आज की समय मे ऐसे बहूत की कम देखने को मिलता है की कोई पूर्व विधायक या छोटा नेता किसी खेत मे काम कर रहा हो या साधारण जीवन जी रहा हो, पर आज हम आपको ऐसे की एक पूर्व विधायक से मिलवाने जा रहे है जो कि खेती बाडी कर के अपना जीवन व्यतित कर रहे है।
उत्तर प्रदेश के भदोही जिला से दो बार भारतीय जनता पार्टी से एम.एल.ए रह चूके डॉ. पूर्णमासी पंकज की सादगी की मिशाल दे रहे है, राजनीति के इस दौर मे बहूत की कम देखने को ऐसा मिलता है की कोई नेता ऐसा साधारण जीवन बिता रहा हों।
दिल्ली में मोदी और UP में योगी की सरकार होने के बाद भी पंकज गेहूं की कटाई और अरहर की मड़ाई भी करते हैं। तेज धूप में अरहर और गेहूं का बोझ ढोते पेशे से शिक्षक रहे पूर्व विधायक डॉ. पूर्णमासी पंकज भदोही जिले के दुर्गागंज के गदौर गडोरा गांव के रहने वाले हैं। PH.D डिग्री धारक डॉ. पूर्णमासी पंकज जब पहली बार विधायक चुने गए तो शिक्षक ही थे।
डाॅ पंकज आज एक ईमानदार की छवि दिखा कर अन्य रसूकदार नेताओ को यह सीख दे रहे है अगर आप सच्चे मन से लोगो की सेवा करके भी राजनेता कहला सकते है। 1991 मे पंकज पहली बार भदोई जिले से एम.एल.ए रह चूके है परन्तुु कूछ राजनैतिक कारणो से उस समय उनकी सरकार ज्यादा समय तक रह नही पाई, पर जब 1996 मे दूसरी बार उन्होने भदोही से जीत दर्ज की और दूसरी बार एम.एल.ए बनें। भदोही की जनता मे लोकप्रिय पूर्व विधायक आज पार्टी व सरकारी अपेक्षाओ से दूखी है।
वर्तमान मे यूपी सरकार अनुसूचित जाति पर काफी ध्यान दे रही है परन्तु फिर भी डाॅ पंकज उसी जाति के होने के बावजूद भी वो इस बात से दूखी है कि सरकार उनकी तरफ ध्यान नही दे रही हैं।
पार्टी नेतृत्व की उपेक्षा से बेहद दुखी पंकज ने कहा- मैं संघ और पार्टी का सिपाही रहा हूं और अजीवन रहूंगा। पूर्व विधायक के पास आज एक भी चार पहिया गाड़ी नहीं है। दो साल पहले तक अपनी एलएमएल वेस्पा स्कूटर से चलते थे। भले ही अब उनके पास एक बाइक है लेकिन पहचान स्कूटर वाले विधायक के रूप में ही है।
कूछ भी हो पर आज के समय मे ऐसे जनप्रतिनिधि बहुत ही कम देखने को मिलते है।