भारत में हर साल कई प्रतियोगिता परिक्षाओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें NEET को बेहद कठिन परीक्षा माना गया है। इस परीक्षा के लिए हर साल सैकड़ों प्रतिभागी तैयारी करते हैं, जिन्होंने 10वीं और 12वीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम में अच्छे अंक प्राप्त किए होते हैं।
ऐसे में अच्छे अंक लाने वाले छात्रों को पूरा विश्वास होता है कि वह NEET में अच्छा प्रदर्शन करेंगे, लेकिन लिपाक्षी पाटीदार (Lipakshi Patidar) नाम की लड़की के साथ इसके बिल्कुल विपरीत घटना घटी है। लिपाक्षी ने 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए थे, जिसकी वजह से उसने NEET परीक्षा दी थी। लेकिन 161 प्रश्न हल करने के बावजूद भी लिपाक्षी को 0 अंक मिले हैं, आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
161 प्रश्न हल करने के बावजूद मिले 0 अंक
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) शहर के आगर में भेसोदा नामक एक छोटा-सा गाँव मौजूद है, जहाँ लिपाक्षी पाटीदार (Lipakshi Patidar) का जन्म हुआ था। लिपाक्षी के पिता बद्रीलाल पाटीदार पेशे से एक किसान हैं, जिनका सपना था कि लिपाक्षी पढ़ लिखकर डॉक्टर बने। क्योंकि उनके परिवार में आज तक एक भी व्यक्ति डॉक्टर की डिग्री हासिल नहीं कर पाया है। इसे भी पढ़ें – 140 साल पहले पहलवान ने शुरू की थी मिठाई की दुकान, आज चौथी पीढ़ी की बेटियां चला रही है दुकान
अपने पिता के इस सपने को पूरा करने के लिए लिपाक्षी स्कूल के दिनों से ही कड़ी मेहनत करती थी, जिसकी वजह से 10वीं कक्षा के एग्जाम में उन्होंने 87 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। वहीं 12वीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम में लिपाक्षी को 80 प्रतिशत अंक मिले थे, जिसके बाद उन्होंने कोटा जाकर NEET के एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी थी।
लिपाक्षी एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती है, ऐसे में उनका छोटे से गाँव से निकल कोटा जैसे बड़े शहर में जाना और कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करना बहुत बड़ी बात थी। लिपाक्षी ने NEET की परीक्षा में 200 से 161 प्रश्नों के जवाब दिए थे, जिसकी वजह से उन्हें उम्मीद थी कि वह परीक्षा में कम से कम 640 अंक प्राप्त कर लेगी। लेकिन जब परीक्षा का रिजल्ट आया, तो लिपाक्षी की उम्मीदों और मेहनत पर पानी फिर गया।
लिपाक्षी को एग्जाम के रिजल्ट में 0 अंक मिले थे, जबकि उन्होंने 161 सवालों के जवाब दिए थे। इसके बाद जब लिपाक्षी ने अपनी OMR शीट देखी, तो बिल्कुल खाली था। ऐसे में लिपाक्षी ने अपने घर परिवार के बड़े बुजुर्गों के साथ सलाह करने क बाद इंदौर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, ताकि उन्हें न्याय मिल सके।
शीट के साथ की गई है गड़बड़ी
लिपाक्षी का कहना है कि उन्होंने 200 में से 161 प्रश्नों का उत्तर दिया था, ऐसे में उनके रिजल्ट में 0 अंक आने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। इसके साथ ही जब लिपाक्षी ने अपनी OMR शीट की जांच की, तो वह बिल्कुल ब्लैंक थी। लिपाक्षी को शक है कि उनकी शीट के साथ कोई गड़बड़ की गई है, क्योंकि उन्होंने OMR शीट पर बॉक्स के अंदर अंगूठा लगाया था जबकि नई शीट पर अंगूठे का निशान बॉक्स की लाइन पर पहुँच गया है।
लिपाक्षी (Lipakshi Patidar) का कहना है कि उन्होंने जिस शीट पर जवाब दिए थे, उसे बदल दिया गया है। क्योंकि एग्जाम में कोई भी छात्र ब्लैंक शीट तब छोड़ता है, जब वह पेपर की तैयारी न करके आया हो। लिपाक्षी और उनके परिवार की मांग है कि इस मामले में सख्त कार्यवाही की जाए और हाई लेवल कमेटी बनाकर NEET परीक्षा में हुई धांधली की जांच की जाए, ताकि लिपाक्षी जैसे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए। इसे भी पढ़ें – गांव-गांव जाकर बच्चों को मुफ़्त में कंप्यूटर सिखाती है यह बस, अब तक 1,300 बच्चे ले चुके हैं प्रशिक्षण