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50 वर्षीय महिला ऑटोरिक्शा अक्का है लोगों के लिए मिसाल, महिलाओं और बुजुर्गों को फ्री मंजिल तक पहुंचाती है

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PV Raji Ashok: चेन्नई की यात्रा पर निकले हुए किसी भी यात्री को अगर शहर घूमते हुए रात हो जाए या फिर उन्हें किसी जगह पहुँचना हो जिसकी जानकारी उन्हें न हो। तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं। उनकी मदद के लिए और उन्हें सही-सलामत और सुरक्षित घर पहुँचाने की जिम्मेदारी लेती है चेन्नई की ऑटो अक्का।

चेन्नई की 50 वर्षीय ऑटोरिक्शा चालक राजी अशोक (PV Raji Ashok) है ऑटो अक्का। महिलाओं और बुजुर्गों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुँचाने की जिम्मेदारी लिए राजी अशोका पिछले कई सालों से सड़क पर अपनी ऑटो दिन रात दौड़ाती रहती है। महिलाओं की सुरक्षा आज के समय की एक महत्त्वपूर्ण जरूरत है। ऐसे में चाहे कोई भी राज्य, शहर या स्थान हो महिलाओं को रात के समय में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में काफी सोच विचार करना पड़ता है। इन्हीं परिस्थितियों और वर्तमान समय के हालातों को देख कर राजी ने फैसला किया की वह कम से कम अपने शहर, इलाके में महिलाओं को सुरक्षित किसी भी स्थान पर पहुँचाने की जिम्मेदारी लेती हैं।

ऑटोरिक्शा से सिर्फ पैसे कमाना नहीं है उद्देश्य

पचास वर्षीय ऑटोरिक्शा चालक राजी अशोक (P.V. Raji Ashok) पिछले 23 साल से चेन्नई की सड़कों पर ऑटो चला रही हैं। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राजी ने ऑटो चलाने का फैसला किया। राजी के लिए उनके ऑटो चलाने का मकसद केवल पैसा कमाना नहीं है, बल्कि इमरजेंसी परिस्थितियों में महिलाओं एवं बुजुर्गों को फ्री में उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुँचाना है। ये भी पढ़ें – मध्यप्रदेश की आदिवासी महिलाओं ने बनाए इको- फ्रेंडली साबुन, जिसकी डिमांड हो रही है अमेरिका तक

सिर्फ एक घंटे के नोटिस पर मदद के लिए पहुँचती है

राजी ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह बताया कि एक दिन उन्होंने चेन्नई (Chennai) में नशे में धुत एक ऑटोरिक्शा चालक को एक महिला को ले जाते हुए देखा। तभी उनके मन में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विचार आया और तब से ही उन्होंने महिलाओं के लिए रात में भी ऑटो चलाना शुरू कर दिया। राजी अक्का महिला यात्रियों के लिए रात या दिन नहीं देखती हैं। वे सिर्फ एक घंटे के नोटिस पर उस महिला यात्री की मदद के लिए पहुँच जाती हैं। उनका प्रयास होता है कि वह जल्द से जल्द उस महिला यात्री की मदद के लिए उस स्थान तक पहुँचे और सुरक्षित उस महिला यात्री को उसके घर तक पहुँचा दें।

फैमिली को सपोर्ट करने के लिए चलाने लगी ऑटो

राजी अशोका वैसे तो केरल की रहने वाली हैं और उन्होंने ग्रेजुएशन तक शिक्षा प्राप्त की है। शादी के बाद राजी अपने पति के साथ चेन्नई शिफ्ट हो गई थीं। उनके पति चेन्नई में एक ऑटो चालक थे। राजी अशोका को जब ग्रेजुएट होने के बाद भी जॉब नहीं मिली तो उन्होंने फैमिली को सपोर्ट करने के लिए और आर्थिक सहायता के लिए ऑटो चलाना शुरू कर दिया।

मुफ्त ड्राइविंग कोचिंग से अशिक्षित महिलाओं को मिलेगी मदद

महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए और अशिक्षित महिलाओं को आर्थिक समानता प्रदान करने की सोच रखते हुए राजी कहती हैं कि हमें महिलाओं को मुफ्त ड्राइविंग कोचिंग देने की जरूरत है। इसका कारण यह है कि कई अशिक्षित महिलाएँ बहुत कम वेतन पर काम करती है जबकि ऑटो चालक प्रति माह 15 से 20 हजार रुपये कमा लेते हैं। अब तक राजी अशोका के ऑटो में 10 हजार से अधिक महिलाएँ सुरक्षित सवारी कर चुकी हैं। राजी की सेवा भावना, सूझ-बूझ और साहस यहीं तक सीमित नहीं होते बल्कि वह महिलाओं को फ्री में ऑटो चलाना भी सिखाती हैं।

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News Desk
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