Menstrual cup use in hindi – भारत समेत दुनिया भर में महिलाओं को मासिक धर्म यानी पीरियड्स का सामना करना पड़ता है, जिसमें महीने के 3 से 5 दिन बहुत ही दर्दनाक और असहज होते हैं। इस दौरान महिलाओं के शरीर से ब्लड निकलता है, जिसकी वजह से उन्हें कमजोरी, थकान, पेट में दर्द और ऐंठन का सामना करन पड़ता है।
इन सभी परेशानियों के साथ-साथ ब्लड फ्लो को कंट्रोल करने के लिए महिलाओं को सैनिटरी पैड या फिर टैम्पोन का इस्तेमाल करना पड़ता है। ऐसे में Non-Biodegradable प्लास्टिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से महिलाओं में संक्रमण और खुजली आदि समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
इतना ही नहीं सैनिटरी पैड्स और टैम्पोन जैसे प्लास्टिक को डिस्पोज होने में 500 से 800 साल का लंबा वक्त लगता है, जिसकी वजह से पर्यावरण पर बुरा और विपरीत प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि हाल के कुछ सालों में पैड्स के बजाय मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ने लगा है, हालांकि इसके बावजूद भी कई महिलाओं को मेंस्ट्रुअल कप के यूज को लेकर संदेह रहता है।
तो आइए आज जानते हैं मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) के बारे में कुछ बहुत ही महत्त्वपूर्ण बातें, जो महिलाओं को हर महीने आने वाले मासिक धर्म की समस्याओं से न सिर्फ आराम दिलाएगा बल्कि पैड्स और टैम्पोन पर खर्च होने वाली रकम को भी कई गुना कम कर देगा।
क्या है मेंस्ट्रुअल कप? (What is a Menstrual Cup in Hindi?)
सैनिटरी पैड्स या टैम्पोन के बिल्कुल विपरीत मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) एक छोटे से आकार का डिवाइस है, जो सिलिकॉन या मुलायम रबर से बना होता है। यह कप बहुत ही लचीला और फनल शेप का होता है, जिसकी वजह से इसे पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल करना आसान हो जाता है।
बाजार में मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) के अलग-अलग साइज मौजूद होते हैं, जिसमें सबसे छोटा साइज अविवाहित लड़कियाँ इस्तेमाल कर सकती हैं। वहीं मध्यम और बड़े आकार का कप शादीशुदा और ज्यादा ब्लड फ्लो वाली महिलाओं के इस्तेमाल के लिए उपयुक्त रहता है।
मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) का काम पीरियड्स के दौरान शरीर से निकलने वाले खून या फ्लूड को इकट्ठा करना होता है, जिसे 6 से 8 घंटे में खाली करके दोबारा से इस्तेमाल से किया जा सकता है। इसलिए मेंस्ट्रुअल कप सुविधाजनक और कम खर्चीला माना जाता है।
मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल (Menstrual cup use in hindi)
मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) को पैड की तरह इस्तेमाल नहीं करना होता है, बल्कि इसे योनि यानी वैजाइना के अंदर फीट करना होता है। वैजाइना में लगाए जाने के बाद मेंस्ट्रुअल कप में पीरियड ब्लड इकट्ठा होने लगता है, जिसकी वजह से वह शरीर के बाहर नहीं निकलता है।
मेंस्ट्रुअल कप को हर 6 से 8 घंटे के बाद वैजाइना से बाहर निकाल कर उसे खाली करना होता है, जिसके बाद उसे साबुन से धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि कई महिलाएँ इस बात से डरती हैं कि वैजाइना में मेंस्ट्रुअल कप को डालने से कोई समस्या न हो जाए या फिर उन्हें दर्द का सामना करना पड़ेगा, लेकिन यह सब एक मिथ है।
1- सुरक्षित होता है Menstrual Cup का इस्तेमाल
जिस तरह पहली बार पीरियड होने पर लड़कियों को सैनिटरी पैड या टैम्पोन यूज करने में डर लगता है, ठीक इसी प्रकार मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) को इस्तेमाल करने से पहले थोड़ी-सी झिझक होना लाजिमी है। लेकिन मेंस्ट्रुअल कप को वैजाइना में डालना और निकालना बिल्कुल सुरक्षित होता है।
यह प्रोडक्ट मुलायम सिलिकॉन या रबर से बना होता है, इसलिए इसे वैजाइना में फीट करने से किसी प्रकार का संक्रमण नहीं होता है। यह सैनिटरी पैड या टैम्पोन की तरह की इस्तेमाल करने में सुविधाजनक और सुरक्षित होता है, जिसमें लीकेज का खतरा न के बराबर होता है।
2- Menstrual Cup लगाने में नहीं होता है दर्द
मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) के इस्तेमाल को लेकर सबसे बड़ा मिथ या धारणा यह है कि इसे वैजाइना में लगाने के दौरान दर्द का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह सिर्फ एक भ्रम है। हाँ, शुरुआत में मेंस्ट्रुअल कप को इस्तेमाल करने में आपको असहज महसूस हो सकता है, लेकिन इसे लगाने या निकालने में किसी तरह का दर्द महसूस नहीं होता है।
3- Menstrual Cup से नहीं होती है असुविधा
कई महिलाओं को लगता है कि मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) के इस्तेमाल से उन्हें हर वक्त असुविधा महसूस होगी, क्योंकि उन्हें बार-बार शरीर के अंदर किसी चीज के होने का एहसास होता रहेगा। लेकिन हम आपको बता दें कि मेंस्ट्रुअल कप को यूज करने के दौरान ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है।
जहाँ तक असुविधा की बात है, तो पीरियड्स के दौरान महिलाओं को टैम्पोन और सैनिटरी पैड का इस्तेमाल के दौरान भी असुविधा महसूस होती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह पीरियड्स के दौरान अपने दैनिक कार्य छोड़ दे, ठीक इसी प्रकार मेंस्ट्रुअल कप भी असुविधाजनक है।
4- वैजाइना में नहीं फंसता है Menstrual Cup
मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) को लेकर फैले भ्रम में यह मिथ सबसे ज्यादा प्रचलित है, जिसमें महिलाओं को यह लगता है कि मेंस्ट्रुअल कप उनकी वैजाइना में फंस जाएगा। लेकिन अगर आप विज्ञान की नजर से देखें, तो मेंस्ट्रुअल कप का वैजाइना में फंसना नामुमकिन है।
दरअसल महिलाओं की वैजाइना का साइज 10 सेंटीमीटर होता है, जबकि मेंस्ट्रुअल कप 3 से 4 सेंटीमीटर तक इंसर्ट हो सकता है। ऐसे में मेंस्ट्रुअल कप का वैजाइना में फंसना या अंदर की तरफ चला जाना नामुमकिन है।
5- टॉयलेट के दौरान नहीं निकालना पड़ता है मेंस्ट्रुअल कप
पीरियड्स के दौरान वॉशरूम इस्तेमाल करते समय आपको मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) को बार-बार निकालने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि इसका यूरिन पास करने से कोई सम्बंध नहीं होता है। इसलिए महिलाएँ पीरियड्स के दौरान भी मेंस्ट्रुअल कप को लगाकर वॉशरूम का इस्तेमाल कर सकती हैं।
महिलाएँ मेंस्ट्रुअल कप को निकाले बिना भी यूरिन पास कर सकती है, इस कप को वैजाइना से तभी बाहर निकालना होता है जब वह भर जाए और उसे खाली करने की जरूरत पड़े। इसके अलावा अगर कोई महिला पीरियड्स के दौरान शारीरिक सम्बंध बनाती है, तो उसे मेंस्ट्रुअल कप को निकालने की जरूरत पड़ती है।
6- हर उम्र की महिलाएँ कर सकती हैं Menstrual Cup का इस्तेमाल
मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) को लेकर एक मिथ यह भी है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ शादीशुदा महिलाएँ ही कर सकती हैं, क्योंकि इसे वैजाइना में इंसर्ट करना होता है। लेकिन हम आपको बता दें कि मेंस्ट्रुअल कप को किसी भी उम्र की महिला या लड़की इस्तेमाल कर सकती है, इसका शादी से कोई लेना देना नहीं है।
मेंस्ट्रुअल कप को वैजाइना में इंसर्ट करने से हाइमिन ब्रेक नहीं होता है, क्योंकि यह झिल्ली शारीरिक सम्बंध बनाने के दौरान टूटती है। इसके अलावा अगर कोई लड़की खेल कूद में ज्यादा एक्टिव है या फिर स्विमिंग, डांस और साइकिलिंग करती है, तो हाइमिन का ब्रेक होना सामान्य बात है।
ऐसे में अगर आप भी यह सोचती हैं कि मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने पर हाइमिन टूट जाएगी या फिर इसे शादीशुदा और शारीरिक सम्बंध बनाने वाली महिलाएँ ही इस्तेमाल कर सकती हैं, तो आप बिल्कुल गलत हैं। मेंस्ट्रुअल कप को हर उम्र की महिला की जरूरत को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
7- सही साइज के Menstrual Cup का चुनाव (Type of menstruation cups)
बाजार में मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) के तीन साइज (Type of menstruation cups) मौजूद होते हैं, जिसमें छोटा (Small) , मध्यम (Medium) और बड़ा (Large) शामिल है। 30 से कम उम्र की महिलाओं और लड़कियों को छोटे साइज का मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
