Homeज्ञानसमुद्री लुटेरे अपनी एक आँख पर क्यों बांधते हैं काले रंग की...

समुद्री लुटेरे अपनी एक आँख पर क्यों बांधते हैं काले रंग की पट्टी, इसके पीछे की वजह बेहद दिलचस्प है

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

आपने कभी न कभी समुद्री लुटेरों से जुड़ी कहानी, कार्टून या फिल्म जरूर देखी होगी, जिसमें लुटेरे एक आँख को काले या लाल रंग के कपड़े की पट्टी से ढके रहते हैं। इस तरह के समुद्री लुटेरे का किरदार आप हॉलीवुड फिल्म पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन (Pirates of the Caribbean) में भी देख सकते हैं।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि समुद्री लुटेरे अपनी एक आँख को पट्टी से क्यों ढक कर रखते हैं और ऐसा करने से उन्हें क्या फायदा होता है, अगर नहीं… तो आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे-

आंख और प्रकाश का संबंध

इंसान की आंखें उसके शरीर का सबसे जरूरी अंग होती है, जिसकी मदद से हम बाहरी दुनिया को देख पाते हैं। ऐसे में जब कभी इंसान उजाले से अंधेर की तरफ जाता है, तो उसकी आंखों की पुतलियाँ सामान्य के मुकाबले ज्यादा फैल जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है, ताकि आंखों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा प्रकाश मिले और वह अंधेरे में भी चीजों को आसानी से देख पाए।

लेकिन जब इंसान अंधेरे कमरे से बाहर रोशनी में आता है, तो आंखों की पुतलियाँ न तो फैलती हैं और न ही सिकुड़ती हैं। बल्कि प्रकाश के संपर्क में आते ही आंखे तुरंत माहौल को अनुरूप करना-करना शुरू कर देती हैं, जिसकी वजह से समुद्री लुटेरों को एक आँख पर पट्टी पहनने की जरूरत पड़ती है।

Pirates-Patches

आंख पर पट्टी बाँधने की वजह

अगर हम समुद्री लुटेरों की बात करें, तो वह महीनों तक पानी के ऊपर जहाज में यात्रा करते हैं। इस दौरान उन्हें बार-बार डेक पर जाना होता है और सुरक्षा के इंतजाम पर नजर रखनी होती है, जो कि काफी अंधेरे भरी जगह होती है। ऐसे में जब लुटेरे डेक में घुसते हैं तो अपने आँख पर लगी काली या लाल पट्टी यानी पैच को हटा देते हैं, ताकि वह अंधेरे में भी चीजों को आसानी से देख सके।

दरअसल अगर समुद्री लुटेरे अपनी एक आँख पर पट्टी नहीं बाँधते हैं, तो उन्हें उजाले से अंधेरे कमरे में जाने पर कुछ भी साफ-साफ नहीं दिखाई देता है। ऐसे में वह जहाज की सुरक्षा करने में असफल हो जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें अपनी आंखों का खास ख्याल रखना पड़ता है।

समुद्री लुटेरों द्वारा एक आँख पर पट्टी बाँधने का फायदा यह होता है कि जब वह उजाले से अंधेरे में जाते हैं, तो उनकी आँख की पुतली को फैलने में ज्यादा समय नहीं लगता है क्योंकि उसे पहले से ही अंधेरे में रहने की आदत हो चुकी होती है।

आपको बता दें कि एक सामान्य इंसान की आंखें प्रकाश से अंधेरे कमरे में प्रवेश करने के तकरीबन 25 मिनट बाद सही से काम कर पाती हैं और अपने आसपास की चीजों को देखती हैं। हालांकि समुद्री लुटेरों के पास इतना वक्त नहीं होता है कि वह 25 मिनट इंतजार कर सके, इसलिए वह अपनी एक आँख को हमेसा ढककर रखते हैं। ऐसा करने से वह उजाले के साथ-साथ अंधेरे कमरे में भी आसानी से देख सकते हैं, पट्टी वाली आँख अंधेरे में चीजों को देखने में मदद करती है जबकि खुली वाली आँख प्रकाश में चीजों को देखने के लिए मददगार साबित होती है।

बेहद प्राचीन है पट्टी बाँधने का नियम

समुद्री लुटेरों द्वारा आँख पर पट्टी बाँधने का नियम बहुत ही पुराना है, जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी फ्लो किया जाता रहा है। इस नियम के तहत दुश्मन से लड़ने के लिए लुटेरों को अपनी दोनों आंखों को अंधेरे और प्रकाश की स्थिति के लिए तैयार रखना होता है।

हालांकि रात के समय समुद्री लुटेरे अपनी आँख पर लगी पट्टी को हटा सकते हैं, क्योंकि उस समय चारों तरफ अँधेरा होता है और आंखों की पुतलियों को ज्यादा काम करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

यह भी पढ़ें
Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

Most Popular