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Annu Kapoor: चाय बेचकर पूरा किया सिनेमा जगत में एक्टिंग का सपना, घर से निकले तो जेब में थे केवल 419 रुपए

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Annu Kapoor: आपने सिनेमा जगत की बहुत सारी हस्तियों के बारे में सुना होगा जिन्होंने अपनी हस्ती बनाने के लिए बहुत सारी कठिनाइयों का सामना किया है। उन्हीं लोगों में से एक अभिनेता अनु कपूर (Annu Kapoor) भी है जिन्होंने अपने करियर के दौरान सिनेमा जगत में होस्ट कॉमेडियन और एक बेहतरीन अभिनेता की भूमिका निभाई है। एक ऐसा शख्स जिसमें खुद को हर किरदार में बेहतरीन ढंग से ढाल लेने की कला आती है।

अनु कपूर 20 फरवरी 1956 को मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) में पैदा हुए थे उनके पिता रंगमंच के कलाकार थे और उनकी माँ एक क्लासिक डांसर थी और यही कारण है कि बचपन से ही माता और पिता की कलाकारी इनके खून में थी जो आगे चलकर सिनेमा जगत में निखर गई।

Annu kapoor struggle story

बनना चाहते थे आईएएस ऑफिसर

जीवन के शुरुआती दौर में अनु कपूर (Annu Kapoor) अच्छे से पढ़ना लिखना चाहते थे उनका सपना था कि वह अच्छे से पढ़ लिख कर एक आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बने लेकिन परिवार की स्थिति और आर्थिक तंगी की वजह से उन्हें अपना यह सपना छोड़ना पड़ा। शुरू में इन्होंने अपने पापा के साथ उनकी थिएटर कंपनी में काम करना शुरू कर दिया और बाद में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (National School of Drama) में एक्टिंग सीखने लगे।

घर से निकले तो जेब में थे केवल 419 रुपए (Annu kapoor struggle story)

अनु कपूर ने एक बार एक इंटरव्यू देते हुए बताया कि उनका जीवन बहुत सारी कठिनाइयों के बीच बीता हुआ है कठिनाइयाँ उनके लिए आज कोई नई बात नहीं है उन्होंने अपने जीवन के हर कदम पर कठिनाइयों का सामना किया है।

अनु कपूर 29 जून 1982 को जब अपने घर से मुंबई के लिए निकले थे तब उनकी जेब में केवल ₹419 और 25 पैसे थे। इस इंटरव्यू के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि अपनी आजीविका चलाने के लिए उन्होंने बहुत दिनों तक चाय और फ्राइड फूड का स्टाल लगाया।

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श्याम बेनेगल की मंडी से हुई सिनेमा जगत में एंट्री

अनु कपूर के करियर की शुरुआत श्याम बेनेगल की मंडी से हुई, सन 1983 में उन्होंने श्याम बेनेगल की मंडी में अपने करियर की शुरुआत की जिसमें उन्होंने डॉक्टर की भूमिका निभाई। इससे पहले सन् 1981 में इन्होंने एक रूका हुआ फसला नाम के एक नाटक में भी एक वृद्ध की भूमिका निभाई थी। इसी नाटक में उनका दमदार किरदार देखकर श्याम बेनेगल ने उनकी बहुत तारीफ की और उन्हें मंडी मैं रोल करने के लिए प्रस्ताव भेजा।

इसके अलावा भी उन्होंने तेजाब चमेली की शादी और मशाल जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया लेकिन इन फिल्मों में उनका किरदार काफी छोटा था। हालांकि सिनेमा जगत में अनु कपूर ने अपनी एंट्री कर तो ली थी लेकिन अभी उन्हें कोई बड़ा किरदार नहीं मिल पाया था। लेकिन सन 1993 में दूरदर्शन टेलीविजन अंताक्षरी का एक कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें एंकर की भूमिका निभाने का काम अनु कपूर को मिला यहीं से उनकी जिंदगी एक नई सफर की शुरुआत हुई।

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अन्नू कपूर का असली नाम अनिल कपूर था

अन्नू कपूर का असली नाम अनिल कपूर (Anil Kapoor) था लेकिन बाद में दो अनिल कपूर होने के कारण कन्फ्यूजन से बचने के लिए शबाना आजमी और इंडस्ट्री के कहने पर उन्हें अपना नाम अनिल कपूर से अन्नू कपूर करना पड़ा।

अन्नू कपूर (Annu Kapoor) ने अपने करियर में 100 से भी ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया है इसके अलावा वह जौली एलएलबी धर्मसंकट शौकीन और ड्रीम गर्ल जैसी फिल्मों में भी नजर आए हैं।

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