वहीं अगर किसी महिला का ब्लड फ्लो काफी ज्यादा होता है, तो उसे मीडियम साइट के मेंस्ट्रुअल कप को इस्तेमाल करना चाहिए। जबकि शादीशुदा और 30 से ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए बड़े साइज का मेंस्ट्रुअल कप सुविधाजनक होता है, हालांकि अगर किसी महिला को कम ब्लड फ्लो होता है तो वह मध्यम आकार वाले मेंस्ट्रुअल कप का यूज कर सकती हैं।
8- Menstrual Cup खाली करने का ठीक समय
वैसे तो डॉक्टर्स मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) को हर 6 से 8 घंटे में खाली करने की सलाह देते हैं, लेकिन कप को खाली करना पूरी तरह से ब्लड फ्लो पर निर्भर करता है। अगर किसी महिला को ज्यादा फ्लो होता है, तो उसे 3 से 4 घंटे में कप को खाली कर लेना चाहिए।
वहीं अगर किसी लड़की को कम ब्लड फ्लो होता है, तो वह 8 से 9 घंटे तक मेंस्ट्रुअल कप को खाली किए बिना इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि मेंस्ट्रुअल कप को एक बार इस्तेमाल करने के बाद महिलाओं को खुद आइडिया हो जाता है कि उन्हें कप कब खाली करना है।
9- Menstrual Cup को स्टोर करने का आसान तरीका
सैनिटरी पैड या टैम्पोन की तरह मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) को किसी से छिपाकर रखने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि यह एक बहुत ही साधारण-सा डिवाइस है। मेंस्ट्रुअल कप को खरीदते समय इसके साथ एक छोटा-सा बैग या पाउच दिया जाता है, जिसमें इसे इस्तेमाल करने के बाद रखा जाता है।
पीरियड्स खत्म होने के बाद मेंस्ट्रुअल कप को 5 मिनट के लिए गर्म पानी में डालकर छोड़ देना चाहिए, ताकि उसकी अच्छी तरह से सफाई हो सके और इंफेक्शन का खतरा न हो। इसके बाद गर्म पानी से बाहर निकाल कर कप को उसके सामान्य शेप में आने दें, फिर उसे कपड़े से पोंछकर पाउच में डालकर अलमारी यै बैग में रख लें।
10- उठा सकते हैं स्विमिंग और स्कूबा डाइविंग का लुफ्त
कई महिलाओं को स्विमिंग और स्कूबा डाइविंग करने का शौक होता है, लेकिन पीरियड्स में पैड्स और टैम्पोन की वजह से वह इन सभी एक्टिविटीज़ का लुफ्त नहीं उठा पाती हैं। लेकिन अगर आप मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) का इस्तेमाल करती हैं, तो आपके लिए स्विमिंग और स्कूबा डाइविंग जैसी पानी की एक्टिविटी करना बहुत ही आसान हो जाएगा।
दरअसल सैनिटरी पैड्य या टैम्पोन का इस्तेमाल करने के दौरान पानी में उतरना संभव नहीं होता है, लेकिन मेंस्ट्रुअल कप एक ऐसा डिवाजइ है जो महिलाओं के शरीर में इस तरह फीट रहता है कि वह कोई भी एक्टिविटी या एक्सरसाइज कर सकती हैं।
11- सालाना होती है पैसों की बचत
मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) को इस्तेमाल करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस यूज करने के लिए हर महीने पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि एक कप को कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है। आपको बता दें कि एक मेंस्ट्रुअल कप की कीमत 250 से 300 रुपए तक होती है, जो वन टाइम इंवेस्टमेंट है।
वहीं दूसरी तरफ सैनिटरी नैपकिन और टैम्पून का इस्तेमाल करने के लिए महिलाओं को हर महीने 150 से 200 रुपए खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन अगर आप मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल शुरू कर देती हैं तो आपका हर महीने होने वाला खर्च बच सकता है।
एक मेंस्ट्रुअल कप को कम से कम 6 से 8 महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में अगर आप पूरे साल में 2 मेंस्ट्रुअल कप भी खरीदती हैं, तो उसका खर्च 300 से 500 रुपए होगा, जो सैनिटरी पैड्स और टैम्पोन के मुकाबले काफी कम है।
हमें उम्मीद है कि इस आर्टिकल (Menstrual cup use in hindi) को पढ़ने के बाद मेंस्ट्रुअल कप को लेकर आपके दिमाग में मौजूद सवालों के जवाब मिल गए होंगे। ऐसे में अगर आप एक महिला हैं और सैनिटरी पैड्स का यूज करती हैं, तो पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दें और मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) का इस्तेमाल शुरू कर दें।