Sandalwood tree farming – आज के समय में कई सारे ऐसे किसान है जिन्हें खेती में नुकसान उठाना पड़ता है और अपने जीवन को ठीक तरह से गुजारने के लिए यह किसान शहरों के लिए रवाना हो जाते हैं। खेती में कई बार इन किसानों की लागत भी नहीं निकल पाती है और इसीलिए किसानों को मजबूर होकर कर्ज लेना पड़ता है और कई बार इसी कर्ज चुकाते-चुकाते हैं इन्हें अपना जीवन भी खत्म करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं जो केवल खेती करके ही लाखों और करोड़ों रुपए कमाते हैं। ऐसे किसान खेती की पारंपरिक तरीके से हटकर के किसानी करने का चुनाव करते हैं और इससे अच्छा मुनाफा प्राप्त करते हैं। यह किसान इस तरह के फसल को चुनते हैं जिनसे बेहतर कमाई हो सके।
दोस्तों आपको बता दें कि इनमें से ही एक पेड़ चंदन का होता है जो कि काफी महंगा बेचा जाता है। इसे लगाकर के लोग करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं। आपको यह भी बता दें कि चंदन का पेड़ खरीदने के लिए सरकार ने रोक लगा रखी है। इसीलिए सरकार ही किसानों से इन पेड़ को खरीद लेती है। Chandan Ki Kheti
चंदन के पेड़ के बारे में जानकारी
दोस्तों को बता दे कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में चंदन की मांग बहुत ज्यादा है। लेकिन दुनिया भर में चंदन का जितना उत्पादन होता है उससे दुनिया भर में चंदन की डिमांड पूरी नहीं हो पाती है। इसीलिए चंदन की कीमत काफी ज्यादा बढ़ चुकी है। यदि आप चंदन की खेती में निवेश करते हैं तो इसमें कई गुना ज्यादा पैसे आप कमा सकते हैं।
चंदन के पेड़ दो तरीके से लगाए (Chandan Ke Ped Ki Kheti) जाते हैं। इसे लगाने का एक तरीका जैविक है और एक पारंपरिक है। चंदन के पेड़ को जैविक तरीके से उगाने के लिए लगभग 10 से 15 वर्ष का समय लग जाता है।
वहीं दूसरी ओर इसे पारंपरिक तरीके से उगाने में 20 से 25 साल का समय लगता है। चंदन का पेड़ शुरुआती दिनों में बढ़ने लगता है तब फसल पर जानवरों द्वारा हमले का खतरा भी बना रहता है। इसीलिए इस पेड़ को सुरक्षित रखने की भी आवश्यकता होती है। चंदन का पेड़ बर्फीले एवं रेतीले क्षेत्रों के अतिरिक्त कहीं भी बेहतर तरीके से उगाया जा सकता है। बता दें कि चंदन इत्र एवं आयुर्वेदिक दवाएँ बनाने के लिए भी उपयोग में लिया जाता है।
चंदन की खेती से कमाएँ मुनाफा (Sandalwood farming profit)
आपको बता दें कि चंदन की खेती (Chandan Ki Kheti) करके बहुत अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। जब चंदन के पेड़ को लगे 8 वर्ष का समय बीत जाता है तब यह मजबूती पाने लगता है। इसे लगाने के 12 से 15 साल के बाद यह पेड़ कटाई के लिए पूरी तरीके से तैयार हो चुका होता है। चंदन के पेड़ के बड़े हो जाने के बाद किसान प्रत्येक वर्ष 15 से 20 किलो लकड़ी एक पेड़ से प्राप्त कर पाता है।
यह लकड़ी 3 से ₹7000 प्रति किलो के भाव से बाज़ार में बिक जाती है। बता दें कि कभी-कभी चंदन के पेड़ की लकड़ी ₹10000 प्रति किलो के भाव से भी बिकती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि 1 हेक्टेयर चंदन की खेती (Sandalwood tree farming) करने में 3000000 रूपये की लागत लगती है और इससे सवा करोड रुपए से लेकर के डेढ़ करोड़ रुपए तक की कमाई होती है।