भारतीय खानपान में चावल एक बहुत अहम खाद्य पदार्थ है, जिसका इस्तेमाल बिरयानी से लेकर खीर और प्लेन राइस बनाने के लिए किया जाता है। यही वजह है कि भारत में चावल की खपत भी ज्यादा होती है, लेकिन क्या हो अगर आपको यह पता चले कि आप जिस चावल का सेवन कर रहे हैं वह नकली है।
बाजार में इन दिनों नकली चावल धड़ल्ले से बिक रहा है, जो मुख्य रूप से प्लास्टिक से बना हुआ होता है। ऐसे में नकली चावल का सेवन करने से आम नागरिक बीमार पड़ते हैं, जबकि इसका व्यापार करने वाले लोग करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं। ऐसे में बेहद जरूरी है कि आप असली और नकली चावल के बीच फर्क पहचान सके।
चीन में बनता है प्लास्टिक चावल
नकली चीजों का उत्पादन करने के मामले में चीन सबसे आगे है, जहाँ बड़े ब्रांड्स के साथ-साथ नकली बासमती चावल भी बनाकर तैयार किए जा रहे हैं। यह चावल प्लास्टिक से बनाए जाते हैं, जो दिखने और खाने में बिल्कुल असली चावल की तरह लगते हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति लगातार इन नकली चावलों का सेवन करता है, तो उसे पेट सम्बंधी गंभीर बीमारी हो सकती है।
असली और नकली चावल के बीच फर्क
अगर आप चावल का सेवन करते हैं, तो आपको यह पता होगा कि चावल की अपनी एक अलग खुशबू होती है। ऐसे में अगर आप बासमती चावल खरीदते हैं, तो उसकी पहचान खुशबू से की जा सकती है। लेकिन अगर चावल से खुशबू नहीं आ रही है, तो इसका मतलब है कि वह नकली चावल है।
बासमती चावल पारदर्शी और चमकदार होता है, जो पकाने के बाद लंबा और खिला-खिला हो जाता है। लेकिन नकली चावल पकने के बाद ज्यादा नहीं बढ़ता है और न ही खिला-खिला दिखाई देता है, इसके बजाय उसका रंग हल्का मटमैला हो जाता है।
नकली चावल की पहचान करने के लिए आप पानी और चूना मिलाकर एक घोल तैयार कर लिजिए, फिर उस घोल में थोड़े से चावल भिगो कर रख दीजिए। अगर चावल का रंग बदल जाता है, तो इसका मतलब यह है कि वह नकली चावल है। क्योंकि असली चावल कभी भी अपनी रंगत नहीं खोता है।
इसके अलावा चावल की पहचान करने के लिए आग का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, जिसके लिए एक चम्मच चावल को आग में डाल दीजिए। अगर चावल प्लास्टिक की तरह जलने लगता है, तो वह नकली है और अगर चावल काला हो जाता है तो वह असली होगा।
चावल को खुले बर्तन में उबालते वक्त अगर उसके माढ़ से मोटी और हल्की पीली परत जम जाती है, तो चावल नकली हो सकता है। क्योंकि असली चावल का माढ सफेत होता है और वह जरूरत से ज्यादा गाढ़ा नहीं होता है।
नकली चावल को गर्म बर्तन या तवे पर डालते ही वह गलने लगते हैं, जबकि असली चावल गर्म तापमान में भी पिघलता नहीं है और पकने लगता है।
असली चावल को पकाने के बाद अगर 1-2 दिन बाहर रख दिया जाए, तो वह खराब हो जाता है और उसमें से बदबू आने लगती है। लेकिन नकली चावल 2 से 3 दिन बाद भी खराब नहीं होता है और नहीं उसमें से कोई बदबू आती है, क्योंकि वह प्लास्टिक से बना होता है।
इस तरह आप अलग-अलग तरीकों को अपना कर चावल की क्वालिटी और उसके असली या नकली होने का पता लगा सकते हैं, जिसका सेवन करने से आपकी और आपके परिवार के सदस्यों की सेहत खराब हो सकती है।
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