Meaning of ‘Pur’ Word : हमारा देश भारत संस्कृति, पहनावे, खानपान और रीति रिवाजों के मामले में दुनिया के दूसरे देशों से बिल्कुल अलग पहचान रखता है, जबकि यह विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है। ऐसे में भारत को विभिन्न राज्यों, जिलों और नगरों में बांटा गया है, जिनमें कुछ बड़े शहरों का नाम जयपुर, उदयपुर और कानपुर है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन शहरों के नाम के पीछे पुर शब्द को क्यों जोड़ा गया है, क्या यह सिर्फ एक इत्तेफाक है या फिर उसके पीछे कोई स्टोरी छिपी हुई है। यकीनन आप में से बहुत से लोग कानपुर और जयपुर के पीछे जोड़े जोने वाले पुर शब्द का अर्थ नहीं जानते होंगे, तो आइए इस विषय को आसान भाषा में समझते हैं।
‘पुर’ शब्द का प्राचीन महत्त्व
भारत में शहरों या राज्यों के नाम के पीछे पुर शब्दों को प्राचीन समय से ही जोड़ा जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ शहर या किला होता है। प्राचीन भारत में ज्यादातर शहरों और नगरों के नाम राजा द्वारा रखे जाते थे, जो अपने राज्य की राजधानी के नाम के पीछे ‘पुर’ शब्द को जरूर जोड़ते थे।
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राजस्थान के राजा जयसिंह ने जब जयपुर शहर की नींव रखी थी, तो उन्होंने उसके नाम के आगे पुर शब्द को जोड़ा था। इसी प्रकार के राज्य के छोटे नगरों और गांवों के नाम के आगे भी पुर शब्द को जाने लगा था, जो भारत की प्राचीन विरासत और संस्कृति को दर्शाने में मददगार साबित होता है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शहरों के नाम के पीछे पुर शब्द का इस्तेमाल सिर्फ भारत में ही नहीं होता है, बल्कि अफगानिस्तान और ईरान जैसे देशों में भी शहर के नाम के पीछे पुर शब्द का प्रयोग किया जाता है। हालांकि यह बात अलग है कि पहले यह देश अंखड भारत का हिस्से थे, जिसकी वजह से वहाँ पुर शब्द का इस्तेमाल सामान्य माना जाता है।
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