Delhi Metro Viral Video: दिल्ली जैसे बड़े शहरों में मेट्रो यातायात का सुलभ साधन मानी जाती है, जिसमें रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। ऐसे में स्टेशन पर मेट्रो के रूकते ही यात्री सीट की तलाश करना शुरू कर देते हैं, ताकि पूरा सफर आराम से बैठकर काट सके। इस दौरान किसी भी यात्री को दूसरे यात्री से कोई मतलब नहीं होता है, फिर चाहे कोई महिला छोटे से बच्चे के साथ सफर कर रही हो।
हाल ही में दिल्ली मेट्रो से एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसमें एक महिला को मेट्रो में जमीन पर बैठे हुए देखा जा सकता है क्योंकि उस महिला के छोटा-सा बच्चा था। ऐसे में इस तस्वीर के वायरल होने के बाद लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी, जबकि आईएएस ऑफिसर ने कहा कि ऐसी डिग्री का क्या फायदा है।
बच्चे के साथ जमीन पर बैठी महिला
इन दिनों सोशल मीडिया पर मेट्रो में जमीन पर बैठी महिला और उसके बच्चे का फोटो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने इंसानियता और मातृत्व को शर्मसार कर दिया है। दरअसल इस फोटो में अन्य महिलाएँ सीट पर बैठी हुई दिखाई दे रही हैं, जबकि वह महिला अपने बच्चे को गोद में लिए जमीन पर बैठी हुई है। इसे भी पढ़ें – अपने घायल बच्चे का इलाज कराने अस्पताल पहुंची बंदरिया, Video हुआ वायरल
मेट्रो में सफर कर किसी भी महिला को इस बात एहसास नहीं हुआ कि उस महिला के पास छोटा-सा बच्चा है और उसे सीट की जरूरत है, जबकि सीट पर बैठी ज्यादातर महिलाएँ खाली हाथ थी और अपने-अपने मोबाइल फोन में लगी हुई थी।
आपकी डिग्री सिर्फ़ एक काग़ज़ का टुकड़ा है, अगर वो आपके व्यवहार में ना दिखे. pic.twitter.com/ZbVFn4EeAX
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) June 18, 2022
IAS ऑफिसर ने शेयर किया वीडियो
इस तस्वीर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर पढ़े लिखे लोगों को व्यवहार को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई है, जिसमें IAS ऑफिसर अवनीश शरण ने भी अपनी बात रखी। IAS ऑफिसर ने ट्वीटर पर इस घटना से जुड़ा एक वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, आकी डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है, अगर वह आपके व्यवहार में न दिखे।
आपकी बात 16 आने सच है ।
— || णमोकारिणी || 🇮🇳 (@annafox_uk) June 18, 2022
But mothers are very much comfortable in this sitting position .
May be u r missing other side of coin
May be
I am not sure
इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स ने अपनी अलग-अलग राय सामने रखी, किसी ने कहा कि महिला जमीन पर बैठने में ज्यादा आरामदायक महसूस कर रही होगी। वहीं एक अन्य यूजर का कहना था कि 9 घंटे ऑफिस में काम करने के बाद 2 घंटे का लंबा सफर तय करने वाले लोग पहले अपने बारे में ही सोचेंगे।
9 ghante office mein kaam karke, 2 ghante Ghar pahunchne mein lagte hoon, toh admi sirf apne baare mein soochta hai, aapke ke pass sarkari car hai, tabhi itna sooch pate hoo.
— Nimit Gupta (@_nimitgupta_) June 19, 2022
वहीं कुछ लोगों ने महिला की वीडियो और तस्वीर क्लिक करने वाले व्यक्ति पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस तरह की वीडियो बनाने से अच्छा था कि वह व्यक्ति अपनी सीट महिला को दे देता, जिसके बाद ट्वीटर-ट्वीटर खेलने की जरूरत नहीं होती।
ओह हो, बड़ा दुख हुआ जी देख कर ,
— Rocky Handsome (@RockyHa97412387) June 18, 2022
वाकई बेशर्मी की हद है ,
वीडियो बनाकर ट्विटर ट्विटर खेलना जरूरी है, खुद की जगह देता पहले , वीडियो बनाएगा 🤬🤬🤬