इस धरती पर जन्म लेने वाले हर इंसान की जान बहुत ही कीमती होती है, लेकिन कुछ लोग लापरवाही की वजह से अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। ऐसे कई मामले हमारे सामने रोजाना आते हैं, जिसमें कोई चलती ट्रेन में चढ़ने या उतरने की कोशिश करता है और अपनी जान गवा बैठता है।
इसी प्रकार कुछ लोग प्लेटफॉर्म पार करने के लिए पटरियों पर चलते दिखाई देते हैं, जबकि कई लोग जाने अनजाने में गलती से ट्रैक पर गिर जाते हैं। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक बच्चा ट्रैक पर गिर जाता है और फिर एक शख्स मसीहा बनकर उस बच्चे की जान बचा लेता है।
रेलकर्मी ने बचाई बच्चे की जान
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा यह वीडियो सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिविजन के अंतर्गत आने वाले वांगणी रेलवे स्टेशन का है, जहाँ एक 6 साल का बच्चा अपनी दृष्टिहीन माँ के साथ प्लेटफॉर्म पर चल रहा था। इस दौरान बच्चा चलते-चलते प्लेटफॉर्म से नीचे रेलवे ट्रैक पर गिर गया, जबकि उसी समय सामने से तेज रफ्तार ट्रेन आ रही थी।
प्लेटफॉर्म पर खड़ी दृष्टिहीन माँ को बच्चे के गिरने का आभास हो गया था, जिसकी वजह से वह अपने बच्चे को बचाने के लिए जोर-जोर से चिल्लाने लगी। इस दौरान प्लेटफॉर्म के दूरी तरफ खड़े प्वाइंटमैन मयूर शेलके की नजर बच्चे पर पड़ी और उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर बच्चे की जान बचा ली।
यहां देखें वीडियो
Bow down in gratitude to Mayur Shelke who saved the life of a 6 year old child of a visually impaired mother,risking his own life .
— VVS Laxman (@VVSLaxman281) March 21, 2023
The railways announced a cash prize for Mayur,and he donated half of it for the child’s education. Proud of Mayur’s values🙏🏼pic.twitter.com/Mc9ct5Z63a
इस दौरान ट्रैक पर सामने से सुपरफास्ट ट्रेन आ रही थी, लेकिन मयूर शेलके ने इंसानियत और बहादुरी की मिसाल पेश करते हुए बच्चे की जान बचा ली। वहीं इस दौरान प्लेटफॉर्म पर मौजूद एक अन्य युवक बच्चे की जान बचाने के लिए भागता नजर आया, लेकिन उसके पास पहुँचने तक मयूर शेलके बच्चे समेत प्लेटफॉर्म पर चढ़ने में कामयाब हो गए थे।
इस घटना का वीडियो देखकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मयूर शेलके की बहादुरी की तारीफ की और उन्हें सम्मानित करने का ऐलान किया है। मयूर का कहना है कि वह ईनाम में मिली नकद धनराशि में से आधा हिस्सा उस बच्चे की शिक्षा के लिए दान करेंगे, ताकि वह आगे चलकर वह अपना और अपनी नेत्रहीन माँ का ख्याल रख सके।