भारतीय रेल नेटवर्क अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और प्रतिदिन करोड़ों यात्री इस रेल नेटवर्क के माध्यम से अपनी यात्रा पूरी करते हैं। आपने भी कभी ना कभी रेल यात्रा तो जरूर की होगी। अगर आपने एसी कोच में यात्रा की है, तो आपको मालूम होगा कि यहाँ पर यात्रियों को तकिया और चादर की सुविधा भी दी जाती है।
हालांकि, कोविड-19 के दौरान इस सुविधा को रोक दिया गया था। फिर कोरोना महामारी कंट्रोल में आते ही इसे दोबारा शुरू कर दिया गया है। लेकिन आपको सुनकर हैरानी होगी कि अब इस नियम में एक नया बदलाव भी किया गया है। इस नियम के अंतर्गत आप यहाँ पर इस्तेमाल करने के बाद रेलवे की तकिया और चादर को घर भी ले जा सकेंगे।
क्या है रेलवे का ये नया नियम?
यदि आप आगामी कुछ दिनों में रेलवे के एसी कोच में यात्रा करने जा रहे हैं और इस नियम का फायदा उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको टिकट बुक करते समय यात्रा भाड़ा के साथ-साथ तकिया और चादर के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यदि आप अपनी टिकट के साथ तकिया, चादर और कंबल बुक करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको प्रति यात्री ₹300 का अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
जिसमें आपको एक कंबल 2 चादरें और एक तकिया मिलेगा। इस शुल्क में आपसे ₹180 कंबल के लिए, ₹40 प्रति चादर और ₹70 एक तकिए की कीमत ली जा रही है। सफर पूरा होने के बाद आपको इस बिस्तर को घर ले जाने की छूट भी दी जाती है। Read Also: टिकट बुकिंग को लेकर रेलवे का बड़ा बदलाव, अब जनरल से यात्रा करने वालों को मिलेगी राहत, जानें काम की खबर
कहां मिल रही है ये सुविधा
AC कोच मिलने वाली इस सुविधा को अभी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध है। इसे डिब्रूगढ़ राजधानी, चेन्नई राजधानी और नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली महामना एक्सप्रेस में शुरू किया गया है।
क्यों बदला नियम?
दरअसल, कोरोना संक्रमण के दौरान रेल यात्रा करने वाले यात्रियों को मिलने वाली बिस्तर की सुविधा बंद कर दी गई थी और रेलवे ने कहा था कि सभी यात्री ठंड का सामना करने के लिए चादर एवं तकिया अपने घर से स्वयं लेकर आए।
जिससे उन्हें यात्रा के दौरान किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। इसके बाद जब कोविड-19 का ग्राफ गिरने लगा तो रेलवे ने अपनी इस सर्विस को दोबारा शुरू कर दिया, लेकिन कुछ बदले हुए नियमों के साथ।
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