Green Man Rohit Mehra : आज हर देश आधुनिकता की तरफ बढ़ता जा रहा है, जहाँ बड़ी-बड़ी इमारतों के निर्माण से लेकर इंटरनेट सर्विस और स्मार्ट गाड़ियों को इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इन सभी आधुनिक चीजों का दुष्प्रभाव पर्यावरण पर पड़ रहा है, जिसकी वजह से जंगलों की निरंतर कटाई हो रही है और प्रदूषण बढ़ रहा है।
ऐसे में विभिन्न देशों की सरकारें पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रही है, हालांकि इस मुहिम में आम इंसानों को भी आगे बढ़कर आना होगा। ऐसा ही कुछ किया लुधियाना (Ludhiyana) के रहने वाले एक शख्स ने, जिसने प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल करके 25 मिनी जंगल तैयार कर दिए हैं।
कौन हैं ग्रीन मैन रोहित मेहरा? (Green Man of Ludhiana Rohit Mehra)
लुधियान (Ludhiana) में रहने वाले रोहित मेहरा (Rohit Mehra) पेशे से एक आईआरएस (Indian Revenue Services) अधिकारी हैं, जो अपनी ड्यूटी के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति भी बेहद जागरूक हैं। यही वजह है कि रोहित मेहरा ने लुधियान के विभिन्न रेलवे स्टेशन पर एक वर्टिकल गार्डन (Vertical Garden) तैयार किया है, जो आज हरी-भरी जगह के रूप में विकसित हो चुके हैं।
रोहित मेहरा के प्रयासों की वजह से ही लुधियान में खाली जगहों को मिनी जंगल में तब्दील किया गया है, जहाँ विभिन्न प्रजाति के पेड़ पौधें और फूल आदि लगाए गए हैं। इस काम को पूरा करने के लिए रोहित मेहरा ने प्लास्टिक की बोतलों और बेकार पड़े वेस्ट का इस्तेमाल किया था, जो अब तक 25 छोटे-छोटे जंगल बना चुके हैं।
रोहित मेहरा को पर्यावरण को हरा भरा बनाने की वजह से ग्रीन मैन (Green Man) कहा जाता है, जो शहर के अन्य लोगों को भी पेड़ पौधें लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। इतना ही नहीं कई लोग मिनी जंगल बनाने के लिए रोहित मेहरा से संपर्क करते हैं और उनकी मदद से खाली जगहों को हरा भरा बनाने का काम कर रहे हैं।
जंगल बनाने के लिए मिलता है ऑफर
रोहित मेहरा ने पिछले 2 सालों में 500 वर्ग फीट से लेकर 4 एकड़ जमीन में लगभग 25 से ज्यादा मिनी जंगल बनाए हैं, जिसमें पेड़ पौधों और फूलों की विभिन्न प्रजातियाँ विकसित हो रही हैं। इन जगहों में खाली पार्क से लेकर रेलवे स्टेशन और सड़क किनारे मौजूद खाली जगह शामिल है, जो अब हरियाली से भरे हुए हैं।
रोहित मेहरा बताते हैं कि लुधियाना में उन्हें इस काम के लिए लोगों की काफी मदद और प्रोत्साहन मिलता है, जबकि उन्हें हाल ही में लुधियाना से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जगराओं नाम जगह से मिनी जंगल बनाने का ऑफर मिला था।
जगराओं में रहने वाले एक उद्योगपति ने रोहित मेहरा की काफी तारीफ सुनी थी, जिसके बाद उन्होंने रोहित को 6, 000 वर्ग फीट की खाली पड़ी जमीन पर जंगल विकसित करने का अनुरोध किया था। दरअसल वह उद्योगपति एक कारखाना चलता था, जिसकी वजह से आसपास का वातावरण प्रदूषित हो जाता था।
ऐसे में उस प्रदूषण को कम करने के लिए उद्योगपति ने रोहित मेहरा को कारखाने के आसपास मौजूद खाली जमीन पर जंगल लगाने का कहा, ताकि हरे भरे पेड़ आसपास के वातावरण में प्रदूषण फैलने से रोके और लोगों को सांस लेने के लिए शुद्ध हवा प्राप्त हो।
जंगल बनाना था एक बड़ा चैलेंज
रोहित मेहरा ने उद्योगपति का ऑफर स्वीकार कर लिया था, लेकिन उनके लिए कारखाने के आसपास जंगल विकसित करना एक बहुत बड़ी चुनौती थी। रोहित ने इससे पहले इतना बड़ा जंगल तैयार नहीं किया था, ऐसे में उनके पास कम समय और ज्यादा काम था।
इसके लिए रोहित ने रिसर्च वर्क किया और फिर जापान की Miyawaki Technique अपनाते हुए जंगल विकसित करने का फैसला किया था, जिसमें तीन अलग-अलग तरह के पौधों को जमीन पर लगाया जाता है और फिर उनके विकसित होने पर जंगल तैयार हो जाता है।
इस तकनीक के जरिए रोहित ने खाली जमीन पर झाड़ीनुमा, मध्यम आकार के पेड़ और छांव देने वाले बड़े पेड़ों के पौधों की रोपाई की, जिसके बाद उन्हें खाद और पानी देकर विकसित होने के लिए छोड़ दिया। इस तरह जापानी तकनीक का इस्तेमाल करके रोहित कारखाने के पास जंगल तैयार करने में सफल हो गए।
भारतीय उद्योग परिसंघ ने दिया साथ
रोहित मेहरा द्वारा कारखाने के पास बनाए गए जंगल की तारीफ धीरे-धीरे पूरे शहर में होने लगी, जिसके बाद भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने रोहित से संपर्क किया। CII ने रोहित मेहरा के सामने प्रस्ताव रखा कि वह अपने प्रयासों से लुधियाना नें स्थिति उद्योगों और कारखानों के आसपास खुले इलाकों को जंगल में तब्दील करने का काम करेंगे।
रोहित मेहरा ने CII के प्रस्ताव को स्वीकार लिया, क्योंकि इससे प्रूदषण पर लगाम लगाने के साथ-साथ शहर में हरियाली विकसित करने में भी मदद मिलेगी। इस तरह रोहित मेहरा ने CII के साथ मिलकर लुधियाना और उसके आसपास के इलाकों में उद्योगों के पास खाली पड़ी जमीन को जंगल में तब्दील कर दिया।
इसके अलावा रोहित मेहरा ने लुधियान में स्थित दुक्खिनवरन गुरुद्वारे में भी एक मिनी जंगल बनाया है, जिसका नाम नानक-वन रखा गया है। यह गुरुद्वारा 550 वर्षों के लिए गुरु नानक देव जी को समर्पित है, जहाँ माथा टेकने आने वाले श्रद्धालु नानक-वन में जरूर जाते हैं।
रोहित मेहरा (Rohit Mehra) के प्रयासों की वजह से लुधियाना में प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया है, जबकि शहर में पहले के मुकाबले काफी ज्यादा हरियाली हो गई है। रोहित मेहरा ने मिनी जंगल बनाने के साथ-साथ प्लास्टिक की बोतलों और वेस्ट को ठिकाने लगाने का बेहतरीन आइडिया तैयार किया है, जिससे हम सभी को सीख लेने की जरूरत है।