Papaya Farming: फल खाना सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक माना जाता है, जिसमें ढेर सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यही वजह है कि भारत में फलों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, जिसमें विदेशी फलों की संख्या भी काफी ज्यादा है। ऐसे में अगर आप भी किसान हैं और फलों की खेती करते हैं, तो आपको ताइवानी पपीता उगाने के बारे में सोचना चाहिए।
यह पपीते की एक बहुत ही खास किस्म है, जिसे ताइवानी रेड लेडी (Red Lady Papaya) के नाम से जाना जाता है। यह पपीता शुगर फ्री होने के साथ-साथ कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसकी वजह से भारतीय बाजारों में इस किस्म के पपीते की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। तो आइए जानते हैं ताइवानी रेड लेडी पपीते की खेती करने का सही तरीका।
ताइवानी रेड लेडी विदेशी पपीता
अगर आप भी ताइवानी रेड लेडी प्रजाति के पपीते की खेती (Red Lady Papaya Farming) करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको महाराष्ट्र में स्थित राष्ट्रीय आजीविका मिशन संस्थान से मदद लेनी होगी। यह संस्थान इस खास प्रजाति के पपीते के पौधों को ताइवान से मंगवाती है, जिनकी मदद से आप घर बैठे पपीते की खेती कर सकते हैं। इसे भी पढ़ें – खस की खेती करके अमीर बन रहे हैं किसान, लागत मूल्य से होती है कई गुना ज्यादा कमाई
ऐसे में उत्तर प्रदेश के कुशगंवा में रहने वाली राधा रानी भी अपनी 2 बीघा जमीन में ताइवानी रेड लेडी प्रजाति के पपीते की खेती कर रही हैं, जिसके लिए उन्होंने महाराष्ट्र से 50 हजार रुपए में 1, 100 पौधे मंगवाए थे। हालांकि उनमें से 400 पौधे खराब मौसम की वजह से नष्ट हो गए थे, जबकि 700 पौधे अभी भी खेत में मौजूद हैं।
रेड लेडी पपीते (Red Lady Papaya) की खासियत है कि इसका पौधा एक बार पूरी तरह से विकसित होने के बाद लगभग 3 साल तक लगातार फल देता है, जिसकी वजह से किसान को अच्छी कमाई करने का मौका मिल जाता है। इस प्रजाति के पौधा 3 फुट की ऊंचाई पर पहुँचने के बाद ही फल देना शुरू कर देता है, जिसकी वजह से पपीते की पैदावार अच्छी होती है।
राधा रानी ने अक्टूबर 2021 में पपीते के पौधे लगाए थे, जिसे अब तक लगभग 10 महीने बीत चुके हैं। ऐसे में रेड लेडी के एक पौधे से 1 क्विंटल से ज्यादा पपीते की उपज हो सकती है, जिससे राधा रानी के परिवार की आर्थिक स्थिति में काफी बेहतर हो सकती है।
रेड लेडी पपीते की खेती करने के लिए राधा रानी ने अब तक डेढ़ लाख रुपए खर्च किए हैं, जिसमें पौधों की खरीद से लेकर खाद और अन्य चीजें शामिल हैं। इसके अलावा राधा ने इस किस्म के पपीते को उगाने के लिए खास ट्रेनिंग भी ली थी, जबकि उन्हें उम्मीद है कि वह लागत मूल्य से ज्यादा मुनाफा कमा सकती हैं।
रेड लेडी किस्म का पपीता शुगर फ्री होता है, जिसकी वजह से डायबिटीज से पीड़ित मरीज भी इस पपीते का सेवन आसानी से कर सकते हैं। यह पपीता ब्लड में शुगर की मात्रा को नहीं बढ़ाता है, जबकि इसके पचाना भी आसान होता है। यही वजह है कि भारतीय बाजारों में रेड लेडी पपीते की मांग तेजी से बढ़ रही है।
ऐसे में अगर आप भी किसान हैं और कम जमीन में फल की खेती करना चाहते हैं, तो ताइवान रेड लेडी किस्म के पपीते की खेती करना एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। इस फल को उगाने में लागत मूल्य भी कम आएगा, जबकि मुनाफा भी ज्यादा होगा। इसे भी पढ़ें – एक बार लगाए सुपारी का पेड़, 70 साल तक होता रहेगा बेहिसाब मुनाफा