Mahaveer Rabri Bhandar Jaipur: राजस्थान अपने खानपान, पारंपरिक संस्कृति और बोलचाल के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है, जहाँ साल के ज्यादातर महीने शरीर को जला देने वाली गर्मी पड़ती है। लेकिन इसके बावजूद भी राजस्थान के खानपान में तीखेपन का स्वाद काफी ज्यादा देखने को मिलता है, जिसे बनाने के लिए सूखी और कूटी हुई लाल मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है।
हालांकि इस राज्य के लोगों की जुबान पर सिर्फ तीखा स्वाद ही मौजूद नहीं है, बल्कि यहाँ के लोग मिठाईयों के काफी ज्यादा शौकीन होते हैं। यही वजह है कि राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर में रबड़ी को खूब स्वाद के साथ खाया जाता है, जिसका सबसे मशहूर विक्रेता महावीर रबड़ी भंडार है।
जयपुर की सबसे मशहूर हलवाई की दुकान
जयपुर (Jaipur) में हवा महल (Hawa Mahal) एक फेमस पर्यटन स्थल है, जहाँ हर पर्यटक एक न एक बार घूमने के लिए जरूर जाता है। इसी हवा महल के पास मिश्रा राजाजी नामक एक पतली-सी गली मौजूद है, जिसके अंदर महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar, Jaipur) नामक एक छोटी-सी हलवाई की दुकान है। भले ही इस दुकान का साइज छोटा है, लेकिन इसके चर्चे पूरे जयपुर में होते हैं। इसे भी पढ़ें – साढ़े चार लाख लोगों को पछाड़कर सोने में सबसे आगे निकल गई ये लड़की, जीता 6 लाख रुपए का ईनाम
महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar, Jaipur) की यह दुकान 140 साल से भी ज्यादा पुरानी है, जहाँ बनाई जाने वाली रबड़ी जयपुर समेत पूरे राजस्थान में फेमस है। इस दुकान को कपूरचंद जैन ने शुरू किया था, जो पेशे से एक पहलवान थे और अखाड़ा चलाते थे। लेकिन कपूरचंद जैन को खाने पीने का काफी शौक था, जिसकी वजह से उन्होंने पोषक तत्वों से भरपूर दूध और रबड़ी बेचने का काम शुरू कर दिया था।
इस तरह जयपुर के लोगों की जुबान पर ताजे दूध और रबड़ी का स्वाद चढ़ने लगा, जिसकी वजह से महावीर रबड़ी भंडार देखते ही देखते पूरे शहर में मशहूर हलवाई की दुकान बन गई थी। इसके बाद कपूरचंद जैन ने रबड़ी के अलावा अन्य मिठाई बनाने और बेचने का काम शुरू कर दिया था, जहाँ विभिन्न प्रकार की मिठाईयाँ मिलती हैं।
तीसरी और चौथी पीढ़ी की बेटियां चला रही है दुकान
वर्तमान में इस दुकान को कपूरचंद जैन की तीसरी पीढ़ी चला रही है और उससे भी ज्यादा खास बात यह है कि इस पीढ़ी में सिर्फ लड़की शामिल हैं। इस दुकान की जिम्मेदारी कपूरचंद जैन की पोती सीमा बड़जात्या संभाल रही हैं, जबकि इस काम में उनके पति अनिल और बेटी अमृता भी मदद करती है।
हालांकि महावीर रबड़ी भंडार में सिर्फ मिठाई और रबड़ी ही नहीं मिलती है, बल्कि कपूरचंद जैन की तीसरी पीढ़ी ने उनके व्यापार को एक कदम आगे ले जाने का काम किया है। इस दुकान में विभिन्न प्रकार की मिठाईयों के अलावा खाने की थाली, ड्राई फ्रूट्स, फ्लेवर्ड मिल्क, छांछ, लस्सी और रेडी टू ईट फूड भी मिलता है। इसे भी पढ़ें – खूबसूरती और सादगी की मिसाल थी दूरदर्शन की न्यूज एंकर्स, आज के दौर में भी याद करते हैं लोग