Diwali 2022 : जानिए शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजा में कितने दीपक जलाने चाहिए और क्यों?

Diwali Puja 2022 : दीपोत्सव के पर्व को दिवाली कहते हैं। दिवाली के दिन ही भगवान राम वनवास से अयोध्या आए थे और अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर भगवान राम का स्वागत किया था और तभी से भारतवर्ष में हर वर्ष दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। हर बार 5 दिन तक दीपों का पर्व दीपावली मनाया जाता था और इसकी शुरुआत धनतेरस से होती थी और भाई दूज को खत्म हो जाती थी।

लेकिन इस बार का दीपावली 6 दिनों तक चलने वाला है और इसकी शुरुआत 22 अक्टूबर यानी धनतेरस के दिन से लेकर 27 अक्टूबर यानी भाई दूज के दिन खत्म होगा। हिंदू धर्म में दीप जलाना काफी ज्यादा शुभ कार्य माना जाता है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में जब भी कोई अच्छा काम होता है तो उसका स्वागत दीप जलाकर किया जाता है। ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको दीपावली में आखिर कितने दीपक जलाने चाहिए इसके बारे में बताने वाले हैं। Diwali 2022

Diwali 2022

भूलकर भी ना जलाए इतने दीपक (Lakshami Puja Mai Kitne Deepak Jalaye)

इन दिनों पूरा देश दीपों का पर्व दीपावली की तैयारियों में जुटा हुआ है और ऐसे में नए-नए सामान की खरीदारी कर रहा है। साथ ही साथ लोग दीपक की भी खरीदारी कर रहे हैं ताकि दीपों के पर्व दीपावली को जगमगाता हुआ बना सकें। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी लोगों के दिमाग में यह सवाल बार-बार घूम रहा है कि आखिर दीपावली में लक्ष्मी पूजा के दौरान कितने दीपक जलाने चाहिए.

अगर आपके दिमाग में भी यही सवाल है तो आपको बता दें कि हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार कभी भी हमें सम संख्या में दीपक नहीं जलाना चाहिए. हमेशा विषम संख्या में ही दीपक जलाना चाहिए. इसके अलावा कभी भी जिस संख्या के आगे जीरो आता है उदहारण के तौर पर 10, 20, 30, 40, 100 जैसे संख्या में दीपक नहीं जलाना चाहिए. हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार अगर किसी संख्या में जीरो आता है तो वह शून्य की तरफ ले जाता है। ऐसे में कभी भी इतनी संख्या में दीपक नहीं जलाना चाहिए. इन संख्याओं के जगह आप 11, 21, 31, 41 और 111 दीपक जला सकते हैं जो कि काफी ज्यादा शुभ माना जाता है।

क्यों जलाया जाता है दीपक?

वही बात करें कि आखिर हिंदू धर्म में हर एक शुभ कार्य से पहले दीपक जलाने का रीति रिवाज क्यों है तो हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार दीपक ज्ञान और रोशनी का प्रतीक माना जाता है और यह अंधकार को दूर करने में सहायता प्रदान करता है। यही कारण है कि हर एक शुभ काम करने से पहले दीपक जलाने का रीति रिवाज बनाया गया है। इतना ही नहीं दीपक अग्नि देवता का एक छोटा रूप माना जाता है और अग्निदेव हिंदू धर्म के पूजनीय देवता हैं। यही कारण है कि कोई भी कार्य करने से पहले दीपक जलाकर अग्नि देवता को उसका साक्षी बनाया जाता है।

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