगर लक्ष्मी माता के वाहन की तो लक्ष्मी माता का वाहन उल्लू को माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है लक्ष्मी माता ने अपना वाहन उल्लू को ही क्यों चुना था। अगर नहीं तो आगे इस लेख के जरिए हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर क्यों लक्ष्मी माता ने उल्लू को ही अपना वाहन चुना था।
आखिर उल्लू को अपना वाहन क्यों चुना लक्ष्मी माता ने
हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार देवता गण अक्सर पृथ्वी पर विचरण करने आते थे और ऐसे में एक बार सारे देवता गण पृथ्वी पर विचरण करने आए थे और इस दौरान पशु पक्षियों ने देवताओं से उन्हें अपना वाहन बनाने का आग्रह किया जिसके बाद देवताओं ने अपने-अपने हिसाब से पशुओं को अपना वाहन बना लिया लेकिन वही लक्ष्मी माता काफी देर तक असमंजस में पड़ रही। जिसके बाद पशु आपस में विवाद करने लगे कि मैं लक्ष्मी माता का वाहन बनूंगा तो मैं लक्ष्मी माता का भान बनूंगा जिसके बाद लक्ष्मी माता ने सबको समझा कर शांत किया और कहा वह अगली बार जब अमावस्या पर धरती पर विचरण करने आएंगी तब वह अपना वाहन चुनेंगी।
इसके बाद लक्ष्मी माँ काफी दिनों बाद अमावस्या की रात को धरती पर विचरण करने आई और इस दौरान इतना ज्यादा अँधेरा था कि कोई भी जानवर लक्ष्मी माता को नहीं देख पा रहा था। हालांकि, उल्लू ही एकमात्र ऐसा जानवर बचा था जो लक्ष्मी माता को देख पा रहा था। ऐसे में उल्लू ने लक्ष्मी माता के पास आकर उन्हें प्रणाम किया और आग्रह किया कि लक्ष्मी माता उसे अपना वाहन बना ले। जिसके बाद लक्ष्मी माता ने उल्लू को अपना वाहन स्वीकार कर लिया और तभी से लक्ष्मी माता का वाहन उल्लू बन गया।
उल्लू एक बहुत अच्छा पक्षी माना जाता है और इसके अंदर कई विलक्षण किस्म की खूबियाँ होती हैं। उल्लू को सबसे ज्यादा सकारात्मक पक्षी माना जाता है। कहा जाता है कि उल्लू एक ऐसा पक्षी है जो नकारात्मक समय में भी सकारात्मक सोच रखता है। बता दें कि दिवाली में माता लक्ष्मी के पूजा के साथ-साथ कई जगहों पर उल्लू की भी आराधना की जाती है। हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी उल्लू पर सवार होकर धरती पर विचरण करने आती हैं।
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