Why All Biscuits Have Holes: बिस्किट जैसी स्वादिष्ट चीज़ हर घर के किचन और हर शाम के नाश्ते का स्नैक होती ही है। ये बिस्किट वह चीज़ है जो आपको छोटे से मील को भी कम्पलीट करने का काम करती है। अब आप अपने ही घर में देख लीजिए। सुबह चाय के साथ अगर कुछ नाश्ता न हो तो बिस्किट, शाम के वक़्त अगर चाय के साथ कुछ हल्का खाने का मन हो तो बिस्किट, घर पर कोई मेहमान आ जाए तो भी आदर सत्कार में बिस्किट और किसी रोते हुए बच्चे को चुप कराना हो तो भी बिस्किट। आप खुद ही देख सकते है कि एक बिस्किट कितने काम कर सकता है।
यह तो बात हुई बिस्किट की हमारी जिंदगी में जरूरत की, पर क्या इतनी करीब रहने वाली इस बिस्किट को आपने ध्यान से और गौर से देखा है। अगर इसका जवाब हाँ है तो फिर यह सवाल आपके मन भी उठता होगा की आखिर ज्यादातर बिस्किट पर छेद (Why All Biscuits Have Holes) क्यों बने होते हैं। तो चलिए आज आपको बताते है इस छेद के पीछे का रहस्य।
पूरी दुनिया में बिस्किट्स के बहुत से दीवाने हैं। वहीं बिस्किट बनाने वाली कंपनियाँ भी ये चाहती हैं कि उनके प्रोडक्ट्स को हर वर्ग के लोग पसंद करें। तभी तो ये बिस्किट्स अलग-अलग फ्लेवर और अलग-अलग डिजाइन में मिलते हैं। इन्हीं में से कुछ बिस्किट ऐसे होते हैं जिनपर छेद बने होते हैं। देखने में ये छेद साधारण डिजाइन जैसे लगते हैं पर ये छेद सिर्फ डिजाइन मात्र नहीं। ये भी पढ़ें – ट्रेन और हवाई जहाज में किसका इंजन है ज्यादा दमदार, किसकी ताकत है किसपर भारी, नहीं जानते तो जानिए यहाँ
छेद के पीछे है खास कारण (Why All Biscuits Have Holes)
बिस्किट्स पर बने छेद का उदेश्य सिर्फ इन्हें सजाना ही नहीं होता बल्कि इसके पीछे एक कारण होता है। बच्चों के फेवरेट बिस्किट्स से लेकर डायबिटीज के मरीजों तक के लिए मार्केट में शुगर फ्री बिस्किट उपलब्ध होते हैं। इनमें से कुछ बिस्किट छेद के साथ आते हैं। खास कर स्वीट एंड सॉल्टी स्वाद वाले बिस्किट्स पर यह छेद बने हुए मिलते हैं। बहुत से लोगों को ये छेद महज डिजाइन लगते हैं। लेकिन असल में यह सिर्फ एक साधारण डिजाइन नहीं बल्कि इनके मैन्युफैक्चरिंग का सही तरीका है, जो एक साइंस के तहत काम करता है।
छेद देता है बिस्किट को सही आकार (Why All Biscuits Have Holes)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बिस्किट्स पर बने इन छेदों को डॉकर्स (Docking Holes) कहा जाता है। यह छेद इसलिए दिए जाते हैं कि बिस्किट बनाते समय इनमें से हवा गुजरती रहे और ये ज्यादा फूलें नहीं। आटा, चीनी और नमक को शीट की तरह ट्रे पर फैलाकर एक मशीन के नीचे रख दिया जाता है। इन मशीनों की मदद से इन बिस्किट्स में छेद किये जाते हैं। इस छेद से बिस्किट सही बनते हैं क्योंकि इन्हें बनाने की प्रकिया के दौरान इनमें कुछ हवा भर जाती है। बिस्किट के बैटर को बाद में ओवन में रखे जाने पर इसकी हीट बढ़ने के दौरान बिस्किट गर्म हो कर फूलने लगते हैं। इससे बिस्किट का आकार बड़ा तो होता ही है साथ में इसका आकार बेढंगा हो जाता है।
सही छेद के लिए मशीनों का होता है इस्तेमाल
बिस्किट्स के शेप को सही रखने के लिए और इनका आकार ज्यादा बड़ा न हो इसलिए इनमें छेद किये जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को बेहतर ढंग से करने के लिए मशीनों का इस्तेमाल ही उपयोगी साबित होता है। हाइटेक मशीनों की मदद से बिस्किट पर छेद एक समान दूरी तथा एक बराबर बनते हैं। इस वजह से बिस्किट चारों तरफ से एक बराबर फूलते है और सही तरह से पकते हैं। जिसके बाद यह बिस्किट क्रंची और क्रिस्पी बन जाते हैं।
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