Brimato and Pomato Grafting Technology : इन दिनों शहरों में कीचन गार्डनिंग का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से लोग अपने घर की बालकनी और छत पर बेहद की कम स्पेस में सब्जियां उगाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में गमले में बेहद ही कम मात्रा में धनिया, टमाटर, बैंगन, पुदिना और नींबू जैसी सीजन वाली सब्जियां लगाई जाती हैं, जो पौष्टिक होने के साथ साथ मिलावट रहित होती हैं।
लेकिन शहरों में जगह की कमी काफी ज्यादा होती है, जिसकी वजह से हर को अपनी मनपसंद सब्जी नहीं उगा सकता है। ऐसे में आप अपने कीचन गार्डन में एक अनोखा पौधा लगा सकते हैं, जिसमें आलू, टमाटर, बैंगन और मिर्च जैसी सब्जियां एक साथ उगाई जाती हैं। क्या है ये चमत्कारी पौधा, आइए विस्तार से जानते हैं।
पौधा एक सब्जियां अनेक
इस जादुई पौधे को विकसित करने का श्रेय भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (ICAR-Indian Institute of Vegetable Research) को जाता है, जो वाराणसी में स्थित है। IIVR के वैज्ञानिकों ने काफी लंबे शोध के बाद एक ऐसा पौधा विकसित करने में सफलता प्राप्त की है, जिसमें अलग अलग सब्जियां उग सकती हैं। ये भी पढ़ें – मच्छरों से पाना है छुटकारा, तो आज ही घर पर लगाए ये 10 खुशबूदार पौधें
इस पौधे को ब्रिमेटो (Brimato) और पोमेटो (Pomato) नाम दिया गया है, जिसे तैयार करने में लगभग 5 साल का समय लगा है। इन पौधों को ग्राफ्टिंग तकनीक (Grafting Technique) के जरिए तैयार किया गया है, जिसमें एक सब्जी के पौधे को दूसरे सब्जी के पौधे के साथ जोड़कर एक नया पौधा विकसित किया जाता है।
इन ग्राफ्टिंग पौधों को मुख्य रूप से कीचन गार्डनिंग (Kitchen Gardening) के तैयार किया गया है, जिन्हें गमले में लगाकर कम स्पेस में ज्यादा और अलग अलग सब्जियां प्राप्त की जा सकती हैं। ऐसे में अगर आप शहर में रहते हैं और कीचन गार्डनिंग करना पसंद करते हैं, तो पोमैटो और ब्रिमेटो पौधे आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
क्या है ब्रिमेटो और पोमेटो पौधा? What is Brimato and Pomato
पोमेटो नाम पौधों को टमाटर और आलू के पौधे की ग्राफ्टिंग करके तैयार किया गया है, जिसमें मिट्टी के अंदर आलू की पैदावर होती है जबकि मिट्टी के ऊपर पौधे में टमाटर लगते हैं। आपको बता दें कि एक पोमैटो पौधे में 2 किलोग्राम टमाटर और 600 ग्राम आलू की फसल तैयार की जा सकती है।
वहीं ब्रिमेटो (Brimato) पौधे को टमाटर और बैंगन के पौधे की ग्राफ्टिंग करके तैयार किया गया है, जिसमें एक साथ बैंगन और टमाटर की पैदावार होने लगती है। ब्रिमेटो के एक पौधे से 2 किलोग्राम टमाटर और ढाई किलोग्राम बैंगन प्राप्त किया जा सकता है, जो कीचन गार्डनिंग करने वाले लोगों को लिए किसी चमत्कारी पौधे से कम नहीं है।
इसके अलावा IIVR के वैज्ञानिकों ने एक तीसरा पौधा भी तैयार किया है, जिसमें टमाटर के साथ मिर्ची, लौकी, तरोई, खीरा और करेले जैसी सब्जियों को उगाया जा सकता है। इन सभी पौधों को ग्राफ्टिंग तकनीक से तैयार किया गया है, ताकि एक पौधे से दो या उससे ज्यादा प्रकार की सब्जियां प्राप्त की जा सके। ये भी पढ़ें – इन आसान टिप्स को अपनाकर कर घर में उगा सकते हैं इलायची का पौधा, छोटी-छोटी बातों का रखना पड़ता है ध्यान
Brimato: An Innovative Technology to produce Brinjal and Tomato in the same plant through Grafting.#ICAR
— Indian Council of Agricultural Research. (@icarindia) October 6, 2021
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कैसे तैयार किए जाते हैं ये जादुई पौधे?
पोमैटो पौधे को तैयार करने के लिए सबसे पहले आलू और टमाटर के पौधों को अलग अलग गमलों में विकसित किया जाता है। इसके बाद जब आलू और टमाटर का पौधा मिट्टी से 6 इंच लंबा हो जाता है, तो उन दोनों पौधों को ग्राफ्टिंग तकनी की मदद से एक दूसरे से जोड़ दिया जाता है।
इस तकनीक के लिए आलू और टमाटर के पौधे के तने की मोटाई एक बराबर होना अनिवार्य है, ताकि जब उन्हें कट करके एक दूसरे से जोड़ा जाए तो नया पौधा आसानी से विकसित हो सके। इसके बाद उस पौधे को लगभग 20 दिन तक देखरेख में रखा जाता है और फिर 20 दिन बाद उन्हें खेत में रोपाई के लिए ले जाया जाता है, जहां 2 से 3 महीने के अंदर पौधा अच्छी तरह से विकसित होकर आलू और टमाटर की फसल देने लगता है।
इसी तरह ब्रिमेटो (Brimato) पौधे को विकसित करने के लिए पहले बैंगन और टमाटर के पौधे को अलग अलग तैयार किया जाता है, जिसके बाद उन्हें 6 इंच तक लंबा होने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसके बाद 25 दिन बाद टमाटर और बैंगन के पौधे को ग्राफ्टिंग के जरिए एक दूसरे से जोड़ दिया जाता है, जिसके बाद उनकी खेत में रोपाई करके टमाटर और बैंग की फसल प्राप्त की जाती है। ये भी पढ़ें – घर पर गमले में आसानी से करें बैंगन की खेती, बस फॉलो करें ये आसान टिप्स