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Third Party Insurance: क्या है यह इंश्योरेंस पॉलिसी और कार बाइक चलाने वालों के लिए क्यों है जरुरी

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Third Party Insurance: क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस? इसमें थर्ड पार्टी कौन होता है? क्या इसे करवाना ज़रूरी है? इन सभी सवालों का जवाब आज हम आपको अपने इस लेख के जरिए देंगे।

क्या है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) एक बीमा पॉलिसी है। इस इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत वाहन चलाने वाला व्यक्ति फर्स्ट पार्टी और वाहन की चपेट में आने वाला कोई भी अन्य व्यक्ति थर्ड पार्टी होता है। इसमें गाड़ी मालिक को सीधे तौर पर कवर नहीं मिलता लेकिन उसकी गाड़ी से अगर किसी दुर्घटना में तीसरे पक्ष को नुकसान पहुंचता है, तो उसको बीमा कवर मिलता है। इस स्थिति में यह इंश्योरेंस बीमा धारक को आर्थिक नुकसान से बचाता है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में मिलने वाला कवर

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third party insurance) तीसरे पार्टी के अस्पताल में होने वाले खर्चों या अन्य कानूनी कार्यों की लागत को कवर करता है। इसके कवर में आपके वाहन से किसी तीसरे व्यक्ति के वाहन को हुए नुकसान, उसकी संपत्ति को हुए नुकसान, या उस व्यक्ति के शरीर में गंभीर चोट या मृत्यु के मामले में मुआवजा और दुर्घटना से संबंधित कानूनी या अदालती कार्रवाई का खर्च शामिल होता है। इन सभी खर्चों का क्लेम बीमा कंपनी द्वारा भुगतान किया जाता है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में नहीं मिलने वाला कवर

ध्यान रखें, इस पॉलिसी (Third party insurance) के तहत वाहन मालिक के किसी भी प्रकार के नुकसान (वाहन चोरी या वाहन मालिक को हुए शारीरिक नुकसान) की भरपाई का मुआवजा नहीं दिया जाता। यह स्पष्ट रूप से दुर्घटना में तीसरे व्यक्ति के नुकसान की भरपाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तीसरे पक्ष से संबंधित होने के कारण इसे लायबिलिटी कवर भी कहा जाता है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की अनिवार्यता

साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने नए वाहनों की खरीद के साथ ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third party insurance) कराना अनिवार्य कर दिया। बाइक के लिए 5 साल और कार के लिए 3 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना जरूरी होता है। बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर, 2000 रुपये तक का जुर्माना या 3 महीने तक जेल की सजा का प्रावधान है। वहीं, वाहन चालक इस तरह की लापरवाही बार-बार बरतता है तो एक साथ ये दोनों सजा दी जा सकती है।

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News Desk
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