Green Gold Nopal Cactus – ऐसा जरूरी नहीं है कि धरती पर मौजूद हर पेड़ पौधे को फलने फूलने के लिए पानी, उपजाऊ मिट्टी और सूरज की नियमित धूप मिलती रहे, क्योंकि पृथ्वी पर ऐसे भी पौधे पाए जाते हैं तो चुनौतीपूर्ण माहौल में पैदा होने के बेहतरीन गुण सीख जाते हैं।
यही वजह है कि भरपूर मात्रा में साफ पानी होने के बावजूद भी कमल हमेशा कीचड़ में ही खिलता है, ठीक इसी तरह कीमती हीरा भी कोयले की खादन में पाया जाता है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे रेगिस्तानी इलाके का हरा सोना (Green Gold) कहा जाता है। इस पौधे (Nopal) का इस्तेमाल खाने से लेकर जैविक ईंधन बनाने के किया जाता है, जो खासतौर से मैक्सिको के रेगिस्तान में उगता है। तो आइए विस्तार से जानते हैं इस जादुई हरे सोने के बारे में।
रेगिस्तान में उगता है खास पौधा (Green Gold Nopal Cactus)
ऐसा जरूरी नहीं है कि पेड़ पौधों को फलने फूलने के उपजाऊ जमीन और ढेर सारे पानी की जरूरत होती है, क्योंकि रेगिस्तान में उगने वाला नोपल (Nopal) कड़ी धूप और कम पानी में भी आसानी से उग जाता है। यह खास पौधा मैक्सिको और अमेरिका के रेगिस्तानी इलाकों में पाया जाता है, जिसे स्थानीय भाषा मैजिकल प्लांट (Magical Plant) के नाम से भी जाना जाता है।
नोपल के पौधे का इस्तेमाल बायोफ्यूल (Biofuel) बनाने के लिए किया जाता है, जिससे जैविक ईंधन की खपत को पूरा करने में मदद मिलती है। इसके अलावा नोपल को सलाद के रूप में भी खाया जाता है, जो शरीर में पानी की कमी को पूरा करने का काम करता है।
नोपल का पौधा कांटेदार होता है, जिसमें नाशपती के आकार का कांटेदार फल लगता है। मैक्सिको में केमेम्ब्रो आदिवासी समुदाय के लोग इस पौधे की खेती करते हैं, जो दिखने में काफी हद तक नागफली की तरह लगता है।
नोपल के पौधे से मिलने वाले फल को सलाद के रूप में खाया जाता है, जबकि उससे निकलने वाले वेस्ट का इस्तेमाल करके जैविक ईंधन यानी बायो फ्यूल तैयार किया जाता है। इसके अलावा नोपल के फल का इस्तेमाल करके टॉर्टिला चिप्स और स्वादिष्ट शेक भी बनाए जाते हैं।
बेहद महत्त्वपूर्ण है नोपल का पौधा
मैक्सिको में नोपल के पौधे को बहुत ज्यादा अहमियत दी जाती है, जो खानपान और ईंधन की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ यहाँ के आदिवासी समुदाय के लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। नोपल के फल को मैक्सिको के राष्ट्रीय ध्वज पर विशेष स्थान दिया गया है, जो प्रतीक चिह्न के रूप में अपनी जगह बनाए हुए है।
नोपल की खेती सबसे पहली स्थानीय व्यवसायी रोगेलियो सोसा लोपेज ने की थी, जिसने साल 2009 में इस पौधे के कचरे से जैव ईंधन बनाया था। इसके बाद लोपेज ने मिगुएल एंजेल नामक कारोबारी के साथ मिलकर नोपल के कचरे से जैव ईंधन बनाने का काम शुरू कर दिया, इन दोनों कारोबारियों ने मिलकर नोपेलिमेक्स नामक कंपनी की नींव रखी थी।
स्थानीय लोगों को मिलता है रोजगार
नोपल के कचरे से जैव ईंधन तैयार करना काफी सस्ता और कम मेहनत वाला काम था, जबकि मक्के के कचरे से ईंधन बनाना बहुत ही मुश्किल, खर्चीला और लंबा काम होता था। इन सब कारणों की वजह से मैक्सिको में मक्के के बजाय नोपल की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्राप्त होता है।
नोपल की खेती करना आसान और सुविधाजनक है, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को काम की तलाश में मैक्सिको से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। इस पौधे को उगाने से खाने पीने की चीजों का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है, जबकि इसके फल का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
इसके अलावा नोपल के पौधे से निकलने वाले वेस्ट से जैव ईंधन बनाना और उसे इस्तेमाल करना आसान होता है, जिसकी वजह से बाज़ार में जैव ईंधन की मांग तेजी से बढ़ रही है। नोपल को उगाने और इससे विभिन्न प्रोडक्ट्स तैयार करने वाले व्यापारियों का काफी फायदा हो रहा है, जबकि इसके वेस्ट को गोबर में मिलाकर खाद के रूप में यूज किया जाता है।
नोपल का पौधा मैक्सिको की बंजर और रेगिस्तानी जमीन को खूबसूरती भी प्रदान करता है, क्योंकि इस पौधे में बैंगनी रंग के खूबसूरत और कांटेदार फल उगते हैं। नोपल को कम पानी की जरूरत होती है, जबकि इससे विभिन्न प्रोडक्ट्स का निर्माण किया जाता है। इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए नोपल को हरा सोना (Green Gold) कहा जाता है